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वहीं खनन माफियाओं की काल कहे जाने वाली डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की निगाहे भी वहा तक नही पहुंच पा रही है। बता दे की यह खनन क्षेत्र शहर से लगभग 10 किलोमीटर के अंतराल में है। इसके बावजूद केन नदी को बेदर्दी से खोखला किया जा रहा है। साथ ही सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।
वहीं नदी किनारे सब्जी की खेती करने वाले किसानों ने अपना दर्द बयां किया है। दबंग बालू माफियाओं ने उनकी बारिया रौंद डाली है जिससे तटीय किसानों के खाने के लाले पड़ गए है। और भुखमरी की कगार में पहुंच गए है।
आपको बता दे की उत्तर प्रदेश का बांदा जिला इस समय खनन के मामले में चर्चा का विषय बना रहता है। वजह यह है की बालू माफिया इस कदर सकीर्य रहते है की अवैध खनन को लगातार अंजाम दे रहे है। पर जिम्मेदार लंबे समय के लिए मौन बैठे रहते है। जिससे सरकार को तो भरी नुकसान होता ही है साथ ही साथ इनके चपेट में तटीय किसान भी आ जाते है।
जिनकी सभी की क्यारियां ये बालू माफिया बेदर्दी से रौंद डालते है और खोद डालते है जिससे उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद हो जाती है और जीने का आसरा भी खत्म हो जाता है। इस बात की पुष्टि किसान तो कर ही रहे है। साथ ही एक जिम्मेदार सरकारी कर्मचारी ने यह कहते हुए की मेरा नाम न ही खोला जाए और न ही मेरी पहचान खोली जाए इस शर्त पर उन्होंने बताया की otp बंद रहने के दौरान भी इस खदान पर लगातार खनन कार्य जारी रहता है। लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं होती।
हालाकि जब इस संबंध में खनिज अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा की उनकी जानकारी में भी ऐसा कुछ आया है वो जल्द ही इस पर एक्शन लेंगे और मीडिया को अवगत भी कराएंगे अब देखने वाली बात यह है की खनिज अधिकारी कब एक्शन लेंगे और बर्बाद हुए किसानों को क्या न्याय दिलाएंगे।