Hindi News: हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Live Breaking News | Patrika

191
Hindi News: हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Live Breaking News | Patrika

Hindi News: हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Live Breaking News | Patrika


भोपाल। प्रदेश में बेटियों के हालात संवारने-सुधारने की कवायद तेजी से जारी है। बच्चियों को परवाज मिले और वे बिना किसी भय के आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें इसके लिए केंद्र, राज्य सरकार प्रयासरत हैं। उनकी बेहतरी, उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनके जरिए कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाकर लिंगानुपात में सुधार है। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, छात्रवृत्ति संबंधी लाभ देकर आर्थिक स्थिति भी सुधारी जा रही है। अब परिवारों के लिए बेटा-बेटी एक समान हैं। वे बालिकाओं को भी सुनहरे अवसर दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।

योजनाएं और उनके चलते आ रहे बदलाव

प्रदेश सरकार बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ अभियान, लाड़ो अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, शौर्या दल जैसी योजनाएं चला रही है। समय के साथ अब इन योजनाओं के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव आ रहा है। लिंगानुपात बेहतर हो रहा है। बालिका शिक्षा की स्थिति भी अब पहले के मुकाबले सुधर रही है। बाल विवाह के मामलों में कमी आना कई समस्याओंपर कुठाराघात है।

लिंगानुपात में सुधार था चुनौती, अब ये है स्थिति

प्रदेश में लिंगानुपात के आंकड़ों में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। एनएफएचएस-4 के अनुसार प्रदेश में लिंगानुपात 927 था जो एनएफएचएस-5 में बढ़कर 956 हो चुका है। विशेष रूप से ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड जैसे कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में स्थिति बदल रही है। इन इलाकों में कभी बेटे के जन्म पर उत्सव मनाया जाता था, अब बेटियों के पैदा होने पर ढोल-नगाड़े गूंजते हैं।

बाल विवाह अब गुजरे दौर की बात

एनएफएचएस-4 के अनुसार प्रदेश में बाल विवाह का प्रतिशत 32.3 था जो एनएफएचएस-5 में 23.1 पर आ गया है। ये स्थिति सुधार को दिखाती है क्योंकि कम उम्र में शादी हो जाने से लड़कियां निरक्षर रह जाती हैं। उनके शरीर और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है सो अलग।

लाड़ली लक्ष्मी योजना के चलते भ्रूण हत्या, बाल विवाह, बालिका शिक्षा, परिवार नियोजन जैसे विषयों की ओर जनता का ध्यान गया है। प्रदेश में 2007 में आरंभ हुई योजना में 43 लाख से ज्यादा बालिकाओं का पंजीयन किया जा चुका है। शुरुआत से अब तक 9.05 लाख को 231.07 करोड़ की छात्रवृत्ति बांटी जा चुकी है। लाड़ली ई-संवाद ऐप भी आकार ले चुका है, जिस पर बेटियां सुझाव, समस्या या प्रश्नों को रख सकती हैं।

सभी जिलों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

बालिकाओं की देख-देख, सुरक्षा, शिक्षा और लिंगानुपात में सुधार के लिए केंद्र ने 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की। पहले ये प्रदेश के चयनित जिलों में थी। अब सभी जिलों में चला रहे हैं। लाड़ो अभियान का उद्देश्य जनसमुदाय की मानसिकता में बदलाव, बाल विवाह जैसी कुरीति को मिलकर समाप्त करना है।

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News