30 बच्चों के मौत की कीमत आप क्या जानो, योगी जी?

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कहते हैं, “जाके पैर ना फटे बिबाई, वो क्या जाने पीर पराई।” तो योगी जी बच्चों के मरने का दुख उनके मां-बाप से पूछिए और पूछिए ही मत उसे महसूस कीजिए। अब ये मत कहिएगा कि मैं तो ठहरा साधू आदमी मुझे क्या मोह-माया का सवाल पूछते हो, तो हे आदित्य अर्थात सूर्य मतलब की प्रकाश के नाथ, आपको पता है कि उन 30 मांओं के आंगन में अंधेरा छा गया है। एक ऐसा अंधेरा जो कि आपके अपने प्रिंसिपल को ताक पर रखकर केवल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित करने से क्या, किसी भी कीमत पर नहीं छंटने वाला है। आप उत्तर-प्रदेश के मुखिया हैं अब आपके नाम में योगी से पहले, मुख्यमंत्री लगता है। हे योगी जी योग से ज्यादा बढ़कर अपकी जिम्मेदारी प्रदेश की जनता के प्रति है। जो ऐसे खानापूर्ती करने पर पूरी नहीं हो होने वाली है।

योगी जी आपने कहा था कि यूपी को गूंडाराज मुक्त करूंगा। लेकिन उन गूंडों का क्या जो इस तरह मासूमों का नरसंहार करवा देते हैं। उन्हें क्या ये बोलकर बचाएंगे कि बच्चों की मौत खुले में शौच करने के कारण बीमारियों से होती है। अब आप केवल सांसद नहीं रहे इसलिए सोच समझकर बोलिए। क्योंकि आपको तो बहुत अच्छे से पता है कि सत्ता पर किसी का बपौति राज नहीं होता है…… सुना है आप यूपी में आतंकियों के लिए अलग से कानून बनाने वाले हैं, अच्छी बात है लेकिन आपको नहीं लगता है कि बच्चों के इस तरह मरने का मामला किसी आतंकी हमले से बढ़कर है, जो कि जांच, सख्त कार्रवाई, मामले में न्याय होगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा जैसे शब्दों से ढका नहीं जा सकता है। इस मामले में आप से यही उम्मीद है कि जिम्मेदार अधिकारियों और आपके स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए, क्योंकि ऑक्सीजन की कमी के बारे में सरकार को भी पहले ही सूचित किया जा चुका था फिर भी इसका कोई समाधान नहीं किया गया जिसका परिणाम आज हम सबके सामने है। हां इस घटना से आपको सबक लेने की जरूरत है और प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसा ना हो। हालांकि पिछली सरकारों ने तो ऐसी घटनाओं से सबक नहीं लिया है, तो आज उनके हालात आपके सामने हैं ही, अगर आप भी अपने आप को उनके साथ ही देखने पसंद करेंगे तो फिर चलने दीजिए जैसे चलता है। बाकी आप स्वतंत्र तो हैं ही और अपने अनुसार काम भी करते हैं, मोदी जी और शाह के कहने पर बिल्कुल भी नहीं चलते। ऐसा लोग कहते हैं।