भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के अपने दौरे पर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों ने हिंसा और नफरत फैलाने वाली ऑनलाइन सामग्री के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा मुक्त और विश्वसनीय साइबरस्पेस पर भी जोर दिया गया है।
दरअसल, भारत और फ्रांस आर्थिक वृद्धि और स्थायी विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी को परिवर्तनकारी माध्यम बनाने पर भी सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के बीच गुरुवार को हुई बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी का खाका खींचा।
बैठक के बाद जो संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया है, उसके मुताबिक, फ्रांस का आर्थिक और वित्त मंत्रालय व भारत का इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत-फ्रांस डिजिटल साझेदारी को उचित तरीके से लागू करने लिए समन्वय के लिए नोडल बिंदु होगा। इसके अतिरिक्त भारत-चीन डिजिटल साझेदारी पर चर्चा और गहन आदान-प्रदान के लिए नियमित बैठक और वीडियो कांफ्रेंसिंग पर भी सहमति बनी है।
बैठक के बाद जारी किए गए बयान के मुताबिक भारत और फ्रांस ने साइबरस्पेस में विश्वास, सुरक्षा और स्थिरता में सुधार के लिए अपनी साझी जिम्मेदारी और संबंधित भूमिका को स्वीकार किया है। साथ ही सरकार, उद्योग, शैक्षणिक और नागरिक समाज के स्तर पर संयुक्त पहल पर जोर दिया। दोनों मुल्कों ने डिजिटल तकनीक को सामाजिक बदलाव का माध्यम बनाने का इरादा जताया ताकि आर्थिक वृद्धि, स्थायी विकास और सुरक्षित इंटरनेट पहुंच सुनिश्चित की जा सके जो डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए जरूरी है।
बयान में कहा गया कि भारत और फ्रांस ने निर्बाध, भरोसेमंद, सुरक्षित, स्थिर और शांतिपूर्ण साइबरस्पेस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। साइबर संवाद के महत्व को इंगित करते हुए दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान, संदिग्ध गतिविधियों को रोकने और तुरंत ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कदम उठाने में सहयोग करने की इच्छा जताई। बयान के मुताबिक भारत और फ्रांस ने 5जी प्रौद्योगिकी को लागू करने और उससे जुड़े खतरे और समाधान के लिए मिलकर काम करने की पुष्टि भी की है।