ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के विवादास्पद बयान का इंडियन आर्मी ने करारा जवाब दिया है। नॉर्दर्न कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने कहा कि सेना धर्म से ऊपर है और सभी जवानों के साथ समान व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा, “सेना सर्वधर्म स्थल है। आर्मी में हर धर्म और संप्रदाय के जवान हैं, लेकिन यहां धार्मिक पहचान मायने नहीं रखता है। हम जवानों को धर्म के आधार पर नहीं बांटते हैं।” सुंजवान सैन्य शिविर पर आतंकी हमले में कई जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद ओवैसी ने कहा था कि हमले में शहीद होने वाले सात जवानों में से पांच कश्मीरी मुस्लिम हैं। उनके इस बयान पर विवाद पैदा हो गया था। सुंजवान हमले को लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने सीमा पार उपजी हताशा का परिणाम करार दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने कहा, “यह दुश्मन की हताशा है। जब वह सीमा पर सामना नहीं कर पाता है तो ऐसी जगहों की तलाश में रहता है, जहां सुरक्षा व्यवस्था उतनी चाक-चौबंद नहीं रहती है। हमलोग बेहतर तरीके से तैयार हैं। उड़ी के सैन्य शिविर पर हमले के बाद देशभर के आर्मी कैंप की सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए 364 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन हर जगह की सुरक्षा को तुरंत चाक-चौबंद करना मुश्किल है। हमलोग इस पर काम कर रहे हैं, क्योंकि यह चिंता का सबब बन चुका है।” सुंजवान में सैन्य शिविर पर हमले के बाद घाटी में भी सीआरपीएफ के एक कैंप पर हमला किया गया था। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू जाकर घायल जवानों का हालचाल जाना था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
#BREAKING – Army’s message to Netas – ‘Don’t politicise Army’: Lt Gen Devraj Anbu, GOC, Northern Command. #ArmyAboveReligion pic.twitter.com/r09kVx8dCe
— News18 (@CNNnews18) February 14, 2018
ओवैसी ने सुंजवान आर्मी कैंप पर हमले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था, “रोज रात को नौ बजे टीवी चैनलों पर मुसलमानों के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाए जाते हैं। कश्मीरियों पर इल्जाम लगाए जाते हैं। अब शहीद होने वाले सात में से पांच कश्मीरी मुसलमान हैं। इस पर क्यों नहीं बोला जा रहा है कि मरने वाले कश्मीरी मुसलमान हैं। पूरे मुल्क में खामोशी क्यों है? इससे उन लोगों को सबक हासिल करना होगा जो मुसलमानों की वफादारी पर शक करते हैं। उन लोगों को सबक सीखना होगा जो आज भी मुसलमानों को पाकिस्तानी कह कर पुकारते हैं…हम तो जान दे रहे हैं। दहशतगर्द सभी को सिर्फ हिंदुस्तानी मानते हैं और यही समझ कर गोली मारते हैं। लेकिन हिंदुस्तान में कुछ लोग अभी भी मुसलमानों पर शक करते हैं।”