हरियाणा: वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा रेप तो समाज का हिस्सा है

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दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं. यहाँ अकसर खाप पंचायत और ऑनर किल्लिंग के नाम पर लड़कियों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. जो लड़कियां इन मामलों से बच जाएँ तो उन्हें बालात्कार या यौन शोषण का शिकार होना पड़ता है. इस बात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में पिछले 5 दिनों में बालात्कार की 6 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. कुछ मामलों में तो लड़कियों के साथ गैंग रेप करके उनकी निर्मम ह्त्या कर दी गयी. बालात्कार और हत्या के इन मामलों में पुलिस जांच कर रही है मगर हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान ने पुलिस की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

ADGP ने दिया शर्मनाक बयान

हरियाणा के ADGP आर सी मिश्रा ने कहा कि “रेप समाज का हिस्सा है. ऐसी घटनाएं आज से नहीं, लंबे समय से होती आ रही हैं. पुलिस का काम है कि वो अपराधियों को पकडे और चीज़ों को सबूत के साथ पुख्ता करे. ऐसा करने में हम कोई कसर नही छोड़ रहे हैं. हमे ऐसी घटनाओं को रोकने की कोशिश करनी चाहिए.” ADGP मिश्रा के इस बयान पर बवाल मचने के बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी है.

लेकिन बड़ा सवाल ये है कि अगर पुलिस मुस्तैद है और इमानदारी से अपना काम कर रही है तो इस तरह की घटनाएँ बढ़ क्यूँ रही हैं. अब तक तो ऎसी घटनाओं पर लगाम लग जानी चाहिए थी.

पद्मावत पर बैन के वक़्त हो रहा था बालात्कार

आपको जानकर दुःख होगा लेकिन कल जिस वक़्त हरियाणा सरकार दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावत पर बैन की घोषणा कर रही थी उसी वक़्त राज्य के फतेहाबाद में एक रेप की घटना हुई. 20 साल की एक युवती ने आरोप लगाया है कि गांव के ही दो युवकों ने उसके घर में घुसकर उसके साथ रेप किया. वारदात के वक्त पीड़ित लड़की का पूरा परिवार उसके नाना की रस्म पगड़ी में गया हुआ था.

हालांकि पुलिस कह रही है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बना दी गई हैं. लेकिन आरोपी अब भी कानून की पहुंच से बाहर हैं.

Hariyana police -

15 साल का बालात्कारी

इस घटना से पहले हरियाणा के हिसार से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है. शायद इस खबर से हर बच्ची के माँ-बाप चिंता में पड़ जाएँ. एक साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची को घर में अकेली पाकर पड़ोस के ही 15 साल के किशोर ने उसके साथ रेप किया. बच्ची के माता-पिता मज़दूर हैं और वारदात के वक्त वो काम पर गए थे. जब घर आकर उन्होंने बच्ची को लहूलुहान देखा तो अस्पताल में भर्ती कराया. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगो ने आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश के बाद आरोपी को सुधारगृह में भेज दिया गया है.

दूसरी तरफ कुछ दिन पहले ही पुलिस को 15 साल की एक लड़की की अर्धनग्न लाश मिली थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी.

बालात्कार की इन घटनाओं से सरकार और प्रशासन पर असर क्यूं नहीं पड़ रहा. क्या अपराधियों पर उनकी पकड़ इतनी कमज़ोर है कि अब उन्हें किसी तंत्र का खौफ नही. सरकार को इतिहास में गुम हो चुकी स्त्रियों की लाज की फ़िक्र है मगर वर्तमान में शर्मनाक मौत मर रही स्त्रियों और बच्चियों का कोई ख़याल नही. इस दोगलेपन और मनमानी का जवाब कौन देगा?