IMF ने पाकिस्तान को ₹12 हजार करोड़ का लोन दिया: भारत ने कहा- आतंकवाद को फंडिंग करना खतरनाक, वोटिंग में शामिल नहीं हुआ h3>
Advertising
मुंबई28 मिनट पहले
Advertising
- कॉपी लिंक
IMF की रिव्यू अप्रूवल से 7 बिलियन डॉलर के सहायता प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को कुल 2 बिलियन डॉलर का डिस्बर्समेंट हो गया है।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने शुक्रवार (9 मई) को क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को 1.4 बिलियन डॉलर (करीब ₹12 हजार करोड़) का नया लोन दे दिया है।
Advertising
Advertising
साथ ही, एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत मिल रहे 7 बिलियन डॉलर (करीब ₹60 हजार करोड़) के मदद की पहली समीक्षा को भी मंजूरी दे दी है। इससे पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,542 करोड़) मिलेगा।
इस रिव्यू अप्रूवल से 7 बिलियन डॉलर के सहायता प्रोग्राम के तहत कुल 2 बिलियन डॉलर का डिस्बर्समेंट हो गया है। रेजिलिएंस लोन से पाकिस्तान को तत्काल कोई राशि नहीं मिलेगा।
Advertising
भारत ने कहा- आतंकवाद को फंडिंग करना खतरनाक
IMF की एग्जीक्यूटिव बोर्ड की मीटिंग में भारत ने पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग पर चिंता जताई और कहा कि इसका इस्तेमाल पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद फैलाने के लिए करता है। भारत समीक्षा पर वोटिंग का विरोध करते हुए उसमें शामिल नहीं हुआ। भारत ने एक बयान जारी कर कहा-
Advertising
सीमा पार आतंकवाद को लगातार स्पॉन्सरशिप देना ग्लोबल कम्युनिटी को एक खतरनाक संदेश भेजता है। यह फंडिंग एजेंसियों और डोनर्स की प्रतिष्ठा को जोखिम में डालता है और वैश्विक मूल्यों का मजाक उड़ाता है। हमारी चिंता यह है कि IMF जैसे इंटरनेशनल फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन से आने वाले फंड का दुरुपयोग सैन्य और राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवादी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

भारत के विरोध की 5 बड़ी बातें…
- IMF ने पाकिस्तान को पिछले 35 साल में 28 बार कर्ज दिया है। पिछले 5 साल में 4 प्रोग्राम के तहत उसे फंडिंग मिली है।
- अगर पाकिस्तान में चलाए जा रहे पिछले कार्यक्रम सफल होते, तो उसे एक और बेलआउट की जरूरत नहीं पड़ती।
- रिकॉर्ड से पता चलता है कि या तो IMF के कार्यक्रम ठीक से नहीं बनाए गए या उनकी निगरानी ठीक से नहीं हुई या पाकिस्तान ने उन्हें ठीक से लागू नहीं किया।
- भले ही पाकिस्तान में अभी सिविल सरकार है, लेकिन देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था में सेना का बड़ा रोल है। इससे सुधारों में रुकावट आ सकती है।
- भारत ने IMF की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान को कर्ज देने में राजनीतिक बातों का ध्यान रखा जाता है। बार-बार कर्ज लेने से पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बहुत बढ़ गया है।
पाकिस्तान को फंड जारी करते हुए IMF ने अपने बयान में कहा,
क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान ने अपने प्रयासों से चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा,
IMF कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने के भारत के प्रयास विफल हो गए हैं।

भारत ने कहा था- पाक को सहायता देने से पहले IMF अपने अंदर गहराई से झांके
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को कहा था- मुझे लगता है कि यह एक ऐसा निर्णय है जिसे (IMF) बोर्ड के सदस्यों को अपने भीतर गहराई से देखकर और तथ्यों को देखकर लेना चाहिए।
IMF की मीटिंग से एक दिन पहले गुरुवार (8 मई) को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि पाकिस्तान को राहत देने से पहले IMF के बोर्ड को अपने अंदर गहराई से देखना चाहिए और तथ्यों को ध्यान में रखना चाहिए। पिछले तीन दशकों में IMF ने पाकिस्तान को कई बड़ी सहायता दी है। उससे चलाए गए कोई भी कार्यक्रम सफल नतीजे तक नहीं पहुंच पाए हैं।
भारत ने कहा- आप जानते हैं IMF के फैसले लेने के तरीके क्या हैं
गुरुवार को मिस्री ने कहा था कि भारत के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर 9 मई को IMF बोर्ड की बैठक में देश का पक्ष रखेंगे। बोर्ड का फैसला क्या होगा यह एक अलग मामला है, आप जानते हैं कि IMF के फैसले लेने के तरीके क्या हैं। लेकिन, मुझे लगता है कि पाकिस्तान के मामले में उन लोगों को फैक्ट्स पता होने चाहिए, जो इस देश को बचाने के लिए आराम से अपना खजाना खोल देते हैं।
7 बिलियन डॉलर के पैकेज की पहली समीक्षा
पाकिस्तान और IMF ने जुलाई 2024 में तीन साल के लिए 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज पर सहमति जताई थी, जिसके तहत नए कार्यक्रमों से पाकिस्तान को आर्थिक मजबूती देने पर काम किया जाना है।
37 महीने के EFF कार्यक्रम (सहायता कार्यक्रम) में पूरा पैसा मिलने तक छह समीक्षाएं होनी हैं। पाकिस्तान की परफॉर्मेंस के आधार पर लगभग 1 बिलियन डॉलर की अगली किस्त रिलीज की जानी है।
IMF बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
भारत ने विचार करने को कहा था, IMF ने मना किया
भारत ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 बिलियन डॉलर के ऋणों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस पर दोबारा विचार किया जाए, क्योंकि पाकिस्तान को मिलने वाला पैसा आतंक को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है। हालांकि, IMF ने भारत के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया था।
पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की तैयारी में भारत
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह आईएमएफ समेत ग्लोबल मल्टीलैटरल एजेंसियों (वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक) से पाकिस्तान को दिए गए फंड और लोन पर पुनर्विचार करने के लिए कहेगा, क्योंकि भारत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी राज्य को कूटनीतिक रूप से घेरना चाहता है। पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।
क्या करता है IMF का एग्जीक्यूटिव बोर्ड?
IMF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो देशों को आर्थिक मदद करती है, सलाह देती है और उनकी अर्थव्यवस्था पर नजर रखती है। इस संस्था की कोर टीम एग्जीक्यूटिव बोर्ड होता है। यह टीम देखती है कि किस देश को लोन देना है, किन नीतियों को लागू करना है और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कैसे काम करना है।
इसमें 24 सदस्य होते हैं जिन्हें कार्यकारी निदेशक कहा जाता है। हर एक सदस्य किसी देश या देश के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। भारत का एक अलग (स्वतंत्र) प्रतिनिधि होता है। जो भारत की तरफ से IMF में अपनी बात रखता है। साथ ही यह देखता है कि IMF की नीतियां देश को नुकसान न पहुंचाएं। संस्था किसी देश को लोन देने वाली हो, तो उस पर भारत की तरफ से राय देना।
—————————
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
आज का एक्सप्लेनर: पाकिस्तान पर ₹21.6 लाख करोड़ कर्ज, तिजोरी खाली; 11 हजार करोड़ मिलने वाले थे, भारत वो भी रुकवाने जा रहा
पाकिस्तान का हर बच्चा इस वक्त अपने सिर 86.5 हजार रुपए कर्ज लेकर पैदा होता है। तेल और गैस का इम्पोर्ट बिल हो या सैलरी और सब्सिडी जैसे रोजमर्रा के खर्च, पाकिस्तान की पूरी इकोनॉमी ही कर्ज पर चल रही है। लेकिन अब भारत IMF से पाकिस्तान को मिलने वाले लोन के खिलाफ वोट कर सकता है।
पूरी रिपोर्ट पढ़ें…
IMF बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे परमेश्वरन अय्यर: पाकिस्तान को ₹11,000 करोड़ की सहायता देने पर विचार करेगा बोर्ड, 9 मई को बैठक
भारत ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर को अस्थायी डायरेक्टर नॉमिनेट किया है। परमेश्वरन 9 मई को होने वाले IMF की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। डिप्लोमेटिक लिहाज से शुक्रवार को होने वाली मीटिंग भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
पूरी खबर पढ़ें…
खबरें और भी हैं…
BUSINESS की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – BUSINESS
News
Advertising
मुंबई28 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
IMF की रिव्यू अप्रूवल से 7 बिलियन डॉलर के सहायता प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को कुल 2 बिलियन डॉलर का डिस्बर्समेंट हो गया है।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने शुक्रवार (9 मई) को क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को 1.4 बिलियन डॉलर (करीब ₹12 हजार करोड़) का नया लोन दे दिया है।
साथ ही, एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत मिल रहे 7 बिलियन डॉलर (करीब ₹60 हजार करोड़) के मदद की पहली समीक्षा को भी मंजूरी दे दी है। इससे पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,542 करोड़) मिलेगा।
इस रिव्यू अप्रूवल से 7 बिलियन डॉलर के सहायता प्रोग्राम के तहत कुल 2 बिलियन डॉलर का डिस्बर्समेंट हो गया है। रेजिलिएंस लोन से पाकिस्तान को तत्काल कोई राशि नहीं मिलेगा।
भारत ने कहा- आतंकवाद को फंडिंग करना खतरनाक
IMF की एग्जीक्यूटिव बोर्ड की मीटिंग में भारत ने पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग पर चिंता जताई और कहा कि इसका इस्तेमाल पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद फैलाने के लिए करता है। भारत समीक्षा पर वोटिंग का विरोध करते हुए उसमें शामिल नहीं हुआ। भारत ने एक बयान जारी कर कहा-
सीमा पार आतंकवाद को लगातार स्पॉन्सरशिप देना ग्लोबल कम्युनिटी को एक खतरनाक संदेश भेजता है। यह फंडिंग एजेंसियों और डोनर्स की प्रतिष्ठा को जोखिम में डालता है और वैश्विक मूल्यों का मजाक उड़ाता है। हमारी चिंता यह है कि IMF जैसे इंटरनेशनल फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन से आने वाले फंड का दुरुपयोग सैन्य और राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवादी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
भारत के विरोध की 5 बड़ी बातें…
- IMF ने पाकिस्तान को पिछले 35 साल में 28 बार कर्ज दिया है। पिछले 5 साल में 4 प्रोग्राम के तहत उसे फंडिंग मिली है।
- अगर पाकिस्तान में चलाए जा रहे पिछले कार्यक्रम सफल होते, तो उसे एक और बेलआउट की जरूरत नहीं पड़ती।
- रिकॉर्ड से पता चलता है कि या तो IMF के कार्यक्रम ठीक से नहीं बनाए गए या उनकी निगरानी ठीक से नहीं हुई या पाकिस्तान ने उन्हें ठीक से लागू नहीं किया।
- भले ही पाकिस्तान में अभी सिविल सरकार है, लेकिन देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था में सेना का बड़ा रोल है। इससे सुधारों में रुकावट आ सकती है।
- भारत ने IMF की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान को कर्ज देने में राजनीतिक बातों का ध्यान रखा जाता है। बार-बार कर्ज लेने से पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बहुत बढ़ गया है।
पाकिस्तान को फंड जारी करते हुए IMF ने अपने बयान में कहा,
क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान ने अपने प्रयासों से चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा,
IMF कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने के भारत के प्रयास विफल हो गए हैं।
भारत ने कहा था- पाक को सहायता देने से पहले IMF अपने अंदर गहराई से झांके
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को कहा था- मुझे लगता है कि यह एक ऐसा निर्णय है जिसे (IMF) बोर्ड के सदस्यों को अपने भीतर गहराई से देखकर और तथ्यों को देखकर लेना चाहिए।
IMF की मीटिंग से एक दिन पहले गुरुवार (8 मई) को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि पाकिस्तान को राहत देने से पहले IMF के बोर्ड को अपने अंदर गहराई से देखना चाहिए और तथ्यों को ध्यान में रखना चाहिए। पिछले तीन दशकों में IMF ने पाकिस्तान को कई बड़ी सहायता दी है। उससे चलाए गए कोई भी कार्यक्रम सफल नतीजे तक नहीं पहुंच पाए हैं।
भारत ने कहा- आप जानते हैं IMF के फैसले लेने के तरीके क्या हैं
गुरुवार को मिस्री ने कहा था कि भारत के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर 9 मई को IMF बोर्ड की बैठक में देश का पक्ष रखेंगे। बोर्ड का फैसला क्या होगा यह एक अलग मामला है, आप जानते हैं कि IMF के फैसले लेने के तरीके क्या हैं। लेकिन, मुझे लगता है कि पाकिस्तान के मामले में उन लोगों को फैक्ट्स पता होने चाहिए, जो इस देश को बचाने के लिए आराम से अपना खजाना खोल देते हैं।
7 बिलियन डॉलर के पैकेज की पहली समीक्षा
पाकिस्तान और IMF ने जुलाई 2024 में तीन साल के लिए 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज पर सहमति जताई थी, जिसके तहत नए कार्यक्रमों से पाकिस्तान को आर्थिक मजबूती देने पर काम किया जाना है।
37 महीने के EFF कार्यक्रम (सहायता कार्यक्रम) में पूरा पैसा मिलने तक छह समीक्षाएं होनी हैं। पाकिस्तान की परफॉर्मेंस के आधार पर लगभग 1 बिलियन डॉलर की अगली किस्त रिलीज की जानी है।
IMF बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
भारत ने विचार करने को कहा था, IMF ने मना किया
भारत ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 बिलियन डॉलर के ऋणों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस पर दोबारा विचार किया जाए, क्योंकि पाकिस्तान को मिलने वाला पैसा आतंक को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है। हालांकि, IMF ने भारत के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया था।
पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की तैयारी में भारत
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह आईएमएफ समेत ग्लोबल मल्टीलैटरल एजेंसियों (वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक) से पाकिस्तान को दिए गए फंड और लोन पर पुनर्विचार करने के लिए कहेगा, क्योंकि भारत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी राज्य को कूटनीतिक रूप से घेरना चाहता है। पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।
क्या करता है IMF का एग्जीक्यूटिव बोर्ड?
IMF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो देशों को आर्थिक मदद करती है, सलाह देती है और उनकी अर्थव्यवस्था पर नजर रखती है। इस संस्था की कोर टीम एग्जीक्यूटिव बोर्ड होता है। यह टीम देखती है कि किस देश को लोन देना है, किन नीतियों को लागू करना है और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कैसे काम करना है।
इसमें 24 सदस्य होते हैं जिन्हें कार्यकारी निदेशक कहा जाता है। हर एक सदस्य किसी देश या देश के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। भारत का एक अलग (स्वतंत्र) प्रतिनिधि होता है। जो भारत की तरफ से IMF में अपनी बात रखता है। साथ ही यह देखता है कि IMF की नीतियां देश को नुकसान न पहुंचाएं। संस्था किसी देश को लोन देने वाली हो, तो उस पर भारत की तरफ से राय देना।
—————————
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
आज का एक्सप्लेनर: पाकिस्तान पर ₹21.6 लाख करोड़ कर्ज, तिजोरी खाली; 11 हजार करोड़ मिलने वाले थे, भारत वो भी रुकवाने जा रहा
पाकिस्तान का हर बच्चा इस वक्त अपने सिर 86.5 हजार रुपए कर्ज लेकर पैदा होता है। तेल और गैस का इम्पोर्ट बिल हो या सैलरी और सब्सिडी जैसे रोजमर्रा के खर्च, पाकिस्तान की पूरी इकोनॉमी ही कर्ज पर चल रही है। लेकिन अब भारत IMF से पाकिस्तान को मिलने वाले लोन के खिलाफ वोट कर सकता है।
पूरी रिपोर्ट पढ़ें…
IMF बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे परमेश्वरन अय्यर: पाकिस्तान को ₹11,000 करोड़ की सहायता देने पर विचार करेगा बोर्ड, 9 मई को बैठक
भारत ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर को अस्थायी डायरेक्टर नॉमिनेट किया है। परमेश्वरन 9 मई को होने वाले IMF की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। डिप्लोमेटिक लिहाज से शुक्रवार को होने वाली मीटिंग भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
पूरी खबर पढ़ें…
News