गुजरात का राजकुमार अपने महल में बनाएगा LGBTQ के लिए रिसोर्स सेंटर

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भारत एक ऐसा देश है जहां समलैंगिक संबंधों और सेक्स पर हर कोई दबी जुबां में बात करता है मगर सामने कोई नही आता. लेकिन अब राजपिपाला के ‘गे प्रिंस’ मानवेंद्र सिंह गोहिल ने LGBTQ (लेजबियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर) कम्युनिटी के लिए एक बड़ा क़दम उठाने की ठानी है.

महल में बनेगा LGBTQ रिसोर्स सेंटर

मानवेंद्र सिंह गोहिल ने अपने शाही महल को LGBTQ के लिए पहला रिसोर्स सेंटर के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है. ये केंद्र ‘हनुमंतेश्वर 1927’ नामक जगह में स्थित होगा. इस महल में हॉलीवुड और बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां आ चुकी हैं.

गौरतलब है कि 10 साल पहले समलैंगिक होना क़ुबूल करने वाले देश के पहले राजसी परिवार से जुड़े व्यक्ति के रूप में ख्याति पा चुके मानवेंद्र सिंह गोहिल ने खुद की चैरिटी शुरू की थी. इस चैरिटी के तहत वे पेड़ों पर कॉन्डोम लटकाया करते थे. इस मुहीम के बाद से उन्होंने एड्स के फैलाव को रोकने के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया है.

शोहरत का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए

गुजरात के राजपीपला के सिंहासन के उत्तराधिकारी तथा शाही योद्धा वंश के सदस्य मानवेंद्र सिंह गोहिल ने अपनी शोहरत और रुतबे का इस्तेमाल देश में गे समुदाय के लोगों को सुरक्षित सेक्स तथा उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करने का बीड़ा उठाने के लिए किया है. गौरतलब है कि जिस देश में समलैंगिकता को कानूनन अपराध माना जाता है, वहाँ ऐसा कुछ करने के लिए असीम साहस की ज़रुरत है.

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समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक साक्षात्कार में देशभर में फैले प्राचीन मंदिरों में मौजूद समलैंगिक मूर्तियों तथा कामसूत्र का हवाला देते हुए मानवेंद्र कहते हैं, “लोग कहते हैं कि समलैंगिकता पश्चिमी सभ्यता की देन है. यह पूरी तरह गलत है. यह हमारे समाज का पाखंड है, जो इस सच्चाई को कबूल नहीं करती है. बस, इसी ने मुझे प्रेरित किया कि मैं खुलकर सामने आऊं, और दुनिया को बता दूं कि मैं गे हूं. और मुझे ऐसा होने पर गर्व है.”

लक्ष्य फाउंडेशन समलैंगिक पुरुषों के साथ काम करती है

मानवेंद्र उस अभियान का हिस्सा भी रहे, जो उस कानून के खिलाफ था, जिसके तहत देश में समलैंगिकता को प्रतिबंधित किया गया है. उनकी संस्था लक्ष्य फाउंडेशन समलैंगिक पुरुषों तथा ट्रांसजेंडरों के साथ काम करती है, और सुरक्षित सेक्स का प्रचार करती है. हालांकि उन्हें पुलिस की ओर से लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ता है. उनका कहना है, “बस, इसीलिए लोग डरते-डरते सेक्स संबंध बना रहे हैं, और असुरक्षित सेक्स जारी है. जब हमने पुरुषों से सेक्स संबंध बनाने वाले पुरुषों के साथ काम करना शुरू किया, हमें पुलिस ने परेशान किया और धमकाया.”