26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद ने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) का रुख किया है। आतंकी ने अपनी मिर्जा एंड मिर्जा नाम की लाहौर आधारित कंपनी के जरिए यूएन में एक याचिका दी है। वह इसके जरिए कुख्यात आतंकियों की सूची से अपना नाम हटवाना चाहता है। यह याचिका उसने अपने नजरबंद रहने के दौरान दायर कराई थी। बता दें कि मुंबई में आतंकी हमले के बाद साल 2008 में यूएन सिक्योरिटी काउंसिल रेसोल्यूशन ने उसे कुख्यात आतंकी करार दिया था। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की वेबसाइट के मुताबिक, 10 दिसंबर 2008 को हाफिज मोहम्मद सईद रेसोल्यूशन 1822 (2008) के पैरा 1 और 2 में शामिल किया गया था। चूंकि वह लश्कर-ए-तैयबा और अल कायदा से भी जुड़ा रहा है और इन दोनों ही संस्थाओं की फंडिंग, प्लानिंग और तैयारी सरीखी चीजों में उसका नाम रहा है।
आतंकी की रिहाई के मसले को लेकर इससे पहले 24 नवंबर को अमेरिका पाकिस्तान पर भड़का था। अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता हेथर नॉर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान को जल्द से जल्द आतंकी को गिरफ्तार करना चाहिए और उसे उसके जुर्मों के लिए सजा देनी चाहिए।
उनके अनुसार, “लश्कर-ए-तैयबा एक विदेशी आतंकी संगठन है, जो आतंकी हमले में सैकड़ों बेगुनाह नागरिकों ( उनमें अमेरिकी भी शामिल) की मौतों के लिए जिम्मेदार था। पाकिस्तान की सरकार यह सुनिश्चित करे कि हाफिज सईद गिरफ्तार किया जाए और उसे उसके जुर्मों की सजा मिले।” गौरतलब है कि आतंकी सईद को जनवरी 2017 से पाकिस्तान की सरकार ने नजरबंद कर रखा था, जिसकी मियाद पूरी होने पर उसे बीते शुक्रवार को रिहा किया गया था।