गुजरात के शपथ ग्रहण समारोह की कुछ ख़ास बातें

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मंगलवार को विजय रुपानी की अगुआई में बीजेपी की नई सरकार ने गुजरात की सत्ता पर अपनी जगह को और मज़बूत कर दिया है. रुपानी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. शपथग्रहण से पहले वह सुबह मंदिर गए. वह दूसरी बार ही विधायक भी चुने गए हैं. इससे पहली की गुजरात सरकार में रुपानी ट्रांसपोर्ट मंत्री भी रह चुके हैं। उनके करियर की शुरुआत एबीवीपी छात्र नेता के तौर पर हुई। वह राज्य बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। रुपानी के साथ 19 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें से 6 मंत्री पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पाटीदार समुदाय को साधने के लिए बीजेपी को इस बार चुनाव में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी.

रूपानी के साथ ही गुजरात सरकार में लगातार दूसरी बार उप मुख्‍यमंत्री बने नितिन पटेल का सफ़र भी काफी रोमांचक रहा है. वो उत्‍तरी गुजरात से ताल्लुक़ रखते हैं और जनता के बीच ज़मीन से जुड़े नेता की छवि रखते हैं. पटेल आंदोलन के दौरान सरकार की ओर से बातचीत में पटेल की बड़ी भूमिका रही थी. वो 1995 से गुजरात में मंत्री थे. पिछले साल वह डिप्‍टी सीएम बने और अब नई सरकार में भी उनका ओहदा कायम रखा गया है। डिप्‍टी सीएम बनने से पहले उनके पास स्‍वास्‍थ्‍य, मेडिकल शिक्षा, परिवार कल्‍याण और सड़क निर्माण मंत्रालय थे.

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मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्‍यमंत्री नितिन पटेल के साथ 20 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें इनमें 6 पाटीदार चेहरे, 6 ओबीसी, 2 राजपूत, 3 आदिवासी, एक दलित, एक ब्राह्मण और एक जैन चेहरे हैं. इसमें से नॉर्थ गुजरात से छह, सौराष्ट्र से सात, मध्य गुजरात से 2, दक्षिण गुजरात से 5 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.

आपको बता दें गुजरात और हिमाचल में चुनाव जीतने के साथ ही बीजेपी ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इंदिरा गांधी के समय पर कांग्रेस ने 18 राज्यों में एक साथ राज किया था तो वहीं बीजेपी अभी 19 राज्यों में सत्ता में है. इस ऐतिहासिक मौके पर भाजपा के सभी जाने माने चेहरे जिनमे लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आदि भी शामिल थे.