Gurugram AQI News: सीने में जलन, गले में खराश सी है, गुरुग्राम की यह जहरीली हवा बहुत खराब सी है, मरीज बना रहा ये पलूशन

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Gurugram AQI News: सीने में जलन, गले में खराश सी है, गुरुग्राम की यह जहरीली हवा बहुत खराब सी है, मरीज बना रहा ये पलूशन

Gurugram AQI News: सीने में जलन, गले में खराश सी है, गुरुग्राम की यह जहरीली हवा बहुत खराब सी है, मरीज बना रहा ये पलूशन

प्रमुख संवाददाता, गुड़गांव: पालम विहार में रहने वाले अंकित कुछ दिन पहले तक बिलकुल ठीक थे, पर बीते दिनों जैसे ही प्रदूषण बढ़ा और उन्हें इसी जहरीली हवा में सांस लेते हुए ऑफिस जाना पड़ा, उनके सीने में जलन होने लगी। खांसी बढ़ गई। वह गर्म पानी का सेवन करते रहे और घरेलू उपचार करने के साथ प्रदूषण के बीच ऑफिस भी जाते रहे। एक सप्ताह तक खांसी ठीक नहीं हुई तो डॉक्टर के पास पहुंचे। करीब 10 दिन में खांसी ठीक हुई। ऐसे ही जैकबपुरा में रहने वाले अजय को खांसी के साथ आंखों में पानी निकलने व खुजली मचने की समस्या हो गई। डॉक्टर से दिखाने पर करीब दो सप्ताह तक दवाओं का सेवन करना पड़ा। अब बाहर निकलने पर मास्क के साथ चश्मा पहन कर निकलना आदत में शामिल किया है।

गुड़गांव में इन दिनों जो हवा है उसने बहुतों को बीमार बना दिया है। पिछले दस दिनों से अधिक समय से गुड़गांव को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स लगातार बहुत खराब व गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी घातक साबित हो रहा है। इसके बढ़ने से अस्पतालों की ओपीडी में खांसी, जुकाम, सांस, व नेत्र रोगियों की संख्या बढ़ गई है। अहम बात यह है कि लोगों को सामान्य खांसी, जुकाम भी हो रहा है तो उसे ठीक होने में समय लग रहा है। सामान्य दिनों में दवाओं का सेवन करने पर खांसी जुकाम 4-5 दिन में सही हो जाता है, लेकिन प्रदूषण के कारण अब इसे सही होने में 10 या इससे अधिक दिन लग रहे है। सिविल हॉस्पिटल की सीनियर फिजीशियन डॉ़ काजल कुमुद ने बताया कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद से मेडिसिन ओपीडी में खांसी, जुकाम व सांस रोगियों में करीब 20 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। उन मरीजों को अधिक दिक्कत हो रही है, जिनके फेफड़े सांस की बीमारी, टीबी या कोरोना संक्रमण के चलते कमजोर हो गए हैं। खांसी व गले में खराश के मरीज भी काफी बढ़े हैं। इन दिनों जो मरीज आ रहे हैं, उन्हें खांसी व गले की समस्या ठीक होने में 10 दिन से अधिक का समय लग रहा है। जबकि पहले यह 4-5 दिन में ठीक हो जाता था।


हाथ पैरों पर भी प्रदूषण का असर
प्रदूषण का असर सिर्फ गले पर ही नहीं बल्कि त्वचा पर भी होता है। इसका जो सबसे पहला असर है वह आपको हाथ-पैर की स्किन का रंग बदलने और उसके फटने में दिखाई देगा। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर ऐसा हो रहा है तो नाभी में रोज सरसों का तेल लगाएं इससे ओंठ नहीं फटेंगे। इसके आलावा जहां की स्किन का रंग बदल रहा है या स्किन फट रही है तो वहां जैतून के तेल से मालिश करें।

प्रदूषित और शुष्क हवा गले को बीमार बनाती है
डॉक्टरों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड के मौसम में तापमान कम होने लगता है और बाहर की हवा ड्राई होने के साथ ही प्रदूषण के कणों से भर जाती है तो उस हवा को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेने पर वह प्रदूषित और शुष्क हवा, हमारे वायुमार्ग को भी सुकंचित कर देती है, जिसकी वजह से सूखी खांसी शुरू हो जाती है और यह लंबे समय तक बनी रहती है। सूखी खांसी के साथ ही इसमें गले में जलन और खुजली होने जैसी दिक्कतें भी होती है।

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डोज बढ़ाने की दे रहे सलाह
डॉक्टरों का कहना है कि अधिक खांसी व खराश होने से गले की त्वचा खराब हो जाती है, वहां पर नई त्वचा आती है, जो काफी संवेदनशील होती है। प्रदूषण उसे काफी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में हमें मरीजों को इनहेलर की डोज बढ़ाने के साथ नेब्युलाइजर की डोज देनी पड़ रही है। कई बार स्टेरॉयड भी देना पड़ रहा है। पारस हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजी डॉ अरुणेश कुमार ने बताया कि कुछ मामलों में एलर्जी से लंबी खांसी होती है जिसे अन्य उपायों के अलावा स्टेरॉयड की आवश्यकता होती है। चल रहे प्रदूषण के कारण बार-बार सूखी खांसी, नाक से पानी आना, आंखों में खुजली की समस्या होती है।

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आंखों की एलर्जी भी बढ़ी
फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ़ शिबल भरतिया ने बताया कि प्रदूषण की वजह से आंखों की एलर्जी, ड्राई आई की समस्या लेकर मरीज आ रहे हैं। गंदे हाथ से आंख रगड़ने से इन्फेक्शन हो रहा है। देखा जाए तो पहले जहां 2 मरीज आ रहे थे, वहीं अब यह संख्या करीब 6 तक पहुंच गई है। हम लोगों को सलाह दे रहे हैं कि स्माग में आउटडोर एक्टिविटी कम कर दें, स्क्रीन टाइमिंग कम रहें। साथ ही अत्याधिक प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से परहेज करें।

गंभीर श्रेणी में है हवा की गुणवत्ता


अपनाएं ये टिप्स

– घर से बाहर जाते समय मास्क जरूर लगाएं

– बाहर जाते समय चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें

– एंटी आक्सीडेंट्स से भरपूर चीजों का सेवन करें।

– जलन या खुजली की समस्या होने पर आंखों को नॉर्मल पानी से धोएं

– आंखों को आराम देने के लिए स्क्रीन से दूरी बनाकर रखें

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