Ghaziabad Loan Fraud: 450 करोड़ का लोन फ्रॉड करने वाले लक्ष्य तंवर पर बड़ा ऐक्शन, 15 करोड़ की 6 संपत्तियां कुर्क

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Ghaziabad Loan Fraud: 450 करोड़ का लोन फ्रॉड करने वाले लक्ष्य तंवर पर बड़ा ऐक्शन, 15 करोड़ की 6 संपत्तियां कुर्क

Ghaziabad Loan Fraud: 450 करोड़ का लोन फ्रॉड करने वाले लक्ष्य तंवर पर बड़ा ऐक्शन, 15 करोड़ की 6 संपत्तियां कुर्क

गाजियाबादःबैंककर्मियों के साथ मिलकर 400 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने वाले लोन माफिया लक्ष्य तंवर और उसके साथियों की 6 स्थानों पर करीब 15 करोड़ की प्रॉपर्टी को कुर्क किया गया है। इस दौरान पुलिस की टीम ने प्रॉपर्टी पर नोटिस भी चस्पा कर दिया। मामले में मंगलवार को आदेश किया गया था, जिसके बाद बुधवार को टीम पहुंची और कार्रवाई की गई। लक्ष्य की अभी तक पुलिस 44 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को कुर्क कर चुकी है।डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि लक्ष्य समेत पीएनबी बैंककर्मी को गिरफ्तार किया था। लक्ष्य करीब दो साल से जेल में है। पुलिस ने 12 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की थी। अग्रवाल ने बताया कि आरोपी की नेहरू नगर में 4 करोड़ की एक, तुरब नगर में 3 करोड़, पटेल नगर में 3 करोड़, राज नगर एक्सटेंशन में 1 करोड़ और चिरंजीवी विहार में 2-2 करोड़ के दो भूखंडों की कुर्की की है। गाजियाबाद के रहने वाले तंवर के नाम एनसीआर के सीबीआई और मेरठ में आर्थिक अपराध शाखा समेत कई पुलिस स्टेशनों में 42 एफआईआर दर्ज है। वह फर्जी कर्ज लेकर बैंकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में 2012 से न्यायिक हिरासत में है।

अग्रवाल ने कहा कि तंवर को 31 अगस्त 2021 को एक लोन फ्रॉड मामले में गिरफ्तार किया गया था और यह पाया गया था कि उन्होंने 450 करोड़ रुपये से अधिक के धोखाधड़ी वाले लोन को निकालने के लिए पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों के एक ग्रुप के साथ काम किया था। पुलिस ने कहा कि तंवर प्रॉपर्टी डीलर बनकर अपनी संपत्ति बेचने की योजना बना रहे लोगों से मिलता था। वह उन्हें संभावित खरीदारों से मिलवाता था और एक बार सौदा हो जाने के बाद उनके रजिस्ट्री दस्तावेज़ ले लेता था। इससे वह अपने सहयोगियों के नाम पर लोन लेता था। यह सब कुछ बैंक अधिकारियों की मदद से होता था।

तंवर का पहला निशाना सेवानिवृत्त डीएसपी एलएस मौर्या थे, जिन्होंने साल 2012 में तुरबनगर में 32 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदा था। इसके लिए उन्होंने पीएनबी की चंदर नगर शाखा से कर्ज लिया था। फ्लैट साल 2015 में पंजीकृत किया गया था। साल 2018 में एक बैंक अधिकारी ने मौर्य को सूचित किया कि उनकी संपत्ति के खिलाफ 70 लाख रुपये का लोन लिया गया है। इसके बाद उन्होंने तंवर के खिलाफ उनकी प्रॉपर्टी कृष्ण कुमार नाम के किसी कपड़ा क्लीनर को स्थानांतरित करने और इस पर बैंक से लोन लेने का आरोप लगाते हुए शिकायत की।

पुलिस ने शुरुआत में इस लोन फ्रॉड को 50 करोड़ रुपये का बताया था लेकिन इस मामले की जांच के लिए अक्टूबर 2021 में गठित एक एसआईटी ने बाद में कहा कि यह राशि 450 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। ज्यादातर मामलों में तंवर पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) और गैंगस्टर ऐक्ट के तहत आरोप लगे हैं। पुलिस ने कहा कि आरोपी पहले जीविकोपार्जन के लिए कपड़े प्रेस करता था।

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