Ground Report : ‘हमें नहीं कहलाना यूपी वाला, हम उत्तर प्रदेश में क्यों जाएं?’ गावों की अदला-बदली प्रस्ताव पर भड़के लोग

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Ground Report : ‘हमें नहीं कहलाना यूपी वाला, हम उत्तर प्रदेश में क्यों जाएं?’ गावों की अदला-बदली प्रस्ताव पर भड़के लोग

हाइलाइट्स

  • यूपी-बिहार बॉर्डर पर 22 गांवों की होगी अदला-बदली
  • बिहार और यूपी में गावों की अदला-बदली का प्रस्ताव
  • केंद्र सरकार से मुहर के बाद बदल जाएगी पहचान
  • श्रीपतनगर के गांववाले यूपी वाला कहलाने को तैयार नहीं

नागेंद्र नारायण, बगहा
‘हमारे जब बाप-दादे यहीं के मिट्टी में रहनेवाले, खेती बाड़ी है, हम लोगों की और हम उत्तर प्रदेश में क्यों जाएं?’ सवाल सुनते ही भगवती देवी एक सुर में बोलना शुरू कर दीं। उनके कानों तक मीडिया के जरिए इस बात की खबर पहुंच चुकी थी कि यूपी को दिए जानेवाले गावों की लिस्ट में श्रीपतनगर का भी नाम शामिल हैं।

अदला-बदली पर लोगों ने क्या कहा?
श्रीपतनगर के रामबालक यादव से जब गावों की अदला-बदली पर पूछा गया को वो पहले अपने खेत की ओर ले गए। फिर हाथ उठाकर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ‘जिस खेत की जुताई आप देख रहे हैं वो यूपी में है। ये जो गन्ने की फसल देख रहे हैं ये बिहार में है। यहां से 30 फीट बाद यूपी है और इधर बिहार है। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।’

वहीं, गांव की गली में मिली भगवती देवी अदला-बदली का नाम सुनते ही तमतमा गईं। उन्होंने कहा कि ‘हम नहीं चाहते। हमारे जब बाप-दादे यहीं के मिट्टी के रहनेवाले, खेती बाड़ी है हम लोगों की और हम उत्तर प्रदेश में क्यों जाएं? हम तो बिहार में ही रहेंगे। हम नहीं जाना चाहते यूपी में। सरकार भेजेगी तब भी नहीं जाएंगे। हमारी खेती गृहस्थी सब यहीं है, सब हमारे मां-बाप यहीं रहे तो हम क्यों जाएं भाई उधर?’

श्रीपतनगर के ही बिन्दू यादव ने बताया कि ‘यहां से तीस फीट उधर यूपी है। हमारा बिहार अच्छा है। सब सुविधा है। सरकार से हमें अच्छी सुविधाएं मिल रही है। हम बिहार में बड़े अच्छे हैं। हम यूपी में जाना पसंद नहीं करेंगे।’

नौजवान गोलू कुमार से पूछा गया कि क्या वो यूपी वाला कहलाना पसंद करेंगे तो लड़ाई की बात कह डाली। गोलू ने कहा कि ‘बिहार के सात गावों को यूपी में मिलाया जा रहा है, इससे हमलोग असंतुष्ट हैं। इसमें हमलोग कोई रूचि नहीं रखते हैं। हमलोग जहां हैं वहां बहुत अच्छे से हैं। यहां पर सब सुविधा मिलती है। नदी से बहुत दूरी पर हैं। इसके लिए हमलोग डीएम साहब से मिलेंगे, जहां भी लड़ना होगा लड़ेंगे और हमलोग बिहार में ही रहेंगे।’

सरकार की चिट्ठी में क्या है?
तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने बेतिया डीएम को भेजी चिट्ठी में लिखा है कि सीमावर्ती उतर प्रदेश के 15 गांवों को बिहार में शामिल करने का प्रस्ताव है। साथ ही बिहार के 7 गांवों को उत्तर प्रदेश में शामिल करने का प्रपोजल है। यूपी के महराजगंज तहसील के आठ गांव और कुशीनगर जनपद की सात गांवों को बिहार में शामिल कराया जाएगा। साथ ही साथ पश्चिम चम्पारण जिले के सात गांवों को उत्तर प्रदेश में शामिल करने का प्रस्ताव है। इस बाबत बगहा के सीओ राजीव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि विभागीय स्तर पर पत्र मिला है, जिलाधिकारी को सर्वे रिपोर्ट सौंपने को लेकर काम किया जा रहा है।

प्रशासनिक वजह भी जानिए
बिहार के जिला मुख्यालय (बेतिया) से पिपरासी प्रखंड की दूरी लगभग 120 किलोमीटर और बगहा अनुमंडल से 40 किलोमीटर दूर है। मगर इसके लिए पहले उत्तर प्रदेश की सीमा में जाना होगा तब पिपरासी प्रखंड पहुंच पाएंगे। बगहा और पिपरासी के बीच में गंडक नदी है। गंडक नदी और उत्तर प्रदेश के भौगोलिक कारण को देखते हुए सरकार गांवों की अदला-बदली पर विचार कर रही है। पिपरासी प्रखंड से उत्तर प्रदेश का खड्ड प्रखंड 10 किलोमीटर और जिला मुख्यालय कुशीनगर 55 किलोमीटर पड़ता है। गंडक नदी की वजह से आनेवाली बाढ़ में राहत सामग्री पहुंचाने में काफी कठिनायों का सामना कर पड़ता है। तकरीबन यही हाल उत्तर प्रदेश के 15 गावों का भी है। प्रशासनिक परेशानियों की वजह से सरकारों ने ये फैसला लिया है।

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