Hinduja Group News: 60 साल तक ईरान में रहा हिंदुजा ग्रुप का हेडक्वार्टर, जानिए क्यों छोड़ना पड़ा था ठिकाना

9
Hinduja Group News: 60 साल तक ईरान में रहा हिंदुजा ग्रुप का हेडक्वार्टर, जानिए क्यों छोड़ना पड़ा था ठिकाना

Hinduja Group News: 60 साल तक ईरान में रहा हिंदुजा ग्रुप का हेडक्वार्टर, जानिए क्यों छोड़ना पड़ा था ठिकाना

नई दिल्ली: हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) के चेयरमैन श्रीचंद परमानंद हिंदुजा (SP Hinduja) का निधन हो गया है। उन्होंने बुधवार को लंदन में अंतिम सांस ली। एसपी हिंदुजा ने जब 1952 में फैमिली बिजनस में एंट्री की थी तो उनके पिता ईरान को अपने ट्रेडिंग बिजनस का हब बना चुके थे। वह ईरान से कालीन और ड्राई फ्रूट्स का एक्सपोर्ट करते थे और भारत से टेक्सटाइल्स और चाय का इम्पोर्ट करते थे। करीब 60 साल तक इस ग्रुप का हेडक्वार्टर ईरान में रहा। लेकिन 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद हिंदुजा ग्रुप वहां से अपना हेडक्वार्टर हटाकर लंदन ले गया। आज हिंदुजा परिवार ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार है। इसकी कुल नेटवर्थ करीब 14 अरब डॉलर है। हिंदुजा ग्रुप का कारोबार 38 देशों में फैला है और इसमें 150,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। भारत में इस ग्रुप की छह लिस्टेड कंपनियां हैं। इनमें ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड्स (Ashok Leyland) और इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) शामिल हैं।

हिंदुजा ग्रुप की स्थापना सिंध के शिकारपुर शहर के रहने वाले युवा उद्यमी परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1914 में की थी। 1919 में कंपनी ने ईरान में अपना ऑफिस खोला। इसके बाद अगले 60 साल तक ईरान ही इस कंपनी का हेडक्वार्टर रहा। लेकिन 1979 में इस्लामिक क्रांति के कारण ईरान के शाह का पतन हो गया। इस उथलपुथल के बीच हिंदुजा ग्रुप ने अपना हेडक्वार्टर ईरान से बाहर ले जाने का फैसला किया। ग्रुप का अगला ठिकाना था ब्रिटेन की राजधानी लंदन। इस ग्रुप की शुरुआत मर्चेंट बैंकिंग और ट्रेड से हुई थी।

SP Hinduja Death: ‘संगम’ ने बदल दी थी एसपी हिंदुजा की किस्मत, बोफोर्स घोटाले में भी आया था नाम

कहां-कहां फैला है बिजनस

एसपी हिंदुजा ने अपने परिवार के बिजनस को फैलाने में अहम भूमिका निभाई। ग्रुप ने स्विट्जरलैंड में एक फाइनेंस कंपनी हिंदुजा बैंक की स्थापना की। बाद में ग्रुप ने गल्फ ऑयल इंटरनेशनल और लैंड रोवर लीलैंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स को खरीदा। हिंदुजा ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक एसपी हिंदुजा देश में नए जेनरेशन के पहले प्राइवेट बैंक इंडसइंड बैंक की परिकल्पना एसपी हिंदुजा ने ही की थी। आज इसका कारोबार ऑटो, आईटी, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, ऑयल एंड स्पेशिएल्टी केमिकल्स, बैंकिंग एंड फाइनेंस, पावर जेनरेशन, रियल एस्टेट, हेल्थकेयर सहित कई सेक्टर्स में फैला है।

1971 में परमानंद दीपचंद के निधन के बाद उनके चार बेटों ने हिंदुजा ग्रुप के कारोबार को पूरी दुनिया में फैलाया। अशोक लीलैंड भारत में कमर्शियल वीकल बनाने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी की दुनियाभर में करीब 10 प्रॉडक्शन यूनिट्स हैं। इस कंपनी ने 1997 में भारत की पहली सीएनजी बस उतारी थी। 1994 में हिंदुजा ग्रुप ने भारत के बैंकिंग सेक्टर में एंट्री मारी। साल 2000 में हिंदुजा ग्रुप ने हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस की स्थापना की। यह ग्रुप की बीपीओ कंपनी है। हिंदुजा ग्रुप ने जाने माने ब्रांड गल्फ को भी खरीदा था और बाद में इसका नाम गल्फ ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Gulf Oil Corporation Ltd) कर दिया था।

Navbharat Times -Hinduja family feud: 108 साल पुराने हिंदुजा ग्रुप का होगा बंटवारा! 38 देशों में कारोबार, 150,000 से अधिक कर्मचारी

हर भाई के पास अलग जिम्मेदारी

हिंदुजा भाइयों में श्रीचंद पी हिंदुजा सबसे बड़े थे। गोपीचंद हिंदुजा दूसरे नंबर के, प्रकाश पी हिंदुजा तीसरे और अशोक पी हिंदुजा सबसे छोटे भाई हैं। दोस्तों के बीच एसपी के नाम से जाने जाने वाले श्रीचंद हिंदुजा ने 1952 में फैमिली बिजनस जॉइन किया था। हर भाई के पास कारोबार की अलग-अलग जिम्मेदारी थी। श्रीचंद हिंदुजा पूरे ग्रुप के चेयरमैन थे जबकि गोपीचंद हिंदुजा को-चेयरमैन है। प्रकाश यूरोप में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन हैं, जबकि अशोक भारत में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन है। श्रीचंद गोपीचंद लंदन में रहते थे। गोपीचंद भी लंदन में रहते हैं। प्रकाश मोनैको में रहते हैं जबकि अशोक भारत में रहते हैं।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News