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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश ऐसा देश है जहां पुलिस ने डकैत मुक्त कर दिया। खाकी देश की सुरक्षा के लिए है, इसकी इज्जत हमेशा बनाए रखना। पुलिस के लिए आरक्षक ही ऐसी कड़ी है जिन्हें अपनी बीट के अपराधियों की पूरी कुंडली पता रहती है। इसलिए आपका काम और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजधानी के नेहरू नगर स्थित पुलिस लाइन में शुक्रवार को नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति पत्र दे रहे थे। इस मौके पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और डीजीपी भी मौजूद थे। चौहान ने नवनियुक्ति पुलिस आरक्षकों को पुलिस के शौर्य और बलिदान के बारे में बताया। साथ ही उन्हें कई टिप्स भी दिए।

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं आपसे कह रहा हूं, जिस मां ने आपको जन्म दिया है, जिस पिता ने आपको गोद में खिलाया है। एक जन्म देने वाली मां है और एक भारत मां है उस मां के दूध की लाज रखना। पुलिस अलग से कोई अपना चेहरा नहीं रखती है। चेहरा कौन होते हैं, वो होते हैं जवान, अफसर, हम जैसा काम करेंगे वैसा ही पुलिस का चेहरा बनेगा। इसलिए गर्व और गौरव के साथ हम मध्यप्रदेश पुलिस की साख को बनाए रखते हुए अपने जीवन को सार्थक करने के लिए क्षेत्र में जाएं। आपका नेतृत्व अफसर करते हैं, लेकिन पुलिस के आंख और कान कोई है तो वो है आरक्षक। बीट में रहने वाले आरक्षक को हमेशा यह पता रहता है कि उसके क्षेत्र में क्या हो रहा है। कौन गुंडा है, कौन बदमाश है, कौन अपराधी है। यह जिम्मेदारी किसकी है, जो बीट में काम करता है, यह जिम्मेदारी उसकी है। पूरी कुंडली आरक्षक के पास रहती है जो बीट में काम करता है।

 

चौहान ने कहा कि हमारी पूंजी है, हमारा चरित्र। कई तरह के लोग हमारे आसपास आने का प्रयास करेंगे। जुएं सट्टे वाले, अवैध शराब का धंधा करने वाले। गुंडे मवाली बदमाश यह सबसे पहले कोशिश करते हैं कि हमारी दोस्ती यदि इन पुलिस वालों से हो जाए तो हमारा काम आसान हो जाए। मैं कहता हूं ऐसे लोगों से सावधान रहना। मैंने हमेशा कहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस का मतलब है, सज्जनों के लिए फूल से ज्यादा कोमल, और दुष्टों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर। अपराधी आपको देखकर कांप जाए।

 

मख्यमंत्री ने कहा कि हम जनता के लिए हैं आम जन के लिए है। आम आदमी आपकी तरफ देखें कि उसके मन में यह भरोसा होना चाहिए कि यह मेरे रक्षक हैं। हमारे गृहमंत्री बता रहे थे कि जब सिंहस्थ हुआ 2016 में, जब मैं वो दृष्य भूल नहीं सकता। वो रेलवे स्टेशन की सीढ़ियां चढ़ नहीं पा रही थी। हमारे पुलिस के जवानों ने उसे गोद में बैठाया और पहुंचा दिया। यह हमारा मध्यप्रदेश की पुलिस है। हमें गर्व है। मध्यप्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता आप पर गर्व करती है।

 

चौहान ने कहा कि कोविड का वो दौर याद करो, जब लोग अपने घरों में घुस गए थे बाहर नहीं निकलते थे। तब पीपीई किट पहनकर जनता की सुरक्षा के लिए, चाहे लाक डाउन का पालन करवाना हो, सामान दवाइयां पहुंचाना हो। सड़कों पर कोई खड़ा था तो मध्यप्रदेश का जवान खड़ा था। हमारी पुलिस खड़ी थी। हमारे पुलिसकर्मियों ने अपने आपको बलिदान कर दिया। हमने भी उनके परिवारों का साथ नहीं छोड़ा। इस परंपरा को कभी भूलना मत।

 

टीमवर्क कभी नहीं भूलना

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी हो, इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। आपने जो सफलता प्राप्त की है, वो आपकी व्यक्तिगत सफलता है। अब जो आपको काम करना है तो काम करना पड़ेगा टीम के साथ. क्योंकि यहां तक तो आप अकेले आ गए। इसलिए मैं आप सभी से कह रहा हूं कि टीम वर्क मत भूलना। मिलकर काम करना, साथ काम करना। क्योंकि पुलिस ने जो सफलता हासिल की है, वो टीम के कारण हासिल की है।

 

अपराधियों को कुचल दो

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर निकलकर जनता की कोई रक्षा करता है तो इसमें नंबर वन मध्यप्रदेश की पुलिस है। अपराधियों के मन में यह डर पैदा करती है। यह हमेशा होना चाहिए। मुझे कहते हुए कोई संकोच नहीं है। अपराधियों को कुचल दो, नेस्तनाबूद कर दो, जो जनता की जिंदगी से खेल। यदि किसी मासूम बिटिया के साथ किसी ने कुदृष्टि डाली तो यह मध्यप्रदेश पुलिस है, जिसने बुल्डोजर भी चला दिया। हमने भी कहा कि चलाओ।

 

आतंकवाद को भी कुचल दिया

चौहान ने कहा कि कुछ समय पहले आतंकवादी गतिविधियां भी शुरू हुई थी। उसे भी कुचलने का काम एमपी पुलिस ने किया। सब इज्जत करते हैं यदि हम प्रमाणिकता से काम करते हैं।

 

 

टेक्नोलाजी से दूर नहीं रहना

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल टेक्नोलाजी के इस्तेमाल करके क्राइम किए जा रहे हैं। इसलिए आप लोग भी टेक्नोलाजी से दूर नहीं रहना। आप लोग भी इसमें प्रवीणता हासिल करा। जिससे अपराधियों को पकड़ सकें। हमें हर क्षण सतर्क रहने की जरूरत है। साइबर क्राइम आज ऐसी समस्या है, जिसमें अलग-अलग तरह के अपराध हो रहे हैं। कार्यप्रणाली में परिवर्तन करके किए जा रहे हैं। बदल-बदल कर किए जा रहे हैं। इससे भी निपटने के लिए आपको सतर्क रहना होगा। चौहान ने कहा कि संवेदनशील का काम यदि आए तो आप जरूर मिसाल कायम करना।

 

पुलिस को अवकाश भी जरूरी

चौहान ने कहा कि काम में से अपने लिए समय निकाले। योगा के लिए भी समय निकाले। आपकी रुचि के अनुसार समय निकाल लें। आपको मेरी तरह दुबला-पतला भी नहीं रहना चाहिए। पुलिस को फिटनेस भी रखना है। कम से कम लगे तो पुलिस वाले हैं। अपना व्यवहार हमेशा अच्छा और संतुलित रखें।

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