रोबो टेक्नोलॉजी की दुनिया में पिछडा भारत

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भारत अपने कुशल और विशाल मानव संसाधन के कारण दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुका हो. यह फिर अपने कई आइटी- सॉफ्टवेयर हब बना रहा हो. लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में स्वचालित यंत्रों के इस्तेमाल में आज भी भारत काफी हद तक कमजोर साबित हुआ हैं. इंटरनेशनल फेडरेडशन ऑफ रोबोटिक्स के अनुसार रोबोर्ट कामगारों के मामले में आज भी भारत सबसे पीछे है. इस का मुख्य कारण उद्योग-धंधों में रोबोट का इस्तेमाल सुचारू तरीके से नहीं हो रहा है. दुनिया भर में ऑटोमेशन समय की मांग काफी हद तक बढ़ा गई है. उद्योग-धंधों में रोबोट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. वही दुनिया भर में औद्योगिक उत्पादन हो यह फिर क्वालिटी कंट्रोल सभी में रोबोट लगाए जा रहे हैं.

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इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में कौन सा शहर रहा अवल स्थान पर

अगर 2016 के आंकड़ो को देखे तो दक्षिण कोरिया में प्रति दस हजार कामगारों पर 631 औद्योगिक रोबोट है. इनका मुख्य रूप से प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण क्षेत्रों में किया जा रहा है. यह सकारात्मक काम के जरिए ही आज दक्षिण कोरिया शीर्ष स्थान हासिल कर पाया है, और वही सिंगापुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है. वैसे बता दे वैश्विक स्तर पर जर्मनी और जापान मोटर वाहन उद्योगों के लिए जाने जाते है. हालांकि, जापान वास्तव में औद्योगिक रोबोटों की दुनिया का प्रमुख निर्माता है, जिस पर 52 प्रतिशत वैश्विक आपूर्ति की जिम्मेदारी है.

भारत में 2020 तक औद्योगिक स्तर पर बढ़ सकता है रोबोट

अनुमान है कि 2020 तक भारत में 6,000 औद्योगिक रोबोट का प्रयोग होने लगेगा. और यह भी कहा जा रहा कि इनका भविष्य मोटर वाहन उद्योग में देखा जा सकता है. वही मारुति सुजुकी के कारखाने में 7,000 श्रमिकों और 1,100 रोबोट से काम लिया जा रहा है. बजाज ऑटो ने भी अपनी औद्योगिक इकाइयों में सहयोगी रोबोट तैनात कर दिए हैं. और यह  भी कहा जा सकता है की जल्द ही कई मैन्युफैक्चरिंग संयंत्रों में रोबोट कार्यरत होंगे.