चीन को डोकलाम में घेरने की तैयारी में है भारत

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सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, विदेश सचिव विजय गोखले और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एन.एस.ए.) अजित डोभाल ने फ़रवरी के शुरुआत में भूटान का दौरा किया था. उन्होंने वहां पर भूटान के नेतृत्व के साथ -साथ डोकलाम पठार में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी तथा अवसंरचना विकास पर ध्यान केंद्रित किया.इसे भूटान के रास्ते चीन को घेरने की कोशिश माना जा रहा है.

भूटान का ये दौरा ६-७ फ़रवरी को किया गया था. वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों तथा भूटान सरकार के बीच बैठकों के ‘सकारात्मक’ परिणाम सामने आए हैं. सेना प्रमुख जनरल बिपिन, अजित डोभाल और  विदेश सचिव विजय गोखले का यह दौरा डोकलाम गतिरोध के बाद भारत की ओर से भूटान का पहला शीर्ष स्तरीय दौरा था. भूटान और भारत दोनों ही पक्षों ने इस दौरे को गोपनीय रखा. इस ख़ुफ़िया दौरे में उन्होंने भूटानी नेतृत्व से डोकलाम पठार पर चीनी सेना की तादाद बढ़ने और सैन्य ढांचा खड़ा करने पर रणनीतिक चर्चा की.Doklam -

इस दौरे से तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भूटानी समकक्ष सेरिंग तोबगे के साथ गुवाहाटी में एक निवेश सम्मेलन से अलग बातचीत की थी. सूत्रों से पता चला है कि भूटानी पक्ष ने भूटान और चीन के बीच सीमा वार्ताओं की स्थिति के बारे में भारतीय पक्ष को अवगत कराया. भूटान का कहना है कि वो शांति चाहता है. इसके तहत चीन और भूटान इलाके में विवाद के समाधान को लेकर बातचीत कर रहे हैं.

नियमित था ये दौरा

डोकलाम में पिछले साल 16 जून से 73 दिनों तक भारतीय और चीनी सैनिक आमने सामने थे. यह गतिरोध तब शुरू हुआ था जब भारतीय पक्ष ने चीनी सेना द्वारा विवादित डोकलाम त्रिसंगम पर किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था. विदेश सचिव के दौरे के बारे में पूछे जाने पर एक राजनयिक सूत्र ने इसे ‘‘नियमित’’ बताया. पिछले नौ माह में यह जनरल रावत का दूसरा भूटान दौरा था. जनरल रावत चीन के साथ लगने वाली करीब 4,000 किमी लंबी सीमा पर भारत द्वारा पर्याप्त ध्यान दिए जाने की बात कहते हैं. पिछले माह उन्होंने कहा था कि समय आ गया है जब देश को अपना फोकस पश्चिम से उत्तरी सीमा की ओर करना चाहिए. सेना के सूत्रों ने बताया कि चीन के सैनिक उत्तरी डोकलाम में हैं और वह इलाके में अपनी अवसंरचना को भी मजबूत कर रहा है.