Ghaziabad News: वर्क वीजा दिलाने के नाम पर युवक ने ठगे 32 लाख रुपए, जानिए कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां

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Ghaziabad News: वर्क वीजा दिलाने के नाम पर युवक ने ठगे 32 लाख रुपए, जानिए कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां

Ghaziabad News: वर्क वीजा दिलाने के नाम पर युवक ने ठगे 32 लाख रुपए, जानिए कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां


गाजियाबाद: गाजियाबाद में वर्क वीजा पर कनाडा और यूरोप भेजने के बहाने 32 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। विजय नगर थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू की गई है। पटियाला (पंजाब) की एक कंपनी ने केस दर्ज कराया है। कंपनी की तरफ से कहा गया कि आरोपी ने उनके 2 क्लाइंट का पासपोर्ट भी रख लिया है। आरोपी विजय नगर में कंपनी चलाता है और यूरोप और कनाडा का वीजा दिलाने का दावा करता है। एसीपी अंशु जैन ने बताया कि कई लोगों को विदेश भेजने की बात है। एक कंपनी ने दूसरी कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया है। हमारी जांच चल रही है।

पटियाला की वीजा ड्रीम प्लानर कंपनी के रवि दत्ता की तरफ से शिकायत दी गई है। उन्होंने बताया कि 2021 में चंदन कुमार से मुलाकात हुई थी। उसने बताया था कि वह गाजियाबाद में फॉक्सेडेन इंटरनैशनल नाम से कंपनी चलाता है। उसकी कंपनी कनाडा और यूरोप के वर्क वीजा आसानी से दिला देती है। रवि ने बताया कि उनके पास कुछ क्लाइंट्स आए थे, जिन्हें वर्क वीजा की जरूरत थी। 7 लोग कनाडा और 3 लोग यूरोप जाने वाले थे। इस संबंध में चंदन से बात की तो उसने वीजा दिलाने के लिए हामी भर दी। इसके लिए 32 लाख रुपये की पेमेंट भी ली।

रुपये लेने के बाद नहीं बनवाया वीजा

पीड़ित के अनुसार, इस मामले में रुपये लेने के बाद आरोपी ने कुछ समय मांगा था। करीब एक महीने के बाद उसने 8 पासपोर्ट बिना वीजा के भेज दिए। इस बारे में बात करने पर उसने कहा कि कंपनी की तरफ से वीजा होल्ड किया गया है। राजीव ने शिकायत में बताया है कि आरोपी अब रुपये भी वापस नहीं कर रहा है। सितंबर 2022 में उन्होंने इस मामले में गाजियाबाद पुलिस से शिकायत की थी। अब 5 महीने के बाद केस दर्ज हुआ है।

10 लोगों के लिए थे पासपोर्ट

आरोप है कि आरोपी वीजा के लिए 10 लोगों के पासपोर्ट लिए थे। इसमें से उसने कुछ दिन बाद 8 लोगों के तो पासपोर्ट वापस भेज दिए, लेकिन जतिंदर और हर्भवन के पासपोर्ट भी वापस नहीं किए। रवि ने कहा कि जिन लोगों के वर्क वीजा बनवाने के लिए उन्होंने रुपये लिए थे, वे अब उनके पास आ रहे हैं।

इन बातों का रखे ध्यान

वर्क वीजा के लिए भुगतान कंपनी की तरफ से किया जाता है। ट्रैवेलर से वीजा की फीस भरने तक की जिम्मेदारी कंपनी की होती है। ऐसे में कोई रुपये की डिमांड करें तो सतर्क हो जाएं।

जिस एजेंसी या कंपनी ने नौकरी का ऑफर मिला है, उसके बारे में अच्छे से जानकारी कर लें।
कई बार ट्रैवेल एजेंसी कैश में रुपये की डिमांड करती है। ऐसी एजेंसी से बचें और डिजिटल पेमेंट करें। डिजिटल पेमेंट करने पर आपके पास सबूत होगा।

वीजा मिलने के बाद विदेश जाने से पहले एजेंट, पासपोर्ट समेत दूसरी जानकारियां परिवार के लोगों से जरूर साझा करें।
अगर किसी कंपनी के बारे में संदेह है तो अपने दूतावास से भी जानकारी ली जा सकती है।

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