आयकर विभाग आपके फेसबुक खाते भी खंगालेगा ।

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सोशल मीडिया पर नई कार, घर या छुट्टियों की तस्वीरें डालकर बधाई पाना शायद ही किसी को न भाता हो लेकिन अगर आप टैक्स रिटर्न में यह जानकारियां न देते है तो सतर्क हो जाइये क्योंकि सरकार अगस्त से आपके फेसबुक-इंस्टग्राम जैसे सोशल मीडिया खातों को खंगालना शुरू करने वाली है।
सरकार बैंक खातों समेत चल-अचल सम्पतियों और सोशल मीडिया पर आपकी जीवनशैली का खुलासा करने वाली पोस्टों से मिलान करेगी, ताकि खर्चों और आय के स्त्रोतों का मिलान किया जा सके। इस पूरी कवायद का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगो को कर ढाँचे के दायरे में लाना है।

नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया स्कैनिंग से कर अधिकारियों को घरो या कार्यालयों पर बिना छापेमारी यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या लोग थोड़ा बहुत कर चुकाकर सरकारी खजाने को चुना लगा रहे है। फिलहाल क्रेडिट कार्ड खर्च, प्रापर्टी, स्टॉक निवेश, नकद खरीद और जमा का मौजूदा डाटा भी नए सिस्टम में भेज दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर खर्च संबंधी गतिविधियों की पड़ताल से टैक्स से मिलान के बाद केंद्रीय टीम डाक या ईमेल से संदिग्ध नागरिको को संदेश भेजेगी कि वे अपने टैक्स रिटर्न भरे।

1000 करोड़ का प्रोजेक्ट
सरकार ने प्रोजेक्ट इनसाइट के तहत दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक आइडेंटिटी डेटाबेस तैयार किया है। इस पर सात साल में 1000 करोड़ रूपये खर्च हुए है। इसके लिए भारत के सबसे बड़े इंजीनियरिंग समूह लार्सन एंड टुब्रो की सेवाएं ली गई है।

अगले साल से अभ्यास तेज़
प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में डाटा विश्लेषण के जरिये सूचनाओं को छांटा जाएगा। खर्च और टैक्स में गड़बड़ी के संदिग्ध मामलो की जांच होगी। तीसरा और अंतिम चरण मई 2018 से प्रारम्भ होगा, जब एडवांस सिस्टम संदिग्ध कर चोरी की पहले ही पहचान कर लेगा ।

ब्रिटेन के नक्शे कदम
ब्रिटेन ने सोशल मीडिया खातों पर नजर रखने के लिए 2010 में कनेक्ट डेटासेंटर शुरू किया था। लंदन की फाइनेंसियल अकाउंट की दिसंबर 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, इसके जरिये कर अधिकारियों ने करीब 350 अरब रूपये की कर चोरी पकड़ी है। कर चोरी को लेकर कानूनी कार्रवाई के मामले भी 165 से बढ़कर 1165 हो गए है।