Indian Railway: बिहार में चोरों का नया कारनामा, पुल के बाद अब 2 किमी तक पटरी उखाड़ ले गए

6
Indian Railway: बिहार में चोरों का नया कारनामा, पुल के बाद अब 2 किमी तक पटरी उखाड़ ले गए

Indian Railway: बिहार में चोरों का नया कारनामा, पुल के बाद अब 2 किमी तक पटरी उखाड़ ले गए


ऐप पर पढ़ें

बिहार में कभी टावर तो कभी पुल चोरी हो जाता है। और अब चोरों ने 2 किमी लंबा रेलवे ट्रैक ही चुरा लिया। मधुबनी जिले की लोहट चीनी मिल को पंडौल रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक को चोरों ने चुरा लिया। जिसका काफी वक्त से इस्तेमाल नहीं हो रहा था। इस ट्रैक को मीटर गेज यानी (एमजी) कहा जाता था। और साल 1996 से इस्तेमाल में नहीं था। और चीनी मिल भी पिछले तीन दशकों से बंद है। इसलिए चीनी मिल को जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक पर इंजन या वैगनों की कोई आवाजाही नहीं थी। पंडौल स्टेशन दरभंगा-जय नगर रेलवे ट्रैक के बीच स्थित है। जबकि एमजी लाइन को आठ किलोमीटर की दूरी पर माल परिवहन के लिए रखा गया था।

आरपीएफ जवानों की मिलीभगत का शक

इस मामले में आरपीएफ ने दरभंगा आरपीएफ चौकी में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर राहुल कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है।  पुलिस ने उसके कब्जे से चोरी का सामान भी बरामद किया है। रेलवे अधिकारियों को संदेह है कि यह रात में हुई चोरी नहीं है। आरपीएफ जवानों की मिलीभगत के बिना ऐसा नहीं हो सकता था। सब-इंस्पेक्टर श्रीनिवास कुमार और सहायक सब-इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिन्हा के रूप में पहचाने गए दो आरपीएफ कर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है। रविवार को मुख्य सुरक्षा आयुक्त (सीएससी) एससी पाढ़ी के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और घटना की जानकारी ली। जांच दल को संदेह था कि चूंकि उस खंड पर कोई हलचल नहीं थी, चोरों ने ट्रैक चुरा लिया और इसे स्क्रैप डीलरों को बेच दिया। बंद चीनी मिल 225 एकड़ भूमि में फैली हुई है और 1914 में स्थापित हुई थी और 1996 में बंद हो गई थी।

कभी पुल तो कभी इंजन के पुर्जे हुए चोरी 

पंडौल के स्थानीय लोगों ने बताया कि चीनी मिल को अब इथेनॉल फैक्ट्री में बदल दिया गया है। एक निजी बीबीएस कंपनी ने जुलाई 2022 को खुली निविदा में 21 करोड़ रुपये की लागत से इसका स्क्रैप खरीदा था। जब बीबीएस कंपनी का मजदूर मिल में कबाड़ काटने पहुंचा तो पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें रोक लिया और 1276 मजदूरों का बकाया भुगतान करने को कहा था। इस बीच, पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि एमजी लाइन को मिट्टी के नीचे डाला गया था और खुदाई के बाद बदमाशों ने इसे चुरा लिया।

यह भी पढ़े- बिहार में 60 फीट लंबा व 10 फीट चौड़ा पुल चोरी, JCB से उखाड़ ले गए चोर, 20 टन लोहे को ट्रकों में लादकर ले गए शातिर

प्रथम दृष्टया एमजी लाइन निजी मिल की बताई जा रही है। सीपीआरओ ने कहा कि आरपीएफ पूरे मामले की जांच कर रही है कि यह सर्विंग लाइन थी या किसी निजी मिल की। बिहार में रेलवे स्क्रैप की चोरी के कई मामले सामने आ चुके हैं। साल 2022 में पुलिस ने पूर्णिया कोर्ट परिसर में रखे विंटेज रेल इंजन के पुर्जे चोरी करने और रोहतास में स्टील ब्रिज खोलने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया था। समस्तीपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले प्रसिद्ध गरहरा रेलवे यार्ड से कबाड़ चोरी मामले में आरपीएफ ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।  बेगूसराय जिले के बरौनी के पास स्थित यह यार्ड 2200 एकड़ में फैला है।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News