Haryana News: हरियाणा सरकार ने सेंट्रल डेपुटेशन के लिए की 7 IPS अधिकारियों की सिफारिश, जानें पूरी ड‍िटेल

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Haryana News: हरियाणा सरकार ने सेंट्रल डेपुटेशन के लिए की 7 IPS अधिकारियों की सिफारिश, जानें पूरी ड‍िटेल

Haryana News: हरियाणा सरकार ने सेंट्रल डेपुटेशन के लिए की 7 IPS अधिकारियों की सिफारिश, जानें पूरी ड‍िटेल


चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (VB) के महानिदेशक (DG) से मंजूरी लेने के बाद सात आईपीएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की सिफारिश की है। इसमें अधिकारी संदीप खिरवार (एडीजीपी, लॉ एंड ऑर्डर), ओपी नरवाल (डीआईजी, लॉ एंड ऑर्डर), कुलदीप सिंह (डीआईजी, वीबी), सुलोचना गजराज (एसपी, एससीबी), राजेश दुग्गल (एसपी, पलवल), अभिषेक जोरवाल (एडीसी, गवर्नर) और राजेंद्र कुमार मीणा (एसपी, आईटी) शाम‍िल हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर खाली पदों को भरने के लिए इन नामों पर विचार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया था।

विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य पुलिस को यह भी बताया है कि पांच और आईपीएस अधिकारियों आलोक कुमार रॉय, एसके जैन, डॉ सीएस राव, चारू बाली और मनीष चौधरी के खिलाफ कोई जांच लंबित नहीं है। रॉय और जैन 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जबकि राव और बाली 1995 बैच के हैं। मनीष चौधरी हरियाणा कैडर के 2005 बैच के अधिकारी हैं। हरियाणा कैडर के पांच आईपीएस अधिकारी पहले से ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनमें राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख और 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मनोज यादव शामिल हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महानिदेशक हैं।

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अन्य IPS अधिकारियों में सिबाश कबीरराज केंद्रीय विदेश मंत्रालय (MEA) में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (RPO) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। केवी रमना (रॉ), अश्विन (सीबीआई) और मनीषा चौधरी (चंडीगढ़ एसएसपी) भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। एक राज्य पुलिस सेवा (एचपीएस) अधिकारी सिमरदीप सिंह विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के एक ग्रुप कमांडर हैं। इस बीच, हरियाणा पुलिस अपने चार आईपीएस अधिकारियों को आईजीपी और डीआईजी के पद पर प्रमोशन देने और 2005, 2009 और 2010 बैच के अधिकारियों को चयन ग्रेड देने की मांग कर रही है।

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अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में 12 पदों की उपलब्धता के मुकाबले केवल दो आईपीएस अधिकारी चयन ग्रेड पा रहे हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि आईपीएस अधिकारी- सुलोचना गजराज, संगीता कालिया, राजेश दुग्गल और सुरेंद्र पाल सिंह इस साल एक जनवरी से चयन ग्रेड देने के पात्र हो गए हैं। एक IPS अधिकारी को एसपी से डीआईजी के पद पर प्रमोशन के लिए 14 साल की सेवा पूरी करनी चाहिए।

राज्य पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में डीआईजी के 15 कैडर पदों की उपलब्धता के मुकाबले डीआईजी रैंक के पदों पर 13 अधिकारी तैनात हैं जबकि दो पद खाली हैं। अधिकारियों के मुताबिक, आईपीएस अधिकारी अभिषेक गर्ग (2008 बैच) और राहुल शर्मा (2009 बैच) इस साल एक जनवरी से डीआईजी पद पर प्रमोशन के पात्र हो गए हैं। अभिषेक गर्ग 1 जुलाई, 2020 से 31 जून, 2021 तक असाधारण अवकाश पर हैं और उन्होंने 30 जून, 2023 तक अवकाश बढ़ाने का अनुरोध किया है, जो राज्य सरकार के विचाराधीन है।

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गाइडलाइन का हवाला देते हुए अधिकारियों का यह भी कहना है कि एक अधिकारी को आईपीएस में 18 साल की सेवा पूरी करनी चाहिए थी और साथ ही चौथे फेज के बीच करियर ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेना चाहिए था। अधिकारियों का कहना है कि इन कसौटी के साथ 2005 बैच के दो आईपीएस अधिकारी-मनीष चौधरी और कुलविंदर सिंह इस साल 1 जनवरी से डीआईजी रैंक से आईजीपी पद पर प्रमोशन के लिए पात्र हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस रैंक के लिए 16 कैडर पदों के मुकाबले 12 आईपीएस अधिकारी वर्तमान में आईजीपी के रूप में तैनात हैं, जबकि चार पद वर्तमान में खाली पड़े हैं। हरियाणा में आईजीपी स्तर का एक अधिकारी फिलहाल निलंबित है।

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सूत्रों का कहना है कि मई 2022 के बाद से हरियाणा में आईपीएस अधिकारियों का कोई प्रमोशन नहीं हुआ है। तब चार आईजीपी रैंक के अधिकारियों को एडीजीपी रैंक के रूप में तैनात किया गया था। सूत्रों का कहना है कि विवाद के बीच ये चार एडीजीपी रैंक के अधिकारी (1996 बैच) अभी तक लेवल 14 का वेतन ले रहे हैं जो आईजीपी रैंक के अधिकारियों के लिए है। दरअसल मई, 2022 में हरियाणा में एडीजीपी रैंक के 14 पद उपलब्ध थे। लेकिन चार और आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन के साथ ही एडीजीपी के पद पर तैनात पुलिस अधिकारियों की संख्या 17 हो गई थी। इनमें से छह कैडर पद हैं, जबकि 11 पूर्व कैडर पद हैं। सूत्रों का कहना है कि एडीजीपी रैंक में कमी को पूरा करने के लिए सरकार डीजीपी के तीन एक्स-कैडर पदों को एडीजीपी में बदलने की योजना बना रही है।

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