Goa CM: पर्रिकर की छाया से बाहर आए सावंत, दूसरी बार गोवा की संभालेंगे कमान

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Goa CM: पर्रिकर की छाया से बाहर आए सावंत, दूसरी बार गोवा की संभालेंगे कमान

Goa CM: पर्रिकर की छाया से बाहर आए सावंत, दूसरी बार गोवा की संभालेंगे कमान

पणजी: प्रमोद सावंत (Pramod sawant) ही गोवा के मुख्‍यमंत्री (Goa CM) होंगे। बीजेपी (BJP) की विधायक दल की बैठक में उन्‍हें सर्वसम्‍मति से चुनाव गया जिसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने सावंत को विधायक दल का नेता घोष‍ित किया। विश्‍वजीत राणे ने सावंत का नाम प्रस्‍ताव‍ित किया जिस पर सभी ने मुहर लगा दी। इसके साथ ही यह घटनाक्रम दिखाता है कि भाजपा अपने दिग्गज दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर की छाया से बाहर आ गई है। पर्रिकर को अपना गुरु मानने वाले सावंत लगातार दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे।

विधायक दल का नेता चुने के बाद सावंत ने कहा क‍ि मैं देश के पीएम मोदी, पार्टी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्‍य नेताओं को आभार व्‍यक्‍त करता हूं। उन्‍होंने मुझे एक बार और सीएम बनने का मौका दिया। मैं राज्‍य के विकास के लिए काम करूंगा। गोवा में पीएम मोदी के सपनों को आगे बढ़ाया जाएगा। हम गोवा के राज्‍यपाल से मिलेंगे और शपथ ग्रहण समारोह के बारे में निर्णय लेंगे।

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तोमर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा क‍ि यह तय किया गया है कि डॉ. प्रमोद सावंत सदन के नेता होंगे। तोमर ने कहा कि विधायक विश्वजीत राणे ने भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में सावंत के नाम का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मौविन गोदिन्हो और रोहन खुंटे सहित अन्य विधायकों ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया। तोमर ने कहा कि सावंत का चुनाव सर्वसम्मति से हुआ। उन्होंने कहा कि पार्टी अब गोवा में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य बनकर की थी शुरूआत
भाजपा 2012 से लगातार सत्ता में है और अब वह तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है। सावंत के नेतृत्व में भाजपा ने 40 सदस्यीय विधानसभा की 20 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो पिछले चुनाव की तुलना में अधिक हैं। सावंत (48) उत्तर गोवा जिले की सांखली सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। भाजपा ने साल 2017 में जब मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाई थी तब सावंत को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि, मार्च 2019 में पर्रिकर के निधन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया।

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आयुर्वेद चिकित्सक सावंत ने अपनी यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य बनकर आरंभ की और वह मुख्यमंत्री रहते हुए भी संघ के वार्षिक संचालन कार्यक्रम में भाग लेते रहे हैं। सावंत की राजनीतिक यात्रा वर्ष 2007 में आरंभ हुई जब भाजपा ने उन्हें सांखली (उस समय पाले) सीट से टिकट दिया। लेकिन उस चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप गौंस से पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि, साल 2012 और 2017 के चुनाव में उन्हें जीत मिली। सावंत के कार्यकाल के दौरान कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत हुई और उनकी सरकार को राज्य के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते आलोचना का सामना करना पड़ा। सावंत की पत्नी सुलक्षणा भी भाजपा की सक्रिय सदस्य हैं और राज्य में पार्टी की महिला विंग में प्रमुख पदाधिकारी हैं।



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