Ghaziabad: गैस सिलिंडर लदा ई-रिक्शा पलटने से गई बच्ची की जान, ड्राइवर की तलाश जारी

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Ghaziabad: गैस सिलिंडर लदा ई-रिक्शा पलटने से गई बच्ची की जान, ड्राइवर की तलाश जारी

Ghaziabad: गैस सिलिंडर लदा ई-रिक्शा पलटने से गई बच्ची की जान, ड्राइवर की तलाश जारी


गाजियाबाद: गैस सिलिंडर लेकर जा रहा ई-रिक्शा शुक्रवार को बाइक में टक्कर मारने के बाद पलट गया। इस बीच रोड किनारे खड़ीं दो बच्चियां इसकी चपेट में आ गई। जिनमें से एक बच्ची की मौत हो गई वहीं दूसरी की हालत गंभीर है। हादसा डासना गेट के पास हुआ। ई-रिक्शा गैस एजेंसी का है। 2019 में खरीदे गए ई-रिक्शे का संभागीय परिवहन कार्यालय (RTO) में पंजीकरण भी नहीं कराया गया था। एजेंसी संचालक पूर्व विधायक केके शर्मा ने कहा कि हादसे के वक्त ड्राइवर नहीं था। किसी बच्चे ने छेड़छाड़ की, जिससे ई-रिक्शा पलट गया।

डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल ने कहा कि घंटाघर कोतवाली में केस दर्ज कर ई-रिक्शा कब्जे में लिया गया है। ड्राइवर की तलाश चल रही है। RTO में पंजीकरण के बारे में पता किया जा रहा है। गैस एजेंसी से भी इस संबंध में जानकारी मांगी गई है। अगर पंजीकरण नहीं कराया होगा तो एजेंसी पर भी कार्रवाई होगी।

मोरी गेट निवासी आमिर ने बताया कि सोमवार को उनकी बहन की सगाई है। उसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी बहन आसिफा दिल्ली से अपने बच्चों के साथ आई थी। दोनों भांजियां अलीना और आइशा घर के बाहर खड़े थे, तभी तेज रफ्तार ई-रिक्शा पहुंचा। उस पर कई गैस सिलिंडर लदे थे। ओवरलोड और तेज रफ्तार की वजह से ई-रिक्शे ने बाइक में टक्कर मारी, फिर पलट गया। ई-रिक्शे की चपेट में दोनों बच्चियां भी आ गईं। अलीना को गंभीर चोट आई थी। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आइशा का अभी इलाज चल रहा है। आमिर ने बताया कि हादसा इतनी तेज हुआ कि कुछ समझ नहीं आया। जब तक भांजियों को संभाला, तब तक आरोपी ड्राइवर भाग गया।

रजिस्ट्रेशन नहीं होता था, इसलिए नहीं कराया थाः एजेंसी संचालक

कमला एजेंसी की तरफ से बताया गया कि जिस ई-रिक्शे से हादसा हुआ, उसे 2019 में खरीदा गया था। उसका रजिस्ट्रेशन नहीं था। एजेंसी के संचालक केके शर्मा ने कहा कि सामाजिक कार्यों में व्यस्तता की वजह से परिवार के लोग उससे जुड़ा कार्य देखते हैं। 2019 में जब ई-रिक्शा खरीदा गया था, तब रजिस्ट्रेशन नहीं होता था। इसी वजह से RTO में पंजीकरण नहीं कराया जा सका। केके शर्मा ने कहा कि हादसे के समय ई-रिक्शे का ड्राइवर मौके पर नहीं था। वहां कुछ बच्चे थे। उन्होंने ई-रिक्शा में छेड़छाड़ किया, जिससे हादसा हो गया।

2019 में हो रहे थे रजिस्ट्रेशनः RTO

संभागीय परिवहन अधिकारी (RTO) अरुण वार्ष्णेय ने कहा कि 2019 में ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन हो रहा था। अधिकारिक डीलर ई-रिक्शा बेचने के दौरान ही रजिस्ट्रेशन कराते हैं। कोई बगैर वाहन रजिस्ट्रेशन के चल रहा है तो अवैध है। ऐसे वाहनों को पकड़ने के लिए RTO के साथ ही ट्रैफिक पुलिस भी अभियान चला रही है। एक बार ऐसे ई-रिक्शा सीज किए गए तो दोबारा छोड़े नहीं जाएंगे। अवैध डीलरों पर कार्रवाई होगी तो ही ऐसे ई-रिक्शा की बिक्री पूरी तरह रुक सकती है। डंपिंग यार्ड मिलने के बाद RTO अपने स्तर पर भी बड़ा अभियान चलाएगी।

20 हजार से ज्यादा अवैध ई-रिक्शे दौड़ रहे

संभागीय परिवहन कार्यालय के अनुसार, गाजियाबाद में करीब 6 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। ट्रैफिक पुलिस ने एक अनुमान लगाया था कि यहां करीब 20 हजार से ज्यादा अवैध रिक्शा दौड़ रहे हैं। पिछले दिनों पुलिस ने ऐसे ई-रिक्शा को पकड़ने के लिए पूरे जिले में अभियान चलाया, लेकिन कुछ वक्त बाद उसे बंद कर दिया गया। कहा जा रहा है कि पुलिस और RTO की सुस्ती की वजह से इन्हें सड़कों से नहीं हटाया जा रहा है। कई ई-रिक्शा तो अवैध तरीके से सामान ढोने में लगे हैं। ओवरलोड होने और तेज रफ्तार की वजह से अकसर ये पलट जाते हैं।

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