GIS कराने वाली सरकार निवेशकों को जमीन नहीं दिला पा रही! फंस गया है 1400 करोड़ का विदेशी निवेश
नीदरलैंड की कंपनी अभी तक गाजियाबाद नगर निगम को जमीन पर कब्जा देने के लिए पांच बार पत्राचार कर चुकी है। हाल ही में इस मामले को लेकर कंपनी के अधिकारियों ने नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के साथ बैठक भी की थी। इसके बाद एक बार फिर से कंपनी ने निगम को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें जमीन पर जल्द से जल्द कब्जा दिया जाए। दरअसल गालंद और गांव पिपलेहड़ा में नगर निगम ने वेस्ट टु एनर्जी प्लांट के लिए 45 एकड़ जमीन खरीद है।
यहां नगर निगम प्रशासन की ओर से कई बार जमीन पर कब्जा लेकर उसकी बाउंड्री करने की कोशिश की गई। मगर आसपास के लोग वहां विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि कूड़ा नहीं डालने देंगे। उधर कंपनी ने पिछले वर्ष दो अक्टूबर को कार्य शुरू करने के लिए ग्राउंड सेरेमनी करने की घोषणा की थी। मगर नगर निगम समय पर कंपनी को जमीन पर कब्जा नहीं दे पाया। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ कहते है कि जमीन पर बाउंड्री का कार्य नगर निगम गाजियाबाद को पूरा करना है। इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये से यह कार्य करने का टेंडर छोड़ा हुआ है। बाउंड्री का कार्य कराने के लिए हापुड़ जिला प्रशासन से पुलिस फोर्स मांगी गई है। अभी तक फोर्स नहीं मिलने के कारण बाउंड्री बनाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
कब तक अटका रहेगा कार्य
प्लान था कि गाजियाबाद, पिलखुवा, हापुड़, मोदीनगर आदि कई शहरों का कचरा यहां वेस्ट टु एनर्जी प्लांट में यूज होगा। कंपनी इस कचरे से बिजली बनाकर यूपी सरकार को बेचेगी। इस पर करीब नीदरलैंड की कंपनी जीसी इंटरनैशनल को करीब 1400 करोड़ रुपये का निवेश करना है। इससे सैकड़ों लोगो को रोजगार मिलता और शहर कचरा फ्री होता। जमीन पर कब्जा नहीं मिलने के कारण विदेशी निवेश अटका है। इस मामले में नगर निगम के चीफ इंजीनियर एनके चौधरी का कहना है कि हापुड़ प्रशासन का जब सहयोग मिलेगा, तब ही जमीन पर कब्जा होगा और कंपनी को जमीन सौंपी जा सकती है।