बिमारी से परेशान किशोरी ने की आत्महत्या

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बिमारी से परेशान किशोरी ने की आत्महत्या
बिमारी से परेशान किशोरी ने की आत्महत्या

यूपी के जालौन जिले के उरई ईलाकें में अराधना नाम की किशोरी ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली। मामलें की शुरूआती तहकीक़ात में सामने आया है कि किशोरी मानसिक रूप से बिमार थी। दरअसल, किशोरी के परिजनों का कहना है कि आराधना लंबें वक्त से बिमार चल रही थी। फिलहाल पुलिस और परिजनों का यही कहना है कि बिमारी से परेशान होकर ही किशोरी ने आत्महत्या कर ली।

खबर के मुताबिक, आराधना और उसकी माँ यूपी के जालौन जिले के उरई में अकेले रहती थी। आराधना के पिता की मौत पहले ही चुकी है, जिसकी वजह से आराधन सदमें में आ गई थी। आराधना के भाई दूसरे शहर में नौकरी करते है, जिसकी वजह से यहाँ पर दोनों अकेली थी। आराधना की माँ का कहना है कि हर रोज की तरह आज भी सुबह उठकर वो घर का कामकाज करने में जुट गई, लेकिन आराधना अपने कमरे से नहीं निकली तो उन्हें शक हुआ और वो दरवाजा खटखटाने लगी। जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो आराधना की माँ ने पड़ोसियों को आवाज दी, लोगों ने दरवाजें को तोड़ दिया। लेकिन दरवाजा टूटने पर जो सच्चाई सामने आई उसके बारे में आराधना की माँ ने सोचा भी नहीं होगा। दरवाजा तोड़ने पर, सभी हैरान हो गये, क्योंकि आराधना खुद को दुपट्टे से बांधकर फांसी लगा ली थी। मौके पर ही पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस मामलें की जांच में जुटी हुई है।

मामला चाहे, जो कुछ भी हो लेकिन देश-प्रदेश में आत्महत्या की वारदातें लगातार बढ़ती ही जा रही है। आजकल लोगों को परेशानियों से निपटने के लिए सबसे सरल रास्ता आत्महत्या करना ही दिखता है। आये-दिन आत्महत्या की खबरें आती रहती है, ऐसा क्यों हो रहा है? इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण नजर आता है कि लोग अपनी समस्याओं से इतने परेशान हो जाते है कि उन्हें लगता हो कि जिंदगी खत्म कर देना ही, सबसे सही रास्ता होगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है, आत्महत्या करने से समस्याओं का निवारण नहीं होता है, बल्कि इससे समस्याएं और बढ़ती है। हालांकि ये समस्याएं आपके लिए नहीं बढ़ती है लेकिन ये समस्याएं आपके परिजनों के लिए बढ़ जाती है, जिससे वो ताउम्र नहीं ऊबर पाते है।

न्यूज़ फोर सोशल आपसे यह अपील करता है कि जिंदगी से प्यार कीजिए, उसे यूं न खत्म कीजिए। क्योंकि किसी ने कहा है कि जिंदगी सिर्फ एक ही बार मिलती है, इसलिए उसे हँसी-खुशी से बिताएं। समस्याओं का ही नाम जिंदगी है, ऐसे में हमें समस्याओं से डरना नहीं, बल्कि उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए।