GIS खत्म, अब काम पर ध्यान… जल्द जमीन पर उतरेंगे 16 लाख करोड़ के प्रस्ताव, योगी सरकार का दावा

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GIS खत्म, अब काम पर ध्यान… जल्द जमीन पर उतरेंगे 16 लाख करोड़ के प्रस्ताव, योगी सरकार का दावा

GIS खत्म, अब काम पर ध्यान… जल्द जमीन पर उतरेंगे 16 लाख करोड़ के प्रस्ताव, योगी सरकार का दावा


लखनऊःग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के खत्म होते ही सरकार ने इन प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की तैयारी भी शुरू कर दी है। 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 13 हजार ऐसे प्रस्ताव हैं, जिन पर जल्द काम शुरू किया जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके निर्देश सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और औद्योगिक विकास के प्राधिकरणों को दिए। सीएम ने कहा कि 2.80 लाख करोड़ के 29 एमओयू पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू कंपनी) की ओर से मिले हैं। निवेशकर्ता इन प्रॉजेक्ट पर तत्काल काम शुरू करने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड पर 2.45 लाख करोड़ के 99 एमओयू हुए हैं। इन पर भी जल्द काम शुरू होगा। इसके अलावा 3.90 लाख करोड़ रुपये के 34 औद्योगिक प्रस्तावों को दो साल के भीतर शुरू करने का लक्ष्य तय हुआ है। बड़े औद्योगिक समूहों के 4.11 लाख करोड़ रुपये के 782 निवेश प्रस्तावों को भी निर्धारित समयसीमा में शुरू किया जाएगा। सीएम ने कहा कि एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों में आवेदन का प्रारूप एक जैसा रखा जाए। निवेशकों को उनकी रुचि, प्रॉजेक्ट की आवश्यकता के अनुसार भूमि उपलब्ध करवाई जाए।

मदद के लिए तैनात होंगे उद्यमी मित्र
बैठक में सीएम ने कहा कि निवेशकों के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना के अंतर्गत ‘उद्यमी मित्रों’ की तैनाती तत्काल कर दी जाए। 10 उद्यमी मित्र राष्ट्रीय स्तर पर तैनात किए जाएंगे। अथॉरिटी लेवल पर कम से कम 25 और हर जिले में न्यूनतम एक उद्यमी मित्र की तैनाती की जाएगी। विदेशी निवेशकों की सुविधा को देखते हुए औद्योगिक विकास विभाग द्वारा एक कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाए। यहां दक्ष प्रफेशनल की तैनाती की जानी चाहिए। योगी ने कहा कि निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए जरूरी है कि कोई भी फाइल लंबित न रहे। निर्णय में कतई देरी न हो। हर एक एमओयू की नियमित अंतराल पर समीक्षा हो।

हर विभाग में बनेगा इंवेस्टमेंट इंप्लीमेंटेशन यूनिट

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिले निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए हर विभाग में एक इन्वेस्टमेंट इंप्लीमेंटेशन यूनिट बनाई जाएगी। सचिव स्तर के अधिकारी इसके मुखिया होंगे। हर एमओयू के लिए नोडल अधिकारी भी नामित होंगे। यह यूनिट अपने विभाग से जुड़े हर निवेश प्रस्ताव के क्रियान्वयन और निवेशकों से संवाद-संपर्क के लिए जिम्मेदार होगी। सीएम ने कहा कि विशेष सचिव और इससे ऊपर स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को सेक्टरवार या निवेश प्रस्ताव वार मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी जाए। हर एक प्रस्ताव की टाइमलाइन तय कर निवेशकों को समय पर इंसेंटिव दिया जाए।

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