Ghaziabad: 10 साल से बैंकों की EMI ही भर रहे…अब तक नहीं मिला फ्लैट, रेड एपल रेजीडेंसी पर एक और मुकदमा

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Ghaziabad: 10 साल से बैंकों की EMI ही भर रहे…अब तक नहीं मिला फ्लैट, रेड एपल रेजीडेंसी पर एक और मुकदमा

Ghaziabad: 10 साल से बैंकों की EMI ही भर रहे…अब तक नहीं मिला फ्लैट, रेड एपल रेजीडेंसी पर एक और मुकदमा

गाजियाबाद: रेड एपल रेजीडेंसी (Red Apple Residency) और होम्स में फ्लैट लेने के नाम पर ठगी का शिकार हुए लोगों की लिस्ट हर दिन लंबी होती जा रही है। इस मामले में हाल में दर्ज हुए मामलों में सामने आया है कि बिल्डर ने एजेंट के माध्यम से कई सरकारी क्वार्टर, स्कूलों और संस्थानों में जाकर अपने प्रॉजेक्ट के जाल में लोगों की फंसाया था। इस दौरान लोगों को झांसा दिया गया था कि पजेशन मिलने तक उनकी ईएमआई बिल्डर की तरफ से जमा की जाएगी। इस लुभावने वादे के झांसे में सिर्फ गाजियाबाद ही नहीं, दिल्ली-एनसीआर के कई लोग आए हैं।

अब इस मामले में नंदग्राम थाने में दिल्ली के रहने वाले फाइन आर्ट्स के टीचर ने बिल्डर और एसबीआई की जनकपुरी ब्रांच के कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करवाया है। उन्होंने 2012 में फ्लैट बुक किया था और लोन समेत 19 लाख रुपये बिल्डर को दिए थे। उन्हें आठवें फ्लोर पर फ्लैट अलॉट हुआ था। जिसकी परमिशन तक नहीं है। इस मामले में अब जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर की जा रही है। वहीं, पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ 20 मामलों में चार्जशीट दाखिल की है।

मकान के किराए के साथ ईएमआई भी भर रहे लोग

फाइन आर्ट्स टीचर सजेल नंदी ने बताया कि वह गाजियाबाद के एक स्कूल में पढ़ाते हैं। उनके पास बिल्डर का एजेंट आया और उसने बताया कि फ्लैट बुक करने पर उसने पजेशन तक ईएमआई नहीं देने की बात कही। इसके बाद उन्होंने 2012 में फ्लैट बुक किया और उसके फ्लैट पर एसबीआई ने लोन भी पास कर दिया। अब 10 साल बाद फ्लैट भी नहीं मिला है। वह दिल्ली में किराए पर रहते हैं और अब मकान के किराए के साथ हर महीने ईएमआई भी दे रहे हैं। इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

900 से ज्यादा पीड़ित, 90 एफआईआर हुईं दर्ज

इस मामले में अभी तक नंदग्राम थाने में करीब 90 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। बिल्डर ने अपने 2 प्रॉजेक्ट में लोगों को फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों की ठगी की है। उसने 10 मंजिल तक पास रेड एपल रेजीडेंसी में 14 फ्लोर और 7 मंजिल पास रेड एपल होम्स में भी 14 मंजिल के फ्लैट बेच दिए हैं। इस मामले में अभी तक 900 पीड़ितों की जानकारी हुई है। ये लोग धीरे-धीरे इस मामले में शिकायत कर रहे हैं।

क्या होगा हमारा, कब मिलेगा सपनों का घर

फ्लैट के इंतजार में 10 साल से इंतजार कर रहे लोग अब जीडीए समेत अन्य सरकारी विभागों से सवाल कर रहे हैं कि आखिर उनका क्या होगा। इसमें ऐसे लोग भी हैं जिनके फ्लैट जीडीए से पास है, वह बनेंगे या नहीं इस बारे में सवाल करते हुए विभागों को लेटर लिया जाएगा। सजेल ने कहा कि वह ईएमआई भी दे रहे हैं, लेकिन अभी तक यह क्लियर नहीं है उनके फ्लैट का क्या होगा।

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