Goa election ground report: मडगांव सीट पर सात बार से जीत रहे कांग्रेसी दिग्गज, 2022 में टूटेगा सिलसिला?

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Goa election ground report: मडगांव सीट पर सात बार से जीत रहे कांग्रेसी दिग्गज, 2022 में टूटेगा सिलसिला?

मडगांव: गोवा के मडगांव में कोंकण रेलवे जंक्शन के बाहर बहुत सारी टैक्सियां खड़ी हैं। सफेद शर्ट और हल्की नीली पैंट पहने रफीक खान अपनी टैक्सी का दरवाजा खोलकर बैठे हैं। कितनी देर से पैसेंजर नहीं मिला पूछने पर बताया कि पांच घंटे से तो ऐसे ही बैठा हूं। फिर गोवा की एक ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस का नाम लेकर बताने लगे कि उससे तो हमारा रोजगार ही चौपट हो गया है। वैसे भी टैक्सी सिर्फ टूरिस्ट ही यूज करता है। यहां के लोगों के पास तो अपना गाड़ी या टू वीलर होता है। ऐप वाली टैक्सी टूरिस्ट भी ले जाती है तो हमारे लिए कुछ नहीं बचता। चुनाव में क्या यह मुद्दा है? रफीक कहते हैं – हमारे लिए तो है, पर नेताओं का तो अपना मुद्दा होता है।

मडगांव में रेलवे जंक्शन है और इसे गोवा का कमर्शल हब माना जाता है। यह कांग्रेस के सीनियर नेता और गोवा के मुख्यमंत्री रहे दिगंबर कामत का विधानसभा क्षेत्र है। कामत के नाम रेकॉर्ड है कि वह 35 साल से लगातार विधायक हैं। अब तक कोई चुनाव नहीं हारे। सात बार चुनाव जीतने के बाद इस बार आठवीं बार वह मडगांव से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

बीजेपी में जाकर आए वापस
कामत ने कांग्रेस से पॉलिटिक्स की शुरुआत की थी लेकिन लंबे वक्त तक बीजेपी में भी रहे और फिर कांग्रेस में वापस आ गए। 2007 से 2012 तक वह कांग्रेस सरकार में गोवा के मुख्यमंत्री रहे और अभी नेता प्रतिपक्ष हैं। बीजेपी ने यहां अपने बहुजन समाज लीडर मनोहर बाबू अजगांवकर को मैदान में उतारा है। बाबू पहले पेरनेम सीट से चुनाव लड़कर अभी मौजूदा विधायक हैं, लेकिन इस बार उनकी सीट बदली गई।

कभी नहीं चुना गया बहुजन समाज का नेता

मडगांव में माइग्रेंट वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है और बाबू की उनके बीच पकड़ बताई जाती है। इस सीट से जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि आज तक कभी इस सीट से बहुजन समाज का नेता चुनाव नहीं जीता है। टीएमसी ने यहां महेश अमूनकर को उम्मीदवार बनाया है जो पहले दिगंबर कामत के ही साथ थे। आम आदमी पार्टी और आरजीपी भी यहां मैदान में हैं। मडगांव में करीब 30 हजार वोटर हैं और पिछले चुनाव में दिगंबर कामत को 12 हजार से कुछ ज्यादा वोट मिले थे। तब बीजेपी उम्मीदवार को करीब 7,900 वोट मिले थे।

लोगों की शिकायत, अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं मिलते

मडगांव की गांधी नगर मार्केट में ज्यादातर दुकानें माइग्रेंट्स की हैं। यहां चुनाव को लेकर चर्चा शुरू की तो वह सिर्फ इस सीट तक ही सीमित नहीं रही, पूरे गोवा की दिक्कतों का जिक्र होने लगा। एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर तीन लोग बैठे थे। उन्होंने बताया कि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं की बड़ी दिक्कत है। सरकारी हॉस्पिटल की हालत खराब है। वहां डॉक्टर ही नहीं मिलते।

अच्छे स्कूल की चाहत
दूसरे शख्स ने बताया कि मेरी छोटी बेटी को एक बार रात में दिक्कत हो गई थी, हॉस्पिटल गए पर डॉक्टर ही नहीं मिला। फिर प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ा। दूसरे ने इसमें जोड़ते हुए कहा कि कभी ऐंबुलेंस बुलाने को कहो तो आदमी मर जाएगा, उसके बाद ऐंबुलेंस आएगी। 30 साल के नागेश की अलग ही शिकायत है। बोले, चुनाव में कोई जीते पर स्कूल ठीक होना चाहिए। क्या दिक्कत है स्कूल में? जवाब मिला- ऑनलाइन पढ़ाई हो नहीं पाती। बच्चे का दिमाग तभी काम करेगा, जब स्कूल जाएंगे। तभी बच्चे कुछ सीखेंगे।

दिगंबर कामत



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