India China Tension:सीमा पर वार और देश में कारोबार, भारत में चाइनीज कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा

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India China Tension:सीमा पर वार और देश में कारोबार,  भारत में चाइनीज कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा

India China Tension:सीमा पर वार और देश में कारोबार, भारत में चाइनीज कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: पहले गलवान और अब तवांग। चीनी सैनिकों की गुस्ताखी फिर से बढ़ती दिख रही है। अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक बार फिर से चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच संघर्ष की खबरें आई। भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया और इस संघर्ष में दोनों ओर से कुछ सैनिक घायल हो गए। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने तवांग सेक्टर में एलएसी पार करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों की ताकत के सामने वो टिक नहीं सकें। एक ओर जहां सीमा पर चीन बार-बार गुस्ताखी कर रहा है तो वहीं सोमवार को सरकार ने संसद में चीनी कंपनियों को लेकर जो आंकड़ें पेश किए उसने सबको हैरान कर दिया।


देश में कितनी चाइनीज कंपनियां कर रही हैं काम

सोमवार को सरकार ने संसद में बताया कि देश में कितनी चीनी कंपनियां कारोबार कर रही हैं ? कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संसद में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में बताया कि देश में विदेशी कंपनियों के तौर पर 174 चीनी कंपनियां (Chinese Company) रजिस्टर्ड हैं। इन चाइनीज कंपनियां का ऑफिस भारत में है। हालांकि सरकार इस बात की जानकारी नहीं दे पाई कि देश में कितनी कंपनियों में चाइनीज निवेशक या शेयरहोल्डर्स शामिल हैं । मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के पास इस बात की जानकारी उपलब्ध नहीं है।

कितनी कंपनियों में हैं चाइनीज डायरेक्टर्स

सरकारी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत में 3560 कंपनियां हैं, जहां निदेशक के पदों पर चीनी बैठे हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कॉर्पोरेट डाटा प्रबंधन (CDM) के डेटा के मुताबिक भारत में कुल 3560 कंपनियां हैं, जहां चीनी डायरेक्टर हैं। अगर बात करें भारत और चीन के बीच कारोबार की तो वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में जानकारी दी थी, जिसके मुताबिक भारत कई चीजों के लिए चीन पर निर्भर रहता है , जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि साल 2003-2004 में भारत ने चीन से 4.34 अरब डॉलर का आयात किया था। साल 2013-14 में ये आयात बढ़कर 51.03 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। दस सालों में ये आयात 10 गुना से भी अधिक बढ़ गया है।

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चीन पर सबसे ज्यादा निर्भर कौन?

चीन पर निर्भरता की बात करें तो पाकिस्तान और चीन की दोस्ती जगजाहिर है। हालांकि सच यही है कि यहां दोस्ती कम दादागिरी ज्यादा चलती है। चीन पर निर्भरता को लेकर ताइवान स्थित रिसर्च संगठन डबलथिंक लैब्स की रिपोर्ट द चाइना इंडेक्स के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की निर्भरता उसपर सबसे अधिक है। पाकिस्तान के बाद इस लिस्ट में कंबोडिया, सिंगापुर और थाईलैंड है। चीन पर निर्भरता मामले में जर्मनी 19वें नंबर पर है तो वहीं अमेरिका 21वें नंबर है। भारत का नंबर इस लिस्ट में 55वां है। आपको बता दें कि इस चाइना इंजेक्स में 82 देशों को शामिल किया गया है, जिसमें चीन के वैश्विक प्रभाव है।

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