यूपी में जीतने के लिए भाजपा की सबसे बड़ी रणनीति, इन 50 सीटों पर रहेगा खास ध्यान

151

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में भाजपा को एक के बाद एक तीन उपचुनाव में मिली हार ने उनकी रातों की नींदे उड़ा ली है. खासकर गोरखपुर और कैराना में मिली हार के बाद से ही बीजेपी की रणनीति पर एक बार फिर से काफी सवाल खड़े किए जा रहें है.

अगर 2014 की बात करें तो पश्चिम यूपी में जिस तरह से बीजेपी ने जीत का स्वाद चखा था, ठीक इस बार विपक्षी एकता के सामने मोदी सरकार घुटने टेकती दिखाई दी. जानकारी के अनुसार, कुछ समय से कई जगहों में हार के बाद से बीजेपी ने अपने प्लान में बदलाव करने को सोचा है. ताकि वह यूपी में 2014 वाला जैसा बेहतरीन प्रदर्शन वापिस कर सकें. भाजपा को अनुमान है कि 80 में से 71 सीटें जीतने का करिशम प्रदर्शन दोबार दोहराना तो मुमकिन नहीं है. ऐसे में उन्होंने अपना टारगेट कम कर के 50 सीटों के आसपास तक रखा है. मीडिया की एक विशेष रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर बीजेपी 50 सीटों के आसपास भी खड़ी उतरती है तो ये उनकी पार्टी के लिए अच्छा साबित होगा.

भाजपा के लिए एक बार फिर से बड़ा चेहरा बनकर उतरेंगे मोदी

इस बार के 2019 के चुनावों में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा प्रधानमंत्री मोदी ही होंगे. भाजपा के दूसरे नेता भी जानते है अगर मोदी कैंपेन करने उतरेंगे तो वो वोटर्स को अपने पक्ष में आराम से कर पाएंगे. भाजपा ओबीसी में आने वाले नॉन यादव वोटर्स पर फोकस करेगी. ये भाजपा का पिछली बार बड़ा वोट बैंक रहे थे.

bjp plan for 2019 elections in up focus on 50 seats 1 news4social -

2019 के लिए क्या है बीजेपी का गणित

साल 2019 के चुनाव को जितने के लिए सभी पार्टियों के अलग-अलग रूप दिखाई दे रहें है जहाँ पार्टियां आपसी गठबंधन बनकर कर जीत हासिल कर रहीं है वहीं भाजपा अपनी रणनीति बदल रहीं है. मोदी सरकार ने साल 2019 के चुनाव में अपने कोर वोटर पर फोकस करेगी. हाल ही में हुए उपचुनाव में उन्होंने उनके पारंपरिक वोटर का साथ मिला था. वहीं पार्टी का यहां मानना है कि बड़ी मात्रा में उसके वोटर इन उपचुनावों में वोट देने के लिए नहीं निकले. साल 2014 के मुकाबले इस बार कैराना में 18 फीसदी कम वोटिंग हुई है. यहीं हाल हमें नूरपुर में भी दिखा जहाँ वोटर इस बार कम आये. इन आंकड़ों को बताते हुए भाजपा के नेता ने बताया है कि इन चुनावों में हमार कमिटिड वोटर हमें वोट देने के लिए नहीं निकला.जिसका यह मतलब नहीं है कि वो हमारे खिलाफ है. इस बार हम 2019 के चुनाव में पूरी तैयारी के साथ आएंगे. हम पूरी कोशिश करेंगे की ऐसा वोटर हमारे पक्ष में वोट देने जरूर आए.

भाजपा 2019 के चुनाव में पुरानी नीति को फिर से उतारेगी

योगी सरकार इस बार एक पुरानी नीति को अमल में लाने का कम करेगी. जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, तो तब उन्होंने कोटे के अंदर कोटा देने की बात कही थी. जिस फॉर्मूले को इस बार योगी सरकार आगे बढ़ाने को सोच रहीं है. योगी सरकार सरकारी नौकरियों में अति पिछड़ों और अति दलितों को कोटे में कोटा देने की बात करने लगी है. ऐसा करने के पीछे उनकी मुख्य वजह है, सपा−बसपा गठबंधन की हवा निकाली जा सके. बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ वर्ग की आबादी करीब 47 फीसदी है. वहीं अति पिछड़े वर्ग की लगभग 30 प्रतिशत है. लेकिन इस आरक्षण के नाम भाजपा का अहम उद्देश्य वर्गों के वोट से है.