Indore News : पत्नी बनी पार्षद, पति की हो सकती है पार्टी में वापसी | Wife Becomes Councilor, Husband May Return To The Party | Patrika News
नगर निगम चुनाव में शहर के 85 में से 7 वार्डों में कांग्रेस के बागी चुनाव लड़े। इनमें वार्ड-2 से फातिमा रफीक खान, वार्ड-19 से रेखा अशोक जाधव, वार्ड-51 से संतोष यादव, वार्ड-55 से क्षमा मुकेश जैन, वार्ड-26 से विकास जाटवा, वार्ड-56 से धनराज घाटे, वार्ड-39 में तस्लीम वाहिद अली और वार्ड-41 से जय वर्मा शामिल थे। इनकी मान-मनौव्वल भी की गई पर ये बागी नहीं माने और मैदान में डटे रहे। इन बागियों को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
चुनाव के दौरान ही अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने इन बागियों को पार्टी से बाहर करने की कार्रवाई की थी। वार्ड-41 से वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे जय वर्मा को छोडक़र बाकी 6 बागियों को पार्टी से निष्कासित किया गया था, क्योंकि जय कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं। हालांकि चुनाव के दौरान इन बागियों को बल कांग्रेस नेताओं ने ही दिया। छह बागी चुनाव हार गए और वार्ड-2 में सिर्फ फातिमा रफीक खान ही 1040 वोट से चुनाव जीतकर पार्षद बनीं। इन बागियों के कारण वार्ड में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ीं और उन्हें हार का मुंह अलग देखना पड़ा।
विधायक शुक्ला को आपत्ति न होने पर होगी वापसी इधर, बगावत कर वार्ड-2 में पत्नी को चुनाव लड़वाने पर पार्टी से बाहर हुए रफीक की कांग्रेस में फिर से वापसी हो सकती है। इसको लेकर कवायद चल रही है। उनकी मदद मुस्लिम वर्ग से बने पार्षद भी कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी में इंट्री से पहले रफीक को विधायक संजय शुक्ला की एनओसी लेना पड़ेगी। एनओसी मिल गई तो उनकी कांग्रेस में वापसी हो जाएगी। इसकी पुष्टि करते हुए शहर अध्यक्ष बाकलीवाल ने कहा कि रफीक खान को पार्टी में वापस लेने पर शुक्ला को कोई आपत्ति नहीं हुई तो वापस ले लिया जाएगा। शुक्ला की एनओसी इसलिए जरूरी है कि वार्ड-2 उनकी विधानसभा में आता है।
…तो कांग्रेस के हो जाएंगे 20 पार्षद निगम चुनाव में शहर के 85 में से 19 वार्ड में ही कांग्रेस अपनी जीत दर्ज करवा पाई और 66 वार्ड हार गई। अगर बागी फातिमा खान की पार्टी में इंट्री हो गई तो निगम में कांग्रेस के 20 पार्षद हो जाएंगे, जो पिछली परिषद से 5 ज्यादा होंगे। गौरतलब है कि वर्ष-2015 के चुनाव में 15 ही पार्षद थे। बाद में दो निर्दलीय पार्षद को कांग्रेस में शामिल किया गया। इनमें रुबीना खान और मुबारिक मंसूरी शामिल थे। इस बार ये दोनों कांग्रेस से चुनाव लड़े। रुबीना जीत गईं और मंसूरी की पत्नी हार गई, जिन्हें कांग्रेस के बागी रफीक खान की पत्नी ने हराया। पिछली बार मंसूरी ने निर्दलीय चुनाव लडक़र कांग्रेस प्रत्याशी रहे रफीक को हराया था। इसके बाद से दोनों के बीच राजनीतिक लड़ाई चली आ रही है।
नगर निगम चुनाव में शहर के 85 में से 7 वार्डों में कांग्रेस के बागी चुनाव लड़े। इनमें वार्ड-2 से फातिमा रफीक खान, वार्ड-19 से रेखा अशोक जाधव, वार्ड-51 से संतोष यादव, वार्ड-55 से क्षमा मुकेश जैन, वार्ड-26 से विकास जाटवा, वार्ड-56 से धनराज घाटे, वार्ड-39 में तस्लीम वाहिद अली और वार्ड-41 से जय वर्मा शामिल थे। इनकी मान-मनौव्वल भी की गई पर ये बागी नहीं माने और मैदान में डटे रहे। इन बागियों को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
चुनाव के दौरान ही अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने इन बागियों को पार्टी से बाहर करने की कार्रवाई की थी। वार्ड-41 से वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे जय वर्मा को छोडक़र बाकी 6 बागियों को पार्टी से निष्कासित किया गया था, क्योंकि जय कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं। हालांकि चुनाव के दौरान इन बागियों को बल कांग्रेस नेताओं ने ही दिया। छह बागी चुनाव हार गए और वार्ड-2 में सिर्फ फातिमा रफीक खान ही 1040 वोट से चुनाव जीतकर पार्षद बनीं। इन बागियों के कारण वार्ड में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ीं और उन्हें हार का मुंह अलग देखना पड़ा।
विधायक शुक्ला को आपत्ति न होने पर होगी वापसी इधर, बगावत कर वार्ड-2 में पत्नी को चुनाव लड़वाने पर पार्टी से बाहर हुए रफीक की कांग्रेस में फिर से वापसी हो सकती है। इसको लेकर कवायद चल रही है। उनकी मदद मुस्लिम वर्ग से बने पार्षद भी कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी में इंट्री से पहले रफीक को विधायक संजय शुक्ला की एनओसी लेना पड़ेगी। एनओसी मिल गई तो उनकी कांग्रेस में वापसी हो जाएगी। इसकी पुष्टि करते हुए शहर अध्यक्ष बाकलीवाल ने कहा कि रफीक खान को पार्टी में वापस लेने पर शुक्ला को कोई आपत्ति नहीं हुई तो वापस ले लिया जाएगा। शुक्ला की एनओसी इसलिए जरूरी है कि वार्ड-2 उनकी विधानसभा में आता है।
…तो कांग्रेस के हो जाएंगे 20 पार्षद निगम चुनाव में शहर के 85 में से 19 वार्ड में ही कांग्रेस अपनी जीत दर्ज करवा पाई और 66 वार्ड हार गई। अगर बागी फातिमा खान की पार्टी में इंट्री हो गई तो निगम में कांग्रेस के 20 पार्षद हो जाएंगे, जो पिछली परिषद से 5 ज्यादा होंगे। गौरतलब है कि वर्ष-2015 के चुनाव में 15 ही पार्षद थे। बाद में दो निर्दलीय पार्षद को कांग्रेस में शामिल किया गया। इनमें रुबीना खान और मुबारिक मंसूरी शामिल थे। इस बार ये दोनों कांग्रेस से चुनाव लड़े। रुबीना जीत गईं और मंसूरी की पत्नी हार गई, जिन्हें कांग्रेस के बागी रफीक खान की पत्नी ने हराया। पिछली बार मंसूरी ने निर्दलीय चुनाव लडक़र कांग्रेस प्रत्याशी रहे रफीक को हराया था। इसके बाद से दोनों के बीच राजनीतिक लड़ाई चली आ रही है।