How Bihar education Minister officers spoiling Nitish Lalu caste mandal politics against BJP Hindutva Kamandal – कैसे नीतीश-लालू की मंडल की राजनीति को पलीता लगा रहे हैं बिहार सरकार के मंत्री और अफसर?, बिहार न्यूज

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How Bihar education Minister officers spoiling Nitish Lalu caste mandal politics against BJP Hindutva Kamandal – कैसे नीतीश-लालू की मंडल की राजनीति को पलीता लगा रहे हैं बिहार सरकार के मंत्री और अफसर?, बिहार न्यूज

How Bihar education Minister officers spoiling Nitish Lalu caste mandal politics against BJP Hindutva Kamandal – कैसे नीतीश-लालू की मंडल की राजनीति को पलीता लगा रहे हैं बिहार सरकार के मंत्री और अफसर?, बिहार न्यूज

बिहार में महागठबंधन सरकार की दोनों बड़ी पार्टियां आरजेडी और जेडीयू लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मंडल राजनीति को जगाने में जुटी हैं। जाति आधारित गणना के आधार पर पिछड़ों-दलितों-आदिवासियों का आरक्षण 65 फीसदी तक बढ़ाने की राजनीतिक जमीन पर चुनावी लड़ाई लड़ने की नीतीश, लालू यादव और तेजस्वी यादव की योजना में रह-रहकर कभी शिक्षा मंत्री तो कभी विभाग के अफसर पलीता लगा दे रहे हैं। महागठबंधन को मंडल की राजनीति में चुनावी फायदा नजर आ रहा है लेकिन शिक्षा विभाग से कुछ ना कुछ ऐसा होता रहता है जिससे बीजेपी को कमंडल पिच पर खुलकर खेलने का मौका मिलता है।

ताजा विवाद हुआ है अगले साल यानी 2024 में स्कूलों में छुट्टियों के कैलेंडर को लेकर। सरकार ने सामान्य और उर्दू स्कूलों के लिए अलग-अलग कैलेंडर बनाया है। इसमें हिंदुओं के कुछ पर्व पर छुट्टी नहीं है जबकि मुसलमानों के कुछ त्योहार की छुट्टी बढ़ गई है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर कह रहे हैं कि उनको कैलेंडर के बारे में पता ही नहीं है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार कह रहे हैं कि सरकार के स्तर पर ये कैलेंडर नहीं बना है और संज्ञान में आते ही सीएम नीतीश कुमार इसे ठीक करेंगे। शिक्षा विभाग सफाई जारी कर रहा है कि 60 दिन छुट्टी 2023 में थी, 2024 में भी है। विभाग कह रहा है कि कनफ्यूजन दो कैलेंडर के कारण हुआ है जो सामान्य और उर्दू स्कूल के लिए अलग-अलग बने हैं।

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बीजेपी को बैठे-बिठाए महागठबंधन सरकार पर फिर से सनातन धर्म पर हमले का आरोप लगाने का मौका मिल गया है। बीजेपी के हर बड़े नेता ने नीतीश सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाकर हमला बोल दिया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि शिवरात्रि, जन्माष्टमी की छुट्टी काट दी गई है और ईद-बकरीद की छुट्टी बढ़ा दी गई है। सिंह ने कहा कि जिस तरह से लालू यादव और नीतीश कुमार सरकार हिंदुओं पर हमला कर रही है, भविष्य में उन्हें मोहम्मद नीतीश और मोहम्मद लालू नाम से जाना जाएगा। गिरिराज ने कहा कि अगर काटी गई छुट्टी बहाल नहीं की गई तो अगले चुनाव में नीतीश को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

गिरिराज सिंह ने जिस चुनावी खामियाजे की धमकी दी उसे पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने और साफ तरीके से रखा। मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार बहुसंख्यक हिंदुओं को जातियों में बांटकर तुष्टीकरण से मुस्लिम वोटों को एकजुट कर 2024 का चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है लेकिन वह सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव पर नजर रखते हुए बिहार सरकार ने स्कूलों में 2024 की छुट्टियों का ऐसा कैलेंडर जारी किया, जिसमें हिंदू पर्व की छुट्टियां काटकर मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियां बढायी गईं।

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मोदी ने कहा कि यह सब नीतीश और तेजस्वी की सहमति से हुआ है लेकिन भाजपा के विरोध के बाद शिक्षा विभाग के छोटे अधिकारियों पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है। सुशील मोदी ने उर्दू स्कूलों और मुस्लिम-बहुल इलाकों में रविवार की जगह साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को देने पर भी सवाल उठाया है।

रक्षा बंधन, दुर्गा पूजा और छठ: चार महीने में शिक्षा विभाग के तीन ट्रेनिंग-छुट्टी विवाद

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, विजय कुमार सिन्हा समेत हर छोटे-बड़े भाजपा नेता ने हिंदू पर्वों पर छुट्टी में कटौती को लेकर सरकार पर हमला बोल दिया है। लेकिन ये पहली बार नहीं है जब शिक्षा विभाग के मंत्री या अफसरों के काम से विवाद पैदा हुआ है जिसमें बीजेपी को सनातन पर हमला और मुस्लिम तुष्टीकरण का मसला उठाने का मौका मिला हो। शिक्षा विभाग ने अगस्त में रक्षा बंधन की छुट्टी खत्म कर दी और सभी स्कूलों को खुला रखने का निर्देश दिया था। स्कूल खुले। शिक्षक भी आए। छात्र-छात्रा ना के बराबर आए। शिक्षकों ने विरोध किया। बीजेपी ने भी हंगामा किया। लेकिन केके पाठक का विभाग अड़ा रहा।

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फिर दूसरा विवाद हुआ दुर्गा पूजा के दौरान टीचरों की छह दिन की ट्रेनिंग पर। विभाग ने 16 से 21 अक्टूबर तक शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया। नवरात्र के दौरान ट्रेनिंग का विरोध हुआ तो सरकार ने आदेश को वापस लिया। तीसरा विवाद पैदा हुआ बीपीएससी से बहाल नए शिक्षकों की ज्वाइनिंग को लेकर। इसके लिए विभाग ने हेडमास्टर की छठ की छुट्टी कैंसिल कर दी और कहा कि 21 नवंबर तक सबका योगदान करा लें। विवाद होना था, हुआ। नए टीचर से लेकर भाजपा तक ने मामले को उठाया। फिर शिक्षा विभाग बैकफुट पर आया और नया आदेश आया कि छठ पर 19 और 20 नवंबर को छुट्टी रहेगी। बचे हुए टीचर का योगदान 21 नवंबर तक कराया जाए।

हिंदू धर्मग्रंथ पर विवाद खड़ा करने में पीछे नहीं हैं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

तीनों विवाद हिंदू पर्व पर स्कूल खोलने या टीचरों को बुलाने को लेकर हुआ। हर बार बीजेपी ने सनातन पर हमला बोलकर मुद्दे को उठाया और सरकार को दो बार अपना आदेश वापस लेना पड़ा। खुद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर बीजेपी को नीतीश सरकार, महागठबंधन, जेडीयू और आरजेडी को सनातन विरोधी बताने का मौका देते रहे हैं। नीतीश और तेजस्वी तक की फटकार भी चंद्रशेखर पर काम नहीं कर पाई।

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चंद्रशेखर ने एक बार कहा कि रामचरितमानस समाज बांटने और नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। विवाद हुआ तो नीतीश ने कहा कि सभी धर्म के लोगों को अपने तरीके से पूजा-पाठ करने का अधिकार है जिसमें किसी का दखल ठीक नहीं है। लेकिन आरजेडी कोटे के मंत्री चंद्रशेखर पर सीएम की फटकार का भी असर नहीं हुआ। कुछ दिन बाद उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में जो कूड़ा है उसे साफ करने की जरूरत है। मंत्री इस बार ग्रंथ के कुछ दोहों की बात कर रहे थे।

फिर आया जन्माष्टमी। एक कार्यक्रम में चंद्रशेखर ने मोहम्मद साहेब को मर्यादा पुरुषोत्तम तक बता दिया जो उपाधि भगवान राम के लिए इस्तेमाल की जाती है। सितंबर में हिंदी दिवस पर एक कार्यक्रम में चंद्रशेखर ने फिर रामचरितमानस पर हमला बोला। इस बार मंत्री ने रामचरितमानस की तुलना पोटैशियम साइनाइड से कर दी। जब-जब चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर मुंह खोला, कुछ ऐसा बोला कि बीजेपी को सरकार पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगा।

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ये कोई खुलकर नहीं कहता लेकिन समझते सब हैं कि हिंदू वोटरों की एकजुटता में बीजेपी को जीत दिखती है जबकि उससे लड़ने वाली पार्टियों को जातीय आधार पर हिंदू वोट में बंटवारे से ताकत मिलती है। जातियों के खांचे में वोटिंग से मंडलवादी पार्टियों की राजनीति सफल होती है और जातियों को परे रखने से कमंडल पॉलिटिक्स को कामयाबी मिलती है। बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर आरक्षण को बढ़ाना मंडल राजनीति का विस्तार है जिसके दम पर लगातार दो लोकसभा चुनाव हार चुकी विपक्षी पार्टियां 2024 में सियासी ताकत वापस हासिल करने की कोशिश में हैं।

शिक्षा विभाग के मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अफसर बार-बार ऐसा काम कर दे रहे हैं जिससे भाजपा को नीतीश सरकार पर हिंदू धर्म का अपमान करने का आरोप लगाने का मौका मिलता है। जाति जनगणना और आरक्षण बढ़ाने के राजनीतिक काट के तौर पर बीजेपी को जातीय गोलबंदी तोड़कर हिंदू एकता के लिए इसी तरह के इमोशनल पिच चाहिए। महागठबंधन के नेता और सरकार के अफसर मौका दे रही है तो बीजेपी भी खुलकर खेलने का कोई मौका नहीं चूक रही।

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