Ghaziabad DME News: अंधेरा, अतिक्रमण, छुट्टा जानवर, डीएमई के लिए बने अंडरपास दे रहे हादसों को न्योता
गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) (Delhi Meerut Expressway) को एनएचएआई ने तैयार किया है लेकिन इसमें कई तरह की खामियां हैं। इनकी वजह से पब्लिक को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन एक्सिडेंट का खतरा बना रहता है। अभी तक हमने वाहनों के रॉन्ग साइड चलने की वजह से होने वाले हादसों और डीएमई को डिवाइडर के जरिए पार करने की वजह से होने वाले हादसों के बारे में बताया है। ऐसे हादसों के पीछे कुछ हद तक अधिकारियों की लापरवाही है तो उससे भी ज्यादा पब्लिक की शॉर्टकट अपनाने की आदत। लोग शॉर्टकट के चक्कर में डीएमई को फुट ओवरब्रिज की बजाय पैदल ही डिवाइडर लांघकर पार करते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है। वहीं, डीएमई के अंडरपास के निर्माण में भी डिजाइन की खामी के आरोप लगते रहे हैं। इसकी वजह से भी हादसे की आशंका रहती है।
इस समस्या को कम करने के लिए एनएचएआई की तरफ से इन अंडरपास के पास शीशे भी लगाए गए हैं, लेकिन कुछ अराजक तत्व इन शीशों को भी तोड़कर चले जाते हैं। जिसकी वजह से वाहन निकालने वाले चालक को हादसे का डर लगा रहता है। डीएमई पर बने राहुल विहार अंडरपास, बहरामपुर अंडरपास और सिद्धार्थ विहार अंडरपास के अलावा कई अन्य जगह बने अंडरपास पर भी यह दिक्कत है।
शाम होते ही छा जाता है अंधेरा
इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि डीएमई के कई अंडरपास में लाइट नहीं लगी हैं, जिससे वहां शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। जिसकी वजह से यहां से रात के समय गुजरने में हादसे का डर रहता है। वहीं दिन में इन अंडरपास में आवारा पशु अपना डेरा जमाए रहते हैं। जिनकी वजह से भी कई बार एक्सिडेंट जैसे हालात बन जाते हैं। कुछ अंडरपास में रेहड़ी पटरी वाले अतिक्रमण कर पूरी जगह को घेर लेते हैं। इसके चलते वाहन चालकों को निकलने में काफी दिक्कत होती है।
‘जगह कम होने से लगता है डर’
इस तरह के मामलों के विशेषज्ञ एमके माहेश्वरी का कहना है कि अंडरपास में जब भी आप निकलते हैं तो आपको हमेशा सिर निकालकर देखना पड़ता है कि कहीं कोई गाड़ी तो नहीं आ रही है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। वहीं एनएचएआई के अधिकारियों की मानें तो अंडरपास के सामने जगह कम होने की वजह से इस तरह की दिक्कत आती है। अधिकांश जगह पर शीशे लगा दिए गए हैं। जिससे वाहन चालकों को दूसरी तरफ से आ रही गाड़ी के बारे में पता चल सके।
साइन बोर्ड भी नहीं लगाए गएएक्सपर्ट बताते हैं कि एनएचएआई ने अंडरपास के पास शीशे जरूर लगवा दिए हैं लेकिन वहां पर ऐसे साइन बोर्ड भी होने चाहिए जिन पर GIVE WAY लिखा होता है। यह साइन बोर्ड बताता है कि अंडरपास के भीतर से आने वाले वाहन को पहले रुकना होगा जब तक कि सर्विस रोड से आ रहा वाहन निकल न जाए। जब सर्विस रोड से वाहन निकल जाए उसके बाद अंडरपास से होकर आने वाले वाहन को निकलना चाहिए। इससे एक्सिडेंट की संभावना खत्म हो जाएगी।
मनमानी पार्किंग से भी दिक्कतअंडरपास के आसपास ही लोग मनमाने तरीके से वाहनों को पार्क कर देते हैं। इस वजह से रोड पर जगह कम हो जाती है, जिससे हादसे की संभावना बनी रहती है। एनएचएआई और ट्रैफिक पुलिस को इस तरह से पार्क करके खड़े होने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कई बार बेतरतीब तरीके से खड़े इन वाहनों की वजह से सर्विस रोड और एनएच-9 पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है।
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इस समस्या को कम करने के लिए एनएचएआई की तरफ से इन अंडरपास के पास शीशे भी लगाए गए हैं, लेकिन कुछ अराजक तत्व इन शीशों को भी तोड़कर चले जाते हैं। जिसकी वजह से वाहन निकालने वाले चालक को हादसे का डर लगा रहता है। डीएमई पर बने राहुल विहार अंडरपास, बहरामपुर अंडरपास और सिद्धार्थ विहार अंडरपास के अलावा कई अन्य जगह बने अंडरपास पर भी यह दिक्कत है।
शाम होते ही छा जाता है अंधेरा
इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि डीएमई के कई अंडरपास में लाइट नहीं लगी हैं, जिससे वहां शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। जिसकी वजह से यहां से रात के समय गुजरने में हादसे का डर रहता है। वहीं दिन में इन अंडरपास में आवारा पशु अपना डेरा जमाए रहते हैं। जिनकी वजह से भी कई बार एक्सिडेंट जैसे हालात बन जाते हैं। कुछ अंडरपास में रेहड़ी पटरी वाले अतिक्रमण कर पूरी जगह को घेर लेते हैं। इसके चलते वाहन चालकों को निकलने में काफी दिक्कत होती है।
‘जगह कम होने से लगता है डर’
इस तरह के मामलों के विशेषज्ञ एमके माहेश्वरी का कहना है कि अंडरपास में जब भी आप निकलते हैं तो आपको हमेशा सिर निकालकर देखना पड़ता है कि कहीं कोई गाड़ी तो नहीं आ रही है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। वहीं एनएचएआई के अधिकारियों की मानें तो अंडरपास के सामने जगह कम होने की वजह से इस तरह की दिक्कत आती है। अधिकांश जगह पर शीशे लगा दिए गए हैं। जिससे वाहन चालकों को दूसरी तरफ से आ रही गाड़ी के बारे में पता चल सके।
साइन बोर्ड भी नहीं लगाए गएएक्सपर्ट बताते हैं कि एनएचएआई ने अंडरपास के पास शीशे जरूर लगवा दिए हैं लेकिन वहां पर ऐसे साइन बोर्ड भी होने चाहिए जिन पर GIVE WAY लिखा होता है। यह साइन बोर्ड बताता है कि अंडरपास के भीतर से आने वाले वाहन को पहले रुकना होगा जब तक कि सर्विस रोड से आ रहा वाहन निकल न जाए। जब सर्विस रोड से वाहन निकल जाए उसके बाद अंडरपास से होकर आने वाले वाहन को निकलना चाहिए। इससे एक्सिडेंट की संभावना खत्म हो जाएगी।
मनमानी पार्किंग से भी दिक्कतअंडरपास के आसपास ही लोग मनमाने तरीके से वाहनों को पार्क कर देते हैं। इस वजह से रोड पर जगह कम हो जाती है, जिससे हादसे की संभावना बनी रहती है। एनएचएआई और ट्रैफिक पुलिस को इस तरह से पार्क करके खड़े होने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कई बार बेतरतीब तरीके से खड़े इन वाहनों की वजह से सर्विस रोड और एनएच-9 पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है।