भारत में आम लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की कीमत कितनी होगी?

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सरकार ने घोषणा की है कि 10 हजार सरकारी केंद्रों और 20 हजार से अधिक प्राइवेट केंद्रों पर टीकाकरण होगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में टीका लगेगा, जबकि प्राइवेट केंद्रों या अस्पतालों से टीका लगवाने पर आपको वैक्सीन की कीमत चुकानी होगी। वैसे तो अभी स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीके के कीमत तय नहीं की है, लेकिन पिछले दिनों में आई कीमतों की खबरों के हिसाब से कुछ अनुमान तो लगाया ही जा सकता है।

सरकार ने घोषणा कर दी है कि 1 मार्च से कोरोना टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू होगा। इसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। जावड़ेकर के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है। वहीं इस चरण में 45 साल से अधिक की उम्र के उन लोगों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्हें को-मॉर्बिडिटीज है। यानी जिन्हें पहले से ही एक या एक से अधिक गंभीर बीमारियां हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर इसके लिए कितनी कीमत चुकानी होगी। आइए जानते हैं।

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सबसे पहले ये जान लीजिए कि कोरोना की दो वैक्सीन को इजाजत मिली हुई है, एक है एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और दूसरी है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। कोविशील्ड सरकार को 200-210 रुपये प्रति डोज के हिसाब से मिल सकती है, जबकि कोवैक्सीन पर सरकार का खर्च 300 रुपये तक पहुंच सकता है। सीरम इंस्टीट्यूट ने 10 करोड़ डोज सरकार को 200 रुपये के भाव से देने की बात भी कही थी। अब सवाल है कि निजी केंद्रों पर इसकी कीमत कितनी हो सकती है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि आम आदमी को किसी निजी अस्पताल से टीकाकरण करवाने में करीब 400-500 रुपये प्रति डोज चुकाने पड़ सकते हैं। वहीं मुमकिन है कि कुछ अस्पतालों में ये कीमत 1000 रुपये तक भी हो। दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला पहले ही कह चुके हैं कि शुरुआती 10 करोड़ डोज के बाद वह प्राइवेट मार्केट में कोरोना वैक्सीन को 1000 रुपये प्रति डोज के हिसाब से बेचेंगे।

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