Gautam Adani vs Hindenburg: कोर्ट जाएंगे… जाकर देखिए, Hindenburg Research की गौतम अडानी को खुली चुनौती

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Gautam Adani vs Hindenburg: कोर्ट जाएंगे… जाकर देखिए, Hindenburg Research की गौतम अडानी को खुली चुनौती

Gautam Adani vs Hindenburg: कोर्ट जाएंगे… जाकर देखिए, Hindenburg Research की गौतम अडानी को खुली चुनौती


नई दिल्ली: अडानी ग्रुप (Adani Group) और अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के बीच विवाद गहरा गया है। भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी (Gautam Adani) की अगुवाई वाले अडानी ग्रुप ने गुरुवार को कहा कि वह अमेरिकी कंपनी के खिलाफ लीगल एक्शन पर विचार कर रहा है। उसका कहना है कि उसकी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (FPO) से पहले इस तरह की रिपोर्ट आना जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का प्रयास है। वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है। हिंडनबर्ग की बुधवार को जारी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इससे अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।

रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद अडानी ग्रुप ने संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। उसके कुछ ही घंटे बाद ही हिंडनबर्ग ने ट्विटर पर लिखा कि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में उठाए गए 88 सीधे सवालों में से किसी का भी जवाब नहीं दिया है। कंपनी ने यह भी कहा कि अगर अडानी ग्रुप गंभीर है, तो उसे अमेरिका में भी मुकदमा दायर करना चाहिए जहां हम काम करते हैं। हमारे पास कानूनी प्रक्रिया के दौरान मांगे जाने वाले दस्तावेजों की एक लंबी सूची है।

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बदनाम करने की कोशिश

अडानी ग्रुप के लीगल मामलों के प्रमुख जतिन जलुंधवाला ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने गलत इरादे से बिना कोई शोध और पूरी जानकारी के समूह के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित की। इससे अडानी ग्रुप, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारतीय शेयर बाजार में रिपोर्ट के जरिए जो उतार-चढ़ाव आया, वह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और उसकी निराधार बातें कुछ और नहीं बल्कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार की गयी थीं।

जलुंधवाला ने कहा कि एक विदेशी फर्म ने जानबूझकर और बिना सोचे-विचारे निवेशक समुदाय और आम लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है। उसने अडानी ग्रुप, उसके नेतृत्व की साख को बट्टा लगाने के साथ अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ की बिक्री को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। हम उसकी इन हरकतों से काफी परेशान हैं। हम हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अमेरिकी और भारतीय कानून के तहत निपटने और दंडात्मक कार्रवाई पर गौर कर रहे हैं।

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कानूनी कार्रवाई में दम नहीं

हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुधवार को कहा था कि उसके दो साल के शोध के बाद यह पता चला कि अडानी ग्रुप दशकों से खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल रहा है। यह रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ के आवेदन खुलने से ठीक पहले आई है। कंपनी का एफपीओ शुक्रवार को खुल रहा है। इस बीच हिंडनबर्ग ने गुरुवार को कहा, ‘हमें अपनी रिपोर्ट जारी किए 36 घंटे हो गए हैं लेकिन अडानी ग्रुप ने एक भी मामले का जवाब नहीं दिया है।’ हिंडनबर्ग ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है। उसे पूरा विश्वास है कि अगर कोई कानूनी कार्रवाई की जाती है, उसमें कोई दम नहीं होगा।

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