Indore News : जीआईएस सर्वे में खुलासा, नहीं खुले एक लाख संपत्तिकर के खाते | Revealed In GIS Survey, One Lakh Property Tax Accounts Not Opened | Patrika News

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Indore News : जीआईएस सर्वे में खुलासा, नहीं खुले एक लाख संपत्तिकर के खाते | Revealed In GIS Survey, One Lakh Property Tax Accounts Not Opened | Patrika News

Indore News : जीआईएस सर्वे में खुलासा, नहीं खुले एक लाख संपत्तिकर के खाते | Revealed In GIS Survey, One Lakh Property Tax Accounts Not Opened | Patrika News

इसके साथ ही हजारों संपत्तियां ऐसी हैं, जिनमें कमर्शियल की जगह आवासीय का संपत्तिकर भरा जा रहा है। संपत्ति का क्षेत्रफल अधिक होने के बावजूद टैक्स कम भरा जा रहा है। लोगों की संपत्तियों में मिली इस तरह की गड़बडिय़ों को अब निगम सुधारेगा ताकि निगम में सही टैक्स जमा हो और राजस्व बढ़ सके। इसके लिए राजस्व अमले को 30 सितंबर तक यह काम पूरा करने का टारगेट दिया गया है।

निगम राजस्व रिकॉर्ड अनुसार शहर में संपत्तिकर के 6 लाख 30 हजार खाते हैं। इनसे हर वर्ष करीब 400 करोड़ रुपए जमा होते हैं। वित्तीय वर्ष-2022-23 के चलते संपत्तिकर के रूप में 200 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हो गए हैं। इसमें अग्रिम, नियमित और बकायादार करदाताओं की जमा कराई गई राशि शामिल है। इधर, निगम का राजस्व बढ़ाने को लेकर पिछले कई वर्षों से जीआईएस सर्वे कराया जा रहा है। इसमें खुलासा हुआ है कि शहर में एक लाख संपत्तियां ऐसी हैं, जिनके संपत्तिकर खाते अभी तक नहीं खुले हैं। इससे निगम को बड़ी राजस्व हानि हो रही है।

इसके साथ ही संपत्ति का क्षेत्रफल 2 से 5 हजार वर्गफीट से अधिक है, मगर कम क्षेत्रफल का संपत्तिकर और अन्य कर जमा किया जा रहा है। ऐसी लगभग 39 हजार 267 संपतियां हैं। सर्वे में 21 हजार 571 संपत्तियां ऐसी पाई गई हैं, जिनका कमर्शियल उपयोग हो रहा और संपत्तिकर आवासीय का भरा जा रहा है। जीआईएस सर्वे में संपत्तियों को लेकर मिली गड़बड़ी ने निगम के 19 जोन पर तैनात सहायक राजस्व अधिकारी (एआरओ), बिल कलेक्टर और सहायक सहित राजस्व विभाग के बड़े अफसरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।

तय समय में हो डिमांड परिवर्तन जीआईएस सर्वे में लोगों की संपत्तियों को लेकर मिली गड़बड़ी और एक लाख से अधिक संपत्तियों के खाते नहीं खुलने पर निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने राजस्व अमले पर कल उस समय गहरी नाराजगी जाहिर की, जब वे राजस्व वसूली को लेकर सिटी बस ऑफिस में समीक्षा कर रही थीं। इस दौरान राजस्व विभाग की अपर आयुक्त भव्या मित्तल, समस्त एआरओ, बिल कलेक्टर, सहायक बिल कलेक्टर व अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे। समीक्षा के दौरान निगमायुक्त पाल ने जीआईएस सर्वे में जिन एक लाख से अधिक संपत्तियों के खाते नहीं खुले हैं उनके खाते खोलने के लिए प्रकरण तैयार करने के आदेश राजस्व अमले को दिए हैं। इसके साथ ही जिन संपत्तियों के क्षेत्रफल और उपयोग में गड़बड़ी है, उनके खातों में सुधार कर सर्वे अनुसार टैक्स की मांग संशोधित कर डिमांड परिवर्तन करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने यह काम 30 सितंबर तक किसी सूरत में पूरा करने का टारगेट दिया है। इसके डिमांड में परिवर्तन करने के लिए प्रकरण तैयार कर आगामी कार्रवाई को लेकर निगम मुख्यालय तय समय में भेजने के निर्देश दिए हैं। टारगेट के हिसाब से काम पूरा न होने पर निगमायुक्त पाल ने संबंधित एआरओ और बिल कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने का भी कहा है।



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