Indore News : दो वर्ष बाद बनी बात…बीएसएफ देगा नगर निगम को सर्विस शुल्क | BSF Will Pay Service Fee To Municipal Corporation | Patrika News

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Indore News : दो वर्ष बाद बनी बात…बीएसएफ देगा नगर निगम को सर्विस शुल्क | BSF Will Pay Service Fee To Municipal Corporation | Patrika News

Indore News : दो वर्ष बाद बनी बात…बीएसएफ देगा नगर निगम को सर्विस शुल्क | BSF Will Pay Service Fee To Municipal Corporation | Patrika News

निगम राजस्व विभाग केंद्र और राज्य सरकार से जुड़े विभागों की सरकारी संपत्तियों से टैक्स और सर्विस शुल्क वसूलने में हमेशा नाकाम ही रहता है। बार-बार तकादा करने के बावजूद यह विभाग न तो संपत्ति कर देते और न ही सर्विस शुल्क देते हैं। निगम को बस टल्ले देते रहते हैं। इस पर निगम इनका कुछ बिगाड़ भी नहीं पाती, जबकि आम आदमी के बकाया टैक्स न देने पर निगम राजस्व अमला संपत्ति पर ताले लगाकर जब्ती-कुर्की कर लेता है। सरकारी विभागों की संपत्ति पर टैक्स बकाया होने पर ताला लगाने की कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ वसूली के प्रयास ही किए जाते रहते हैं।

रेलवे संपत्तियों की होगी नपती रेलवे संपत्तियों पर करोड़ों रुपए सर्विस शुल्क बकाया है। इसे वसूलने में भी निगम राजस्व विभाग लगा है। इसके लिए निगम ने रेलवे अफसरों को नोटिस जारी कर अपनी संपत्तियों के बारे में बताने और नपती कर देने को कहा था, लेकिन रेलवे ने न तो सहयोग किया और न ही अपनी संपत्ति के बारे में बताने के साथ नपती करके दी। इस पर राजस्व विभाग आज से रेलवे की शहर में संपत्ति की जांच कर नपती शुरू करेगा। राजस्व विभाग की उपायुक्त अग्रवाल के निर्देशन में यह कार्रवाई शुरू होगी।

200 करोड़ से ज्यादा बकाया शहर में केंद्र और राज्य सरकार के विभागों की संपत्तियों पर 200 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया हैं। इसमें इंदौर विकास प्राधिकरण, पुलिस, पीडब्ल्यूडी, आयकर, जीएसटी, रेलवे आदि विभाग शामिल हैं। पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी इंदौर अपनी संपत्तियों का टैक्स निगम को जारी होने वाले बिजली बिल में समायोजित कर भरती है।

वसूलना है संपत्तिकर 1100 करोड़ रुपए शहर में 1100 करोड़ रुपए संपत्तिकर बकाया है। इसमें सरकारी विभागों के साथ आम करदाता दोनों शामिल हैं। निगम में हर वर्ष संपत्तिकर के रूप में 500 करोड़ रुपए के आसपास ही जमा होते हैं। इसमें नियमित, बकायादार और अग्रिम सभी तरह के करदाता शामिल हैं।

आईजी से मिलीं उपायुक्त निगम राजस्व विभाग दो वर्ष से बीएसएफ की संपत्तियों पर बकाया सर्विस शुल्क की मूल राशि साढ़े 4 करोड़ रुपए और सरचार्ज की राशि लेने के प्रयास कर रहा है। पिछले दिनों निगमायुक्त प्रतिभा पाल के आदेश पर राजस्व विभाग की उपायुक्त लता अग्रवाल ने बीएसएफ आईजी कुलदीप कुमार गुलिया से मुलाकात की और उनके समक्ष बकाया सर्विस शुल्क जल्द से जल्द देने की बात रखी। इस पर गुलिया ने हामी भर दी। निगम राजस्व विभाग आज बीएसएफ संपत्ति की नपती के आधार पर डिमांड नोट भेजेगा। इसमें सर्विस शुल्क की मूल राशि साढ़े चार करोड़ रुपए और सरचार्ज की राशि दोनों अलग-अलग रहेगी। डिमांड नोट मिलने के बाद बीएसएफ राशि देने की मंजूरी के लिए प्रस्ताव बनाकर अपने दिल्ली हेड क्वार्टर भेजेगा। मंजूरी मिलते ही निगम को राशि मिलेगी।

वर्ष 2000 से लिया जाएगा निगम राजस्व विभाग वर्ष 2000 से बीएसएफ से सर्विस शुल्क लेगा। इसके लिए दो वर्ष पहले ही बीएसएफ की सभी संपत्तियों की नपती कर ली गई थी। इसके आधार पर ही डिमांड नोट बनाया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के अधीन विभागों की संपत्तियों पर टैक्स नहीं लगता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने टैक्स के बजाय सर्विस शुल्क लेने के आदेश निगम को दिए हैं। इसके परिपालन में ही निगम राजस्व विभाग संपत्तिकर को छोडक़र बीएसएफ से अन्य सर्विस शुल्क ले रहा है, जो कि संपत्तिकर के साथ अलग से लगते हैं।

बीएसएफ आईजी से मुलाकात के बाद उन्होंने सर्विस शुल्क देने का आश्वासन दिया है। इस पर आज बीएसएफ की संपत्तियों की नपती के आधार डिमांड नोट भेजा जाएगा। आज से रेलवे की संपत्ति की जांच कर नपती शुरू होगी। इसके बाद सर्विस शुल्क वसूलने को लेकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

– लता अग्रवाल, उपायुक्त राजस्व विभाग नगर निगम



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