Ghaziabad News: …तो दिल्ली में डालेंगे कचरा, गाजियाबाद में कूड़ा डंप करने का मामला गरमाया
Mayor Sunita Dayal: कूड़ा निस्तारण को लेकर एमसीडी और गाजियाबाद नगर निगम आमने-सामने आ गए हैं। गाजियाबाद मेयर सुनीता दयला ने एमसीडी को नोटिस भेजा है।
गाजियाबाद: दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डालने आए दिल्ली नगर निगम (MCD) के 9 ट्रकों के पकड़े जाने के बाद मामला और गरमाता जा रहा है। मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि केस दर्ज कराने के बाद एमसीडी को भी नोटिस भेजा जा रहा है। उन्हें चेतावनी दी जाएगी कि अब तक जितना भी कूड़ा गाजियाबाद में डंप किया है, उसे उठा लें। अगर ऐसा नहीं किया तो दिल्ली की सीमा में इस कचरे को फेंक दिया जाएगा। पूरे प्रकरण में नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी ने अब तक जितना भी पैसा लिया है, उसे भी नोटिस देकर रिकवरी की जाएगी। नगर निगम के कर्मचारियों ने शुक्रवार रात 2 और गाड़ियों को कूड़ा डालते पकड़ा। एमसीडी की अब तक 11 गाड़ियों को पकड़ा जा चुका है। मेयर दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात कर इस मामले में आपत्ति दर्ज कराएंगी। उपराज्यपाल से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है।मेयर सुनीता दयाल ने शुक्रवार को एक सूचना के आधार पर मोरटा के निकट एमसीडी के तीन ट्रकों को पकड़ा था, जिसमें कूड़ा भरा था। ड्राइवरों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया था कि वह दिल्ली रोहणी और गाजीपुर से कूड़ा लाकर यहां डालने आए हैं। बाद में उन्हीं से मिली जानकारी के बाद मुरादनगर पाइप लाइन पर 6 ऐसी ही कूड़े की गाड़ियां पकड़ी गई थी। उनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एमसीडी की कूड़ा गाड़ियों के पकड़े जाने के बाद मेयर और सख्ती के मूड में हैं। उन्होंने बताया कि एमसीडी को नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि उन्होंने दिल्ली का कूड़ा यहां में किस अधिकार के साथ डाला। इसमें गाजियाबाद नगर निगम के किसी अधिकारी कि क्या कोई सहमति थी? एमसीडी के अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी जाएगी कि वह इस बात की जांच करें कि कब से कूड़ा यहां फेंका जा रहा है और उसे खुद ही उठाने की व्यवस्था करें। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया एमसीडी के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और कूड़े को दिल्ली की सीमा में फेंका जाएगा।
‘कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी की मिलीभगत’
मेयर ने बताया कि जिस प्रकार से कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी जीरोन की मिलीभगत से गाजियाबाद में कूड़ा फेंका जा रहा था, उसी आधार पर ही कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। कंपनी को नोटिस जारी कर इस बात की जांच की जा रही है कि अब तक कंपनी ने कितना कूड़ा निस्तारण के एवज में भुगतान लिया है। उन्होंने आशंका जताई है कि संभव है यह कंपनी फर्जी तरीके से दिल्ली के कूड़े का भी भुगतान नगर निगम गाजियाबाद और दिल्ली दोनों से ही ले रही हो। इसकी पूरी जांच की जा रही है। उसे रिकवरी नोटिस जारी कर जांच कराई जाएगी।
नगर निगम के अफसरों की भूमिका की जांच
मेयर के अनुसार, कूड़ा प्रकरण में नगर निगम के अफसरों की भी भूमिका की जांच कराई जाएगी। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की इसमें संलिप्तता मिली तो उसके खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट प्रदेश शासन और मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है।
कैसे पकड़ा गया मामला
नगर निगम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, निगम क्षेत्र के 100 वॉर्डों में प्रतिदिन 1400 मिट्रिक टन कूड़ा निकलता है। उसे गालंद कूड़ा निस्तारण सेंटर बनने तक मोरटा के निकट बने कूड़ा केंद्र पर डाला जाता है। बारिश होने के कारण पांच दिन तक कूड़ा उठ नहीं पाया था, जबकि मोरटा के निकट केंद्र पर लगातार कूड़ा डालने की सूचना मेयर और कुछ पार्षदों को मिल रही थी। इस पर मेयर ने दो पार्षदों राजीव शर्मा और प्रवीण चौधरी के साथ मोरटा कूड़ा केंद्र का निरीक्षण करने पहुंच गईं। वहां कूड़ा डालती तीन गाड़ियां मिल गईं और पूरे मामले का खुलासा हो गया।
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‘कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी की मिलीभगत’
मेयर ने बताया कि जिस प्रकार से कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी जीरोन की मिलीभगत से गाजियाबाद में कूड़ा फेंका जा रहा था, उसी आधार पर ही कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। कंपनी को नोटिस जारी कर इस बात की जांच की जा रही है कि अब तक कंपनी ने कितना कूड़ा निस्तारण के एवज में भुगतान लिया है। उन्होंने आशंका जताई है कि संभव है यह कंपनी फर्जी तरीके से दिल्ली के कूड़े का भी भुगतान नगर निगम गाजियाबाद और दिल्ली दोनों से ही ले रही हो। इसकी पूरी जांच की जा रही है। उसे रिकवरी नोटिस जारी कर जांच कराई जाएगी।
नगर निगम के अफसरों की भूमिका की जांच
मेयर के अनुसार, कूड़ा प्रकरण में नगर निगम के अफसरों की भी भूमिका की जांच कराई जाएगी। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की इसमें संलिप्तता मिली तो उसके खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट प्रदेश शासन और मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है।
कैसे पकड़ा गया मामला
नगर निगम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, निगम क्षेत्र के 100 वॉर्डों में प्रतिदिन 1400 मिट्रिक टन कूड़ा निकलता है। उसे गालंद कूड़ा निस्तारण सेंटर बनने तक मोरटा के निकट बने कूड़ा केंद्र पर डाला जाता है। बारिश होने के कारण पांच दिन तक कूड़ा उठ नहीं पाया था, जबकि मोरटा के निकट केंद्र पर लगातार कूड़ा डालने की सूचना मेयर और कुछ पार्षदों को मिल रही थी। इस पर मेयर ने दो पार्षदों राजीव शर्मा और प्रवीण चौधरी के साथ मोरटा कूड़ा केंद्र का निरीक्षण करने पहुंच गईं। वहां कूड़ा डालती तीन गाड़ियां मिल गईं और पूरे मामले का खुलासा हो गया।
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