Gyanvapi News: वाराणसी जिला जज की अदालत में ज्ञानवापी केस की फाइल, सुनवाई कब जानें

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Gyanvapi News: वाराणसी जिला जज की अदालत में ज्ञानवापी केस की फाइल, सुनवाई कब जानें

वाराणसी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) की ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey) की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब सोमवार को इस मामले की सुनवाई वाराणसी की जिला जज की अदालत में शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई जिला जज को सौंपी थी। इस आदेश की कॉपी शनिवार को जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत में पहुंच गई है। 23 मई यानी सोमवार को जज सुनवाई की तारीख बताएंगे। ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा इस समय काफी गरमाया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले की सुनवाई जिला जज को 8 सप्ताह में पूरा करने को कहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सोमवार को जिला जज की ओर से इस विवादित मामले की सुनवाई की टाइमलाइन पर भी बात कही जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश के तहत श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मुकदमे से संबंधित सभी फाइलें शनिवार को वाराणसी जिला अदालत में स्थानांतरित कर दी गईं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) से जिला जज के कोर्ट में ट्रांसफर का आदेश दिया है। जिला सरकारी वकील (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडे ने फाइलों को स्थानांतरित करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जिला जज अजय कुमार विश्वेश अब इस मामले की सुनवाई करेंगे। अगली सुनवाई 23 मई को निर्धारित है, लेकिन इसमें किन बिंदुओं पर विचार किया जाना है, वे सोमवार को कोर्ट की ओर से बताया जाएगा।

जिला जज को देना है 8 सप्ताह में फैसला
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जिला जज को आठ सप्‍ताह के अंदर ज्ञानवापी मस्जद विवाद की सुनवाई कर फैसला सुनाना है। इसके बाद जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान शिवलिंग के दावे वाली जगह को सुरक्षित रखा जाएगा। साथ ही मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर रोक नहीं रहेगी। बता दें कि सिविल जज के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे और विडियोग्राफी कराए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह मामले की सुनवाई सिविल अदालत के बजाय जिला अदालत को सौंपी है।

सुप्रीम कोर्ट ने आठ हफ्ते में सुनवाई पूरी भी करने को कहा है, उससे लग रहा है कि वह इस मामले का जल्‍द निस्‍तारण चाहते हैं। इससे पहले ज्ञानवापी में सर्वे की रिपोर्ट अदालत में दाखिल हो चुकी है। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया तो मुस्लिम पक्ष ने इसे गलत बताया है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि हिंदू पक्ष जिसे शिवलिंग बता रहा है, वह वास्‍तव में फव्‍वारा है।

श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा का भी है मामला
पूरा विवाद श्रृंगार गौरी मंदिर में दैनिक पूजा का है। अप्रैल 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर कर काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर रखी गई श्रृंगार गौरी की मूर्ति की अप्रतिबंधित दैनिक पूजा की मांग की थी। इसके बाद तीन और केस दर्ज कराए गए। इसमें से एक केस मस्जिद की देखरेख करने वाले अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी का है। लोअर कोर्ट की ओर से मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान कथित तौर पर एक शिवलिंग पाए जाने के बाद मस्जिद के तालाब को सील करने के आदेश का विरोध भी किया गया है। मस्जिद कमिटी की याचिका को 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज के यहां ट्रांसफर कर दिया है।

पांचों महिला वादी ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू तालाब के अंदर पाए गए शिवलिंग की पूजा करने के लिए एक अतिरिक्त मुकदमा दायर किया है। एक अन्य याचिका ज्ञानवापी मस्जिद में आने वाले नमाजियों के वजू की वैकल्पिक व्यवस्था की है। ऐसे में सोमवार को जिला जज की अदालत में होने वाली सुनवाई पर सबकी नजर होगी।

कमिश्‍नर से मिले मस्जिद कमिटी के पदाधिकारी
ज्ञानवापी से संबंधित मामलों की जिला जज की अदालत में 23 मई से सुनवाई शुरू होने से पहले शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के पदाधिकारियों ने पुलिस कमिश्‍नर ए. सतीश गणेश से मुलाकात की। इस दौरान विभिन्‍न मुद्दों पर बातचीत हुई। खासतौर पर अफवाहों पर लगाम लगाने और असामाजिक तत्‍वों पर निगरानी पर बात हुई। कमिटी के लोगों ने कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने में हर तरह का सहयोग देने की बात कही।

पुलिस कमिश्‍नर से मिलने वालों में मस्जिद कमिटी के सचिव और मुफ्ती ए बनारस अब्‍दुल बातिन और संयुक्‍त सचिव एस. एम. यासीन प्रमुख रहे। इससे पहले जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भी मस्जिद कमेटी के लोगों के साथ बैठक की थी। बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश होने के बाद शहर की सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी गई है। थानेदार से लेकर पुलिस के अधिकारी लगातार अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं।

शिवलिंग की पूजा के लिए याचिका
काशी विश्‍वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने शनिवार को ऐलान किया कि ज्ञानवापी में सर्वे में मिले शिवलिंग की पूजा अर्चना के अधिकार को लेकर सोमवार को अदालत में याचिका दाखिल करेंगे। उनका कहना है कि पीढ़ियों से उनके पूर्वजों को बाबा के पूजन-भोग का अधिकार प्राप्‍त है। शास्‍त्रों के अनुसार शिवलिंग बिना अभिषेक और भोग के रखना उचित नहीं है। इन्‍हीं बातों को लेकर अदालत में याचिका दायर कर शिवलिंग के पूजन का अधिकार मांगा जाएगा।

दूसरी तरफ, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के सचिव और मुफ्ती ए बनारस अब्‍दुल बातिन नोमानी का कहना है कि ज्ञानवापी में सिर्फ और सिर्फ फव्‍वारा है। मैंने तो कोई शिवलिंग नहीं देखा। उत्तर प्रदेश की पुरानी शाही मस्जिदों में फव्‍वारा देखने को मिल जाएंगे। बनारस की ही कुल तीन शाही मस्जिदों में फव्‍वारा लगा हुआ है। हिंदू पक्ष की ओर से दायर मुकदमा उपासना स्‍थल अधिनियिम 1991 के खिलाफ है।

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