Ind Vs NZ वनडे मैच में पिता का सपना पूरा करेंगे ‘इंदौरी भिया’, ऑन फील्ड अंपायर होंगे Nitin Menon
Aditya Pujan | Navbharat Times | Updated: 23 Jan 2023, 5:16 pm
भारत और न्यूजीलैंड के बीच 24 जनवरी को इंदौर के होलकर स्टेडियम में वनडे सीरीज का तीसरा मैच खेला जाएगा। इस मुकाबले की खास बात यह होगी कि इसमें नितिन मेनन ऑन फील्ड अंपायर होंगे जो इंदौर के ही हैं। होलकर स्टेडियम में पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला 1983 में खेला गया था। 40 वर्षों में यह पहला मौका होगा जब कोई स्थानीय अंपायर अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में ऑन फील्ड अंपायरिंग करेगा।
स्पेशल मोमेंट का था वर्षों से इंतजार
नितिन का कहना है कि वे एमपी के लिए एज ग्रुप में क्रिकेट खेल चुके हैं। अब उन्हें अपने शहर में अंपायरिंग करने का मौका मिला रहा है। कई वर्षों से वे इस पल का इंतजार कर रहे थे। यह उनके जीवन का शायद सबसे स्पेशल मोमेंट है।
पिता का सपना करेंगे पूरा
नितिन के पिता नरेंद्र मेनन भी अंपायर रह चुके हैं। उनकी भी बड़ी इच्छा थी कि वे अपने गृह शहर में अंतरराष्ट्रीय मैच में अंपायरिंग करेंगे। यह कभी पूरी नहीं हो पाई। बेटे नितिन मेनन का भी यह सपना है कि वे इंदौर में अंपायरिंग करें। मंगलवार को जब नितिन मैदान पर उतरेंगे तो अपने साथ पिता का भी सपना पूरा करेंगे।
एमपी अंडर 19 टीम का रहे हिस्सा
नितिन पहले खुद भी क्रिकेट खेलते थे। वे तीन साल तक मध्य प्रदेश की अंडर 19 टीम के लिए खेल चुके हैं। इसके बाद तीन साल तक अंडर 19 टीम का भी हिस्सा रहे। उन्हें टीम से ड्रॉप किया गया तो 2007 में उन्होंने अचानक अंपायर बनने का फैसला कर लिया।
22 साल की उम्र में बने अंपायर
साल 2009 में नितिन ने बीसीसीआई की अंपायरों के लिए आयोजित परीक्षा पास की। तब उनकी उम्र केवल 22 साल थी। इसके बाद से वे 90 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अंपायरिंग कर चुके हैं। फिलहाल वे आईसीसी की एलिट पैनल में शामिल 11 अंपायरों में से एक हैं। वे तीन साल से इस लिस्ट में शामिल हैं।
अंपायरिंग में पिता की सीख का रखते ध्यान
नितिन का कहना है कि अंपायरिंग के दौरान गलतियां होती हैं। वे मैदान पर हमेशा अपने पिता की दी सीख को ध्यान में रखते हैं। नितिन ने जब अंपायरिंग शुरू की, तभी पिता ने उनसे कहा था कि चेहरा देखकर फैसला कभी मत देना। यह बात उनके दिमाग में बैठ गई है। इससे फैसला देना आसान हो जाता है, सामने चाहे विराट कोहली या रोहित शर्मा जैसा बड़ा खिलाड़ी ही क्यों न हो।
बेटा भी बनना चाहता है अंपायर
नितिन की पत्नी संगीता बैंक में काम करती हैं। उनकी क्रिकेट में खास रुचि नहीं है। पति-पत्नी के बीच क्रिकेट को लेकर खास बातचीत भी नहीं होती, लेकिन उनका बेटा आगे चलकर अंपायर बनना चाहता है। चौथी कक्षा का छात्र ऋषभ का कहना है कि वह खाली समय में क्रिकेट खेलता है। भविष्य में वह क्रिकेटर या अंपायर बनना चाहता है।
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