Good News: कोरोना मुक्त हुआ मध्यप्रदेश
भोपाल। कभी कोरोना संक्रमण के विस्फोट से जुझ रहे मध्यप्रदेश के रहवासियों के लिए एक राहत भरी खबर आ रही है, जिसके अनुसार मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बाद से पहली बार राजधानी सहित प्रदेश एक सप्ताह से अधिक समय के लिए कोरोना मुक्त रहा है। प्रदेश में अंतिम संक्रमित मरीज इस साल 18 जनवरी को इंदौर में सामने आया था, जो 25 जनवरी को संक्रमण मुक्त हो गया। वहीं भोपाल में आखिरी मामला 15 जनवरी को सामने आया था। इसके बाद 20 दिन में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है।
इससे पहले याद हो कि सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के 31 जिले कोरोना वायरस से पूरी तरह मुक्त हो गए थे, जबकि 21 जिलों में भी कोरोना के काफी कम मामले बचे थे। इस समय यानि सितंबर 2022 में मध्यप्रदेश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 117 बची थी। ऐसे में एमपी में कोरोना का ग्राफ काफी नीचे चला गया था। वहीं इस दौरान की यदि पूरे प्रदेश की बात की जाए तो सबसे ज्यादा मरीज भोपाल में मौजूद थे। उस समय भोपाल में 27 सक्रिय मरीज, जबकि इंदौर में 20 और जबलपुर में 18 पॉजिटिव मरीज मौजूद थे। इसके अलावा शेष सभी जिलों में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 10 से कम हो गई थी।
सितंबर 2022 में इन जिलों से हो गया था कोरोना का सफाया
इस समय मध्य प्रदेश के विदिशा, उमरिया, सतना, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, सीधी, टीकमगढ़, रीवा, राजगढ़, पन्ना, निवाड़ी, नीमच, आगर मालवा, अनूपपुर, अशोक नगर, बड़वानी, बुरहानपुर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, देवास, धार, डिंडोरी, गुना, झाबुआ, खरगोन, मंडला, मंदसौर जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मौजूद नहीं था।
जनवरी 2023 में फिर होने लगा था इजाफा
यहां आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में मकर संक्रांति पर्व 2023 के बाद एक बार फिर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी। इस समय दो नए मामले सामने आने के साथ आशंका के बीच आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में इजाफे की संभावना दिख रही थी। वहीं 13 जनवरी को जबलपुर में एकमात्र कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने की पुष्टि हुई थी। ऐसे में इस समय तक 52 में से 51 जिले कोरोना मुक्त होने के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश में कोरोना की दस्तक से हड़कंप मच गया था।
वहीं उस समय यानि जनवरी 2023 में इंदौर और भोपाल में कोरोना के दो मामले उजागर हुए थे। ऐसे में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मध्यप्रदेश में कोरोना मुक्त जिलों की संख्या घट गई थी। जिसके बाद मध्य प्रदेश के 3 जिलों में पॉजिटिव मरीजों की मौजूदी बनी हुई थी।