Gyanvapi Masjid: सर्वे टीम के सदस्य रहे अधिवक्ता अजय मिश्रा ने खोले अंदर के राज, बताया उनकी आंखों ने क्या देखा वहां

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Gyanvapi Masjid: सर्वे टीम के सदस्य रहे अधिवक्ता अजय मिश्रा ने खोले अंदर के राज, बताया उनकी आंखों ने क्या देखा वहां

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले में वीडियोग्राफी को लेकर सभी सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई हैं। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 23 मई का दिन सुनवाई के लिए सुनिश्चित किया है। ज्ञानवापी में वीडियोग्राफी को लेकर न्यायालय की तरफ से शुरुआत में कमिश्नर अधिवक्ता अजय मिश्रा को सुनिश्चित किया गया था जिनके नेतृत्व में ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी हुई थी। लेकिन जल्द ही उन्हें सर्वे टीम से बाहर कर दिया गया। उन पर आरोप है कि कमिश्नर अधिवक्ता अजय मिश्रा ने जानकारी लीक कर कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है। सुनिए इस मामले पर अजय मिश्रा ने क्या कहा।

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले में वीडियोग्राफी को लेकर सभी सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई हैं। मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 23 मई का दिन सुनिश्चित किया है। लेकिन बात अगर करें की ज्ञानवापी में वीडियोग्राफी को लेकर के न्यायालय की तरफ से शुरुआत में कोर्ट की ओर से कमिश्नर अधिवक्ता अजय मिश्रा को सुनिश्चित किया गया था, जिनके नेतृत्व में ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी हुई थी। लेकिन कुछ दिनों बाद सर्वे टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया।

अजय मिश्रा पर लगे आरोप
अजय मिश्रा पर आरोप लगा है कि जिस फोटोग्राफर/वीडियोग्राफर को सर्वे टीम का हिस्सा बनाते हुए ज्ञानवापी मस्जिद में ले गए थे। उसने मीडिया में आकर के बयानबाजी की थी। इसके साथ ही अजय मिश्रा पर रिपोर्ट को लीक करने के साथ ही कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप है। जिसके कारण ही उन्हें सर्वे टीम से बाहर किया गया।

अजय मिश्रा ने लगाए आरोप
इस पूरे मामले पर अधिवक्ता अजय मिश्रा ने कहा कि वकील विशाल सिंह जो कि वर्तमान में एडिशनल कोर्ट कमिश्नर हैं के द्वारा ही आरोप लगाकर के हटाने का काम किया गया। अजय मिश्रा ने कहा कि विश्वास ही नहीं हुआ कि जो व्यक्ति मेरे साथ बैठकर रात में रिपोर्ट बना रहा है और वही व्यक्ति सुबह मेरे खिलाफ आरोप लगा रहा है। अजय मिश्रा ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि, ‘इसको कहते हैं कि गला भी काट दीजिए और पता भी नहीं चलेगा’। अजय मिश्रा ने कहा कि महेश को लेकर के बहुत ज्यादा ही आहत हूं क्योंकि यह देश हित का काम है और इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।

10 परसेंट ही किया था सर्वे
अजय मिश्रा ने बताया कि मैंने 10 परसेंट ही साक्ष्य संकलित कर सर्वे किया था। मिश्रा का कहना है कि मैंने जो रिपोर्ट पेश की है उसे देख लीजिए और स्वयं काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए चले जाइए उसमे कहीं कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैंने कहीं कोई रिपोर्ट लीक नहीं की है।

देवी देवताओं के बने हैं विग्रह
अजय ने साफ तौर पर कहा है कि, ‘मैंने जो सर्वे किया है उसमें मैंने यह देखा है कि वहां देवी देवताओं के विग्रह बने हुए थे। कुछ मूर्तियां उकेरी हुई थीं और शिलापट्ट भी पड़ा हुआ था जो स्पष्ट नहीं था। वादी पक्ष से पूछा कि क्या यही सिंगार गोरी है तो उन्होंने कहा कि नहीं यह चौखट है और अंदर हम लोगों को नहीं जाने दिया जाता है। नाग के फन का आकार भी दिखाई दिया लगा कि शेषनाग का शायद हो सकता है और मलबे में भी मुझे कमल के फूल और चक्र की आकृति जैसा कुछ दिखाई दिया’।

2 दिन ही चली मेरी कार्रवाई

मिश्रा ने साफ तौर पर बताया कि हमारी कार्रवाई 2 दिन ही चली है। दूसरे दिन विपक्षी नहीं थे सिर्फ वादिनी और उनके अधिवक्ता को ले करके मैंने बैरिकेटिंग के चारों तरफ जगह-जगह वीडियोग्राफी करवाई। जब पूरब की तरफ हम लोग आएं तो पर प्रशासनिक अधिकारियों ने रोकने का काम किया तो हमने उन्हें आदेश दिखाया। कुछ नमाजी लोग जो ऊपर खड़े थे वह नीचे की ओर आ गए और फिर हमें रोका गया कि हम अंदर नहीं जाने देंगे। ऐसे में मैंने कहा कि न्यायालय का आदेश है। अजय मिश्रा ने बताया कि पदाधिकारी एक दूसरे पर डालते रहे कि हमारे पास ऐसा आदेश नहीं है। इससे सर्वे प्रक्रिया प्रभावित हुई। अजय मिश्रा ने कहा कि प्रशासन का वह सहयोग नहीं मिला जो अपेक्षित था।

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