1 जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी के लिए व्यापारिक क्षेत्रों ने तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय उद्योग परिसंघ का कहना है कि भारतीय उद्योग जगत ने 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवाकर को लागू किये जाने के लिए कमर कस ली है। परिसंघ का कहना है कि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और निर्यात विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, जीएसटी को सहयोगात्मक दृष्टिकोण के साथ अंतिम रूप दे दिया गया है और हमे इसके लागू होने का इंतज़ार है।
उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी आजादी के बाद से अब तक का सबसे महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर सुधार है। परिसंघ ने देशभर में 100 से ज्यादा कार्यशालाएं आयोजित की है, जिससे उद्योगों को नए नियमों के अनुरूप डालने में मदद दी जा सके। इन कार्यशालाओं में 5000 से ज्यादा उद्यमियों के पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा हेल्पलाइन भी स्थापित की गयी है, जो लोगो के सवालों का जवाब देगी। साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि प्रक्रिया को आसानी से समझाया जा सके।
सिस्टम को सुरक्षित करे
अगले महीने से जीएसटी लागू होने के मद्देनजर विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि सरकार एवं कंपनियों को तेज़ी से जटिल हो रहे साइबर हमलो से निबटने के लिए अपनी कम्प्यूटर नेटवर्क प्रणालियों के लिए सुरक्षा के पुख्ता उपाय करने चाहिए। पीडब्ल्यूसी इंडिया पार्टनर और लीडर शिवराम कृष्णन ने कहा कि नई कर व्यवस्था से कंपनियों पर कई खतरे है। डाटा लीक, मास्टर डाटा में अनाधिकृत बदलाव और तीसरे पक्ष की लिप्त जैसे खतरे बढ़ सकते हैसंलिप्त ऐसे में कंपनियों को अपनी आईटी सरंचना संशोधित करनी होगी।
साथ ही आप को बता दे, सरकारी लॉटरी पर 12% जीएसटी की दर तय की गई है। अधिकृत निजी लॉटरी पर 28% की दर से कर वसूला जाएगा ।