हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महिलाएं कितने प्रकार की होती हैं ?

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हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महिलाएं कितने प्रकार की होती हैं ?
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महिलाएं कितने प्रकार की होती हैं ?
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हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महिलाएं कितने प्रकार की होती हैं ? ( How many types of women are there according to Hindu scriptures ? )

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भारत का प्राचीन इतिहास बहुत ही पुराना है. हिंदू धर्म को मानने वाले लोग बड़ी संख्या में वेदों और शास्त्रों में आस्था रखते हैं तथा उनकी बातों पर विश्वास करते हैं. प्राचीन काल में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है. वर्तमान समय में भी हमें महिलाओं के बारे में सुनने को मिलता है कि वो काफी जिम्मेदारियां एक साथ निभा पाती हैं. शायद ही कोई पुरूष इस तरह सभी जिम्मेदारियों को इतने अच्छे से निभा पाएं. इसी कारण लोगों के मन में कई तरह के सवाल आता हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महिलाएं कितने प्रकार की होती हैं ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

हिंदू धर्म शास्त्र

महिलाएं कितने प्रकार की होती हैं –

प्राचीन शास्त्रों की बात करें, तो उनमें पुरूषों के प्रकारों के बारे में इतना नहीं लिखा हुआ है. लेकिन महिलाओं के स्वाभाव तथा उनके प्रकारों के बारे में बहुत देखने को मिलता है. अगर समुद्र शास्त्र के अनुसार बात करें, तो महिलाओं को 5 प्रकारों में विभाजित किया गया है. जिनमें शंखिनी , चित्रिणी , हस्तिनी , पुंश्चली , पद्मिनी शामिल हैं. महिलाओं को इन प्रकारों में विभाजित करने के साथ ही इनके स्वभाव के बारे में भी विस्तार से बताया गया है.
शंखिनी – इस प्रकार की महिलाओं की बात करें, तो ये थोड़ी लंबी होती हैं. इनमें से कुछ मोटी हो सकती हैं या फिर कुछ कमजोर भी हो सकती हैं. इनके स्वभाव की बात करें, तो ऐसा माना जाता है कि गुस्सा इनके नाक पर रखा रहता है. ये कभी प्रसन्न नहीं रहती हैं तथा कभी भी इनको गुस्सा आ सकता है या कहें कि हमेशा गुस्से में ही रहती हैं. अगर इनके सामाजिक या पारिवारिक जीवन की बात करें, तो वह भी इतना अच्छा नहीं होता है. इनको अपने पति की बात मानना गुलामी का प्रतीक लगता है. इसी कारण इनकी अपने पति के साथ नहीं बनती और ये चुगलियां करने में बहुत आगे होती हैं.
चित्रिणी– अगर इस प्रकार की महिलाओं की बात की जाएं , तो इनको पतिव्रता माना जाता है. इसके साथ ही इस तरह की महिलाओं का अपने परिवारवालों के साथ बहुत ही स्नेह रहता है. हालांकि ये ज्यादा मेहनत वाला या कठिन कार्य नहीं कर पाती हैं. लेकिन फिर भी बुद्धिमान और विदुषी होती हैं. ये देखने में बहुत ही सुंदर होती हैं. गाना बजाना तथा चित्रकला इनको विशेषतौर पर अच्छे लगते हैं.

शास्त्र के अनुसार महिलाएं
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हस्तिनी– इस प्रकार की महिलाओं की बात करें, तो वैसे तो ये आमतौर पर हंसमुख होती हैं, लेकिन इनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि इनका स्वभाव बदलता रहता है. इनमें भोग विलास की इच्छा अधिक होती है. इस तरह की महिलाओं को जीवनसाथी के तौर पर सुंदर पति की प्राप्ति होती है. लेकिन उसके साथ इनकी ज्यादा बनती नहीं है. धार्मिक कार्यों में भी इनका मन कम ही लगता है. ये खाने की बहुत शौकिन होती हैं.
पुंश्चली – इस प्रकार की महिलाओं की बात करें, तो ये अपने स्वभाव के कारण अपने और परिवार के दुख का कारण बनती हैं. इनको किसी भी बात पर लज्जा नहीं आती है. ये अपने इशारों से या फिर हाव-भाव से दूसरों पर कटाक्ष करती हैं. इसके साथ ही इनकी अपने पति साथ नहीं बनती है तथा ये पर पुरूषों के साथ अपने आप को खुश देखती हैं. इसी कारण इनकी समाज में ज्यादा इज्जत नहीं होती है.

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पद्मिनी – इस प्रकार की महिलाओं की बात करें, तो इनको बहुत ही उत्तम माना जाता है क्योंकि ये देखने में बहुत ही सुंदर होती हैं तथा अपने से बड़ों की बहुत इज्जत करती हैं. इनका धर्म के प्रति भी बहुत विश्वास होता है. ऐसा माना जाता है कि इनको देखकर कोई भी इनकी तरफ आकर्षित हो सकता है. ये अपने परिवार को जोड़ें रखती हैं. घऱ के सभी सदस्यों का पूरा ध्यान रखती हैं. इनके नाक , कान और हाथ की उंगलियां छोटी होती हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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