Hindu धर्म अपनाकर सलीम खान बने Hanuman Mandir के पुजारी, पत्नी घर वापसी की जिद पर अड़ी

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Hindu धर्म अपनाकर सलीम खान बने Hanuman Mandir के पुजारी, पत्नी घर वापसी की जिद पर अड़ी

Hindu धर्म अपनाकर सलीम खान बने Hanuman Mandir के पुजारी, पत्नी घर वापसी की जिद पर अड़ी


मुरैना: एमपी (Madhya Pradesh News) के मुरैना में मुस्लिम बुजुर्ग ने अपने परिवार के साथ-साथ अपना धर्म भी त्याग दिया। इस्लाम धर्म छोड़कर उसने हिंदू धर्म अपना लिया। इससे बुजुर्ग का परिवार काफी नाराज है। मुसलमान से हिंदू बन चुके बुजुर्ग की बेगम ने अभी हार नहीं मानी है। उनकी बेगम का कहना है कि वे फिर से अपने शौहर को हिंदू से मुस्लिम बनवाएंगे। यह पूरा मामला मुरैना जिले का है, जहां सलीम खान नाम के बुजुर्ग ने धर्म परिवर्तन कर लिया। वह अब सुखराम दास बन गए हैं।

दरअसल, मुरैना के खड़ियाहार गांव में रहने वाले सलीम खान छह महीने पहले अपने घर से चले गए थे। बीहड़ में बने हनुमान मंदिर पर पहुंच गए थे। यहीं वे रहने लगे। मंदिर पर रहते हुए उन्हें भगवान से ऐसी लगन लगी कि उन्होंने हनुमान जी का पूजा पाठ शुरू कर दिया। यह देखकर वहां के ग्रामीणों ने उन्हें मंदिर पर ही पुजारी बनकर रहने की सलाह दी। इसके बाद सलीम खान ने अपना धर्म परिवर्तन किया। वे सुखराम दास बन गए।

वहीं, जब उनका धर्म परिवर्तन हो रहा था, तब सलीम खान की पत्नी मीरा और पुत्र जफर को इस बात की जानकारी नहीं थी। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि सलीम खान मंदिर पर पूजा करने लगे हैं। इसके बाद उनके लोग दौड़े-दौड़े सलीम खान के पास पहुंचे। उनसे वापस लौटने की मिन्नतें की। सलीम खान से सुखराम दास बन चुके बुजुर्ग ने अपने घरवालों को लौटा दिया। उनसे कहा कि अल्लाह और भगवान एक ही हैं। इसके बाद भी सलीम की बेगम मीरा ने हार नहीं मानी है।

सलीम की बेगम मीरा का कहना है कि उन्हें यह बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगी कि उनके पति हिंदू बन गए। इस बात से उनकी समाज में कोई इज्जत नहीं रही। वे पूरी कोशिश करेंगे कि वे अपने शौहर को फिर से मुसलमान बना सके। इसके लिए उनके बेटे जफर ने भी सहमति दे दी है। मीरा का कहना है कि समाज के लोग बार-बार यह कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। अगर उन्हें इसी तरह रहना था तो मुस्लिम बन कर भी अल्लाह की इबादत कर सकते थे।

हालांकि गांव के ही रहने वाले कुछ बुजुर्ग मुस्लिम इस बात को लेकर कोई अचंभा नहीं जता रहे हैं। गांव के ही बबुद्दीन नाम के बुजुर्ग का कहना है कि उनके मन में भगवान के लिए आस्था थी तो उन्होंने वैसा ही किया है। इसमें कोई गलत बात भी नहीं है। हिंदू समाज के लोग भी सलीम खान को सुखरामदास के रूप में देखकर काफी प्रसन्न हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर पर कोई ठहर नहीं पाता था लेकिन सलीम यहां पिछले 6 महीने से रह रहे हैं। यह भगवान की इच्छा है। सलीम खान भी सुखरामदास बनने के बाद हनुमान जी की पूजा में डूबे रहते हैं। सलीम खान के परिवार वाले हर हाल में सुखराम दास को सलीम खान बनाने के लिए आमादा है।

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