Gyanvapi Case : सीएम योगी को पावर ऑफ अटॉर्नी के ऐलान पर वाराणसी कमिश्नरेट ने वीवीएसएस प्रमुख को भेजा नोटिस

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Gyanvapi Case : सीएम योगी को पावर ऑफ अटॉर्नी के ऐलान पर वाराणसी कमिश्नरेट ने वीवीएसएस प्रमुख को भेजा नोटिस

Gyanvapi Case : सीएम योगी को पावर ऑफ अटॉर्नी के ऐलान पर वाराणसी कमिश्नरेट ने वीवीएसएस प्रमुख को भेजा नोटिस

वाराणसी: श्रृंगार गौरी दर्शन मामले के मुख्य पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने सीएम योगी को पावर ऑफ अटॉर्नी देने का ऐलान किया था। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने संघ के अध्यक्ष जितेन सिंह को नोटिस जारी करके इस मामले में जवाब तलब किया है। चौक थानाध्यक्ष की तरफ से भेजे गए नोटिस का जवाब देते हुए जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि वह मुख्यमंत्री योगी योगी आदित्यनाथ नही बल्कि गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को पावर ऑफ अटॉर्नी देने की बात कर रहे थे।

चौक थाना अध्यक्ष ने दिया नोटिस
वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष और संरक्षक जितेंद्र सिंह बिसेन को चौक थाना अध्यक्ष ने एक नोटिस भेजकर जवाब मांगा था । नोटिस में जितेंद्र सिंह को जवाब देने के लिए 3 दिन का वक्त दिया गया था। नोटिस में जितेंद्र सिंह से पूछा गया था कि आखिर जिस मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव समेत वाराणसी के जिलाधिकारी और वाराणसी के पुलिस कमिश्नर भी प्रतिवादी है । आखिर उस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री को मामला कैसे सौंपा जा सकता है। मीडिया के माध्यम से इस तरह के भ्रम को फैलाने के पीछे क्या उद्देश्य है।

पावर ऑफ अटॉर्नी सीएम योगी नही ,महंत योगी आदित्यनाथ को-बिसेन
नोटिस का जवाब देते हुए विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि विश्व वैदिक सनातन संघ से जुड़े सभी पांच मामले वह मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को नहीं बल्कि गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को सौंप रहे हैं । यह भ्रम की स्थिति मीडिया द्वारा फैलाई गई है कि वह मुख्यमंत्री को सभी मामलों की पावर ऑफ अटॉर्नी दे रहे हैं। वहीं मैंने सभी मामले गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को सौंपने की बात कही है। जो की कही से असंवैधानिक या गैरकानूनी नही है। वो सभी कानूनी मामलों के साथ सनातन संघ के सभी बैंक खातों की पूरी जानकारी भी महंत योगी आदित्यनाथ को सौंपने को तैयार है महंत योगी आदित्यनाथ पावर ऑफ अटॉर्नी स्वीकार करेंगे या नहीं ये उनके ऊपर निर्भर करता है।

विष्णु शंकर जैन ने पहले ही कहा था ये है राजनैतिक स्टंट
इस मामले पर एनबीटी ऑनलाइन ने जब सुप्रीम कोर्ट के वकील और शुरुआती दौर में विश्व वैदिक सनातन संघ के सहयोगी रहे विष्णु शंकर जैन से पावर ऑफ अटॉर्नी के संबंध में पूछा था तो विष्णु जैन ने इसे पहले ही राजनैतिक स्टंट बताया था । साथ ही विष्णु शंकर जैन ने इसे कानूनी रूप से गलत भी बताया था । अब जिस तरह से जितेंद्र सिंह बिसेन ने अपना पक्ष रखा है इस पर कमिश्नरेट पुलिस का रुख देखने वाला होगा की वो जितेंद्र सिंह बिसेन के जवाब से संतुष्ट होती है या कोई वैधानिक कार्यवाही करती है।

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