Indore News : अफसरों पर भड़के महापौर…बोले तुम्हारे कारण बदनामी झेलना पड़ेगी हमें | Mayor Furious At Municipal Corporation Officers | Patrika News
इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को यह फटकार महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कल उस समय लगाई जब वे निगम मुख्यालय स्थित एमआईसी हॉल में 3 माह में पूरे किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। 17 जुलाई को नगर निगम चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर बने भार्गव ने शपथ 5 अगस्त को ली थी। इसके दो दिन बाद 7 अगस्त को निगम में पदभार ग्रहण करते ही तीन माह की कार्ययोजना घोषित की थी। उन्होंने दावा किया था कि 3 महीने में शहर में चल रहे कई काम पूर्ण कर लिए जाएंगे। इसमें बड़ा गणपति चौराहा से कृष्णपुरा छत्री तक रोड चौड़ीकरण भी शामिल था।
महापौर भार्गव ने 3 महीने की कार्ययोजना बनाकर घोषित कर दी, लेकिन दो महीने बाद कल जब कार्यों की समीक्षा की गई तो निगम अफसरों के काम करने की पोल खुल गई। इस पर महापौर भार्गव अफसरों पर जमकर भडक़े। सबसे ज्यादा स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को फटकार लगाई , क्योंकि बड़ा गणपति चौराहा से कृष्णपुरा छत्री तक के रोड की हालत बहुत खराब हो रही है। इसके साथ ही रोड को जगह-जगह से खोद दिया है।
दीपावली त्योहार के चलते रोड पर जहां रश रहता है, वहीं वाहन चालकों को निकलने और व्यापारियों को दुकानदारी करने में परेशानी हो रही है। यह देखते हुए ही महापौर भार्गव स्मार्ट सिटी कंपनी के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी सहित अन्य अफसरों पर काफी नाराज हुए। तय समय सीमा में रोड के न बनने पर खूब खरी-खोटी सुनाई।
बैठक में सभापति मुन्नालाल यादव, महापौर परिषद सदस्य राजेन्द्र राठौर, अश्विन शुक्ल, निरंजन सिंह चौहान, अभिषेक शर्मा बबलू, जितेन्द्र यादव, राजेश उदावत, नंदकिशोर पहाडिय़ा, मनीष शर्मा, प्रिया डांगी और राकेश जैन मौजूद थे। अफसरों में अपर आयुक्त भव्या मित्तल, अभय राजनगांवकर, अधीक्षण यंत्री राजेन्द्र राठौर, महेश शर्मा, डीआर लोधी, सिटी इंजीनियर राकेश अंखड, कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल, संजीव श्रीवास्तव, सहायक यंत्री लक्ष्मीकांत वाजपेयी और पीसी जैन आदि उपस्थित थे। बैठक में निगमायुक्त प्रतिभा पाल के न आने पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
मैं कभी नहीं बोलता कटु शब्द महापौर भार्गव की तीन महीने की कार्ययोजना पर निगम अफसरों का काम नहीं करना कई सवाल खड़े कर रहा है। इधर, काम न होने पर नाराज हुए महापौर भार्गव ने अफसरों को सख्त लहजे में कहा कि मैं कभी कटु शब्द नहीं बोलता हूं। मैं लिखता हूं, क्योंकि मैं लिखा-पढ़ी में बहुत पक्का हूं। आप सभी के काम न करने की आदत पर मैं ऐसा लिख सकता हूं, जो आप लोगों के लिए खतरनाक हो जाएगा, इसलिए आप सभी ध्यान रखें कि मुझे बताए बगैर कोई नई पॉलिसी नहीं बनना चाहिए। साथ ही जो काम बताऊं, वह होना चाहिए, वरना तुम लोगों के लिए ठीक नहीं होगा।
अफसरों की उड़ी हवाइयां बैठक में महापौर का पहली बार ऐसा रूप देखकर कई अफसरों के चेहरों की हवाइयां उड़ गई थीं। महापौर ने अफसरों को यहां तक कह दिया कि तुम लोगों के कार्य करने की शैली को देखकर मुझे नहीं लगता कि मेरी प्राथमिकता वाले कार्य तीन महीने यानी 6 नवंबर तक पूरे होंगे। जब मेरे कहने पर यह हालात हैं, तो जनता की क्या स्थिति होती होगी।
इन विभागों की हुई समीक्षा बैठक के दौरान स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, योजना शाखा, पुल प्रकोष्ठ शाखा, यातायात विभाग, विद्युत विभाग, जनकार्य विभाग, नर्मदा प्रोजेक्ट, उद्यान विभाग, जल यंत्रालय विभाग, स्वच्छ भारत मिशन विभाग, भवन अनुज्ञा शाखा, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन व स्वास्थ्य विभाग की 3 माह की प्राथमिकताओं की समीक्षा की गई। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजबाडा, गोपाल मंदिर, मल्हारराव होलकर छत्री, बोलिया सरकार छत्री के जीर्णोद्धार कार्य की धीमी गति होने पर स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को फटकार लगाते हुए,कहा कि कार्य में जो देरी हो रही है, उसको लेकर कौन जिम्मेदार है। उन्होंने निगामायुक्त पाल को पत्र लिखकर समय पर काम पूरा न करन वाले अफसरो की सीआर बिगाडऩे तक की चेतावनी दी।
इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को यह फटकार महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कल उस समय लगाई जब वे निगम मुख्यालय स्थित एमआईसी हॉल में 3 माह में पूरे किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। 17 जुलाई को नगर निगम चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर बने भार्गव ने शपथ 5 अगस्त को ली थी। इसके दो दिन बाद 7 अगस्त को निगम में पदभार ग्रहण करते ही तीन माह की कार्ययोजना घोषित की थी। उन्होंने दावा किया था कि 3 महीने में शहर में चल रहे कई काम पूर्ण कर लिए जाएंगे। इसमें बड़ा गणपति चौराहा से कृष्णपुरा छत्री तक रोड चौड़ीकरण भी शामिल था।
महापौर भार्गव ने 3 महीने की कार्ययोजना बनाकर घोषित कर दी, लेकिन दो महीने बाद कल जब कार्यों की समीक्षा की गई तो निगम अफसरों के काम करने की पोल खुल गई। इस पर महापौर भार्गव अफसरों पर जमकर भडक़े। सबसे ज्यादा स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को फटकार लगाई , क्योंकि बड़ा गणपति चौराहा से कृष्णपुरा छत्री तक के रोड की हालत बहुत खराब हो रही है। इसके साथ ही रोड को जगह-जगह से खोद दिया है।
दीपावली त्योहार के चलते रोड पर जहां रश रहता है, वहीं वाहन चालकों को निकलने और व्यापारियों को दुकानदारी करने में परेशानी हो रही है। यह देखते हुए ही महापौर भार्गव स्मार्ट सिटी कंपनी के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी सहित अन्य अफसरों पर काफी नाराज हुए। तय समय सीमा में रोड के न बनने पर खूब खरी-खोटी सुनाई।
बैठक में सभापति मुन्नालाल यादव, महापौर परिषद सदस्य राजेन्द्र राठौर, अश्विन शुक्ल, निरंजन सिंह चौहान, अभिषेक शर्मा बबलू, जितेन्द्र यादव, राजेश उदावत, नंदकिशोर पहाडिय़ा, मनीष शर्मा, प्रिया डांगी और राकेश जैन मौजूद थे। अफसरों में अपर आयुक्त भव्या मित्तल, अभय राजनगांवकर, अधीक्षण यंत्री राजेन्द्र राठौर, महेश शर्मा, डीआर लोधी, सिटी इंजीनियर राकेश अंखड, कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल, संजीव श्रीवास्तव, सहायक यंत्री लक्ष्मीकांत वाजपेयी और पीसी जैन आदि उपस्थित थे। बैठक में निगमायुक्त प्रतिभा पाल के न आने पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
अफसरों की उड़ी हवाइयां बैठक में महापौर का पहली बार ऐसा रूप देखकर कई अफसरों के चेहरों की हवाइयां उड़ गई थीं। महापौर ने अफसरों को यहां तक कह दिया कि तुम लोगों के कार्य करने की शैली को देखकर मुझे नहीं लगता कि मेरी प्राथमिकता वाले कार्य तीन महीने यानी 6 नवंबर तक पूरे होंगे। जब मेरे कहने पर यह हालात हैं, तो जनता की क्या स्थिति होती होगी।
इन विभागों की हुई समीक्षा बैठक के दौरान स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, योजना शाखा, पुल प्रकोष्ठ शाखा, यातायात विभाग, विद्युत विभाग, जनकार्य विभाग, नर्मदा प्रोजेक्ट, उद्यान विभाग, जल यंत्रालय विभाग, स्वच्छ भारत मिशन विभाग, भवन अनुज्ञा शाखा, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन व स्वास्थ्य विभाग की 3 माह की प्राथमिकताओं की समीक्षा की गई। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजबाडा, गोपाल मंदिर, मल्हारराव होलकर छत्री, बोलिया सरकार छत्री के जीर्णोद्धार कार्य की धीमी गति होने पर स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को फटकार लगाते हुए,कहा कि कार्य में जो देरी हो रही है, उसको लेकर कौन जिम्मेदार है। उन्होंने निगामायुक्त पाल को पत्र लिखकर समय पर काम पूरा न करन वाले अफसरो की सीआर बिगाडऩे तक की चेतावनी दी।