IAS Transfer Row: आईएएस तुकाराम मुंढे के ट्रांसफर पर घमासान, महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे और फडणवीस में ठनी

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IAS Transfer Row: आईएएस तुकाराम मुंढे के ट्रांसफर पर घमासान, महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे और फडणवीस में ठनी

IAS Transfer Row: आईएएस तुकाराम मुंढे के ट्रांसफर पर घमासान, महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे और फडणवीस में ठनी

मुंबई: वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तुकाराम मुंढे के तबादले को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। खबर है कि स्वास्थ्य विभाग से मुंढे का तबादला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के मंत्री तानाजी सावंत की जिद पर एकाएक ले लिया। मुंढे के अचानक तबादले से राज्य की ब्यूरोक्रेसी में नाराजगी है। राज्य के कई बड़े अफसरों ने इसे लेकर मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव भूषण गगरानी से बात की है। दोनों ही बड़े अधिकारियों ने भी अफसरों की नाराजगी से इत्तेफाक जताया है। एक बड़े अधिकारी ने कहा कि अगर इसी तरह से दो-दो महीने में अफसरों के तबादले होते रहे, तो अफसरों के लिए कम करना मुश्किल हो जाएगा।

तबादला या सजा
राज्य की ब्यूरोक्रेसी में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि तुकाराम मुंढे के तबादले की कोई उचित वजह भी नहीं बताई गई है, न ही उन्हें नई पोस्टिंग दी गई है। बिना किसी कारण के तत्काल प्रभाव से तबादले का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में, ब्यूरोक्रेसी के भीतर यह कहा जा रहा है कि मुंडे का तबादला सिर्फ तबादला नहीं है, बल्कि कानून के दायरे में काम करने की सजा है।

नई पोस्टिंग का दबाव
मंत्रालय के भीतरखाने यह खबर गर्म है कि इस मामले में फडणवीस और शिंदे के बीच टकराव बढ़ सकता है। क्योंकि, फडणवीस के करीबी अधिकारी यह कोशिश कर रहे हैं कि मुंढे को मुंबई में रखा जाए। उनकी नई पोस्टिंग भी किसी महत्वपूर्ण विभाग में कराने का दबाव बनाया जा रहा है।

16 बार ट्रांसफऱ
तुकाराम मुंढे ने 17 साल तक आईएएस अधिकारी के रूप में काम किया है। इस दौरान उनका करीब 16 बार तबादला हो चुका है। वह राज्य के पहले ऐसे अधिकारी हैं जिनका इतनी बार तबादला किया गया है। अब भी महज 59 दिनों में परिवार कल्याण विभाग से उनका तबादला कर दिया गया। तुकाराम मुंधे ने पहले बिक्री कर आयुक्त, सोलापुर के कलेक्टर, नागपुर नगर निगम के आयुक्त, नांदेड़ में नवी मुंबई नगर निगम के आयुक्त के रूप में कार्य किया है। हालांकि, हर जगह राजनेताओं के दबाव में उनका तबादला देखा गया है।

लॉबी में खलबली
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तुकाराम मुंढे को परिवार कल्याण विभाग का निदेशक नियुक्त किया है। मुंढे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रभारी थे। तभी तानाजी सावंत ने विरोध किया। लेकिन, तब एकनाथ शिंदे तानाजी सावंत को समझ चुके थे। उसके बाद तुकाराम मुंढे ने अपने पुराने अंदाज में काम करना शुरू किया। आम लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए तुकाराम मुंढे ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के पेड़ों की सफाई शुरू की। स्वास्थ्य कर्मियों को कैसे काम करना चाहिए, इसके लिए उन्होंने सख्त नियम बनाए। इससे स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ चिकित्सकों की लॉबी में खलबली मच गई। उन सभी ने तानाजी सावंत से तुकाराम मुंधे के काम करने के तरीकों की शिकायत भी की थी। हालांकि, तुकाराम मुंढे की अब तक की प्रतिष्ठा को देखते हुए, वह शासन से पहले मंत्रियों या नेताओं के पत्र नहीं रखते हैं। यह कहा जा सकता है कि इसके परिणामस्वरूप तुकाराम मुंधे का स्थानापन्न हुआ।

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