Haryana Sandeep Singh Case: हरियाणा के पूर्व मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, पुलिस कराएगी ब्रेन मैपिंग

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Haryana Sandeep Singh Case: हरियाणा के पूर्व मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, पुलिस कराएगी ब्रेन मैपिंग

Haryana Sandeep Singh Case: हरियाणा के पूर्व मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, पुलिस कराएगी ब्रेन मैपिंग

चंडीगढ़: महिला कोच की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद पुलिस जांच का सामना कर रहे हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने मंगलवार को जिला अदालत में एक याचिका दायर कर संदीप सिंह की ब्रेन मैपिंग कराने की इजाजत मांगी है। अब इस मामले की 31 मार्च को सुनवाई की जाएगी। ब्रेन मैपिंग एक न्यूरोसाइंस तकनीक है, जिससे ब्रेन में मौजूद तरंगों की जांच की जाती है। इससे यह समझा जाता है कि आरोपी ने जिस तरह के अपराध किया है, उसे करने के लिए उसका दिमाग किस हद तक सक्षम है। ब्रेन मैपिंग टेस्ट से दिमागी तरंगों की स्टडी की जाती है, इसके लिए जिसका ब्रेन मैपिंग टेस्ट किया जाता है, उस व्यक्ति के सिर से सेंसर्स को कनेक्ट किया जाता है।

संदीप सिंह के खिलाफ पंचकूला स्टेडियम में तैनात जूनियर महिला कोच ने 29 दिसंबर को यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दी थी। चंडीगढ़ पुलिस ने 31 दिसंबर को संदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

फैक्ट फाइंडिंग कमिटी दे चुकी है रिपोर्ट

चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा सरकार की ओर से बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमिटी इस मामले में पहले ही अपनी रिपोर्ट दे चुकी है, जिसमें परोक्ष रूप से संदीप सिंह को क्लीन चिट दी गई है।

सदन में हंगामा

हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भी संदीप सिंह को लेकर हंगामा हो चुका है। इस सत्र के दौरान संदीप सिंह केवल एक ही दिन सदन में आए हैं। अब चंडीगढ़ पुलिस द्वारा ब्रेन मैपिंग के लिए आवेदन दिए जाने के बाद संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह पर जब उनके ही विभाग की एक जूनियर महिला कोच ने छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए थे तो हरियाणा सरकार के आदेशों पर डीजीपी पीके अग्रवाल ने रोहतक आईजी और एडीजीपी ममता सिंह की अध्यक्षता में फैक्ट फाइंडिंग कमिटी बनाई थी। इस जांच के लिए खुद संदीप सिंह ने ही आग्रह किया था, ताकि पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके। चूंकि छेड़छाड़ का घटनाक्रम चंडीगढ़ का बताया गया, इसलिए यूटी पुलिस ने इस मामले में संदीप सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

पीड़िता ने उठाए थे सवाल

पीड़िता के वकील ने भी हरियाणा सरकार की ओर से बनाई गई कमिटी पर सवाल उठाए थे। उनकी दलील थी कि जब यूटी पुलिस की एसआईटी जांच कर रही है और क्राइम चंडीगढ़ में हुआ है तो फिर हरियाणा पुलिस कैसे जांच कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि ममता सिंह की अध्यक्षता वाली कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि उनके पास किसी भी पक्ष की ओर से बयान दर्ज नहीं करवाए गए। न तो संदीप सिंह ने ही बयान दिए और न ही महिला कोच कमिटी के पास गई।

इसके बावजूद कमिटी ने संदीप सिंह और पीड़िता के मीडिया में दिए गए ऑडियो-विडियो बयानों को अपनी रिपोर्ट में स्टेटमेंट के रूप में शामिल किया है। दूसरी ओर इस पूरे मामले में चंडीगढ़ पुलिस की जांच भी काफी धीमी चल रही है। एसआईटी संदीप सिंह और शिकायतकर्ता के बयान दर्ज कर चुकी है। पीड़िता और उसके परिजनों की ओर से बार-बार संदीप सिंह को गिरफ्तार करने की भी मांग की जा रही है। फिलहाल यूटी पुलिस द्वारा जांच ही की जा रही है।

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