Gautam Adani on Modi: पीएम नरेंद्र मोदी से बिजनस में मिला फायदा? जानिए गौतम अडानी ने क्या कहा… h3>
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) की दौलत हाल के वर्षों में रॉकेट की स्पीड से बढ़ी है। आलोचकों का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) के साथ करीबी के कारण उन्हें बिजनस में जबरदस्त फायदा हुआ है। लेकिन अडानी ने इन आरोपों का खारिज किया है। उनका कहना है कि उनकी सफलता के पीछे कई नेता और कई सरकारें हैं। उन्हें किसी एक व्यक्ति नेता के कारण सफलता नहीं मिली है बल्कि इसका श्रेय पिछले तीन दशक में हुए नीतिगत बदलाव को जाता है। अडानी ने साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वह एक ही प्रदेश से आते हैं, इसलिए उनपर निराधार आरोप लगाना आसान हो जाता है।
अडानी ने इंडिया टुडे ग्रुप के दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही। जब उनसे पूछा गया कि वह उन आलोचकों के बारे में क्या कहना चाहते हैं जो कहते हैं कि आपकी जबरदस्त कामयाबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से है। इस पर अडानी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैं एक ही प्रदेश से आते हैं, इसलिए मुझ पर ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाना आसान हो जाता है। लेकिन इसमें सच्चाई नहीं है। मेरा सफर तब शुरु हुआ, जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने एग्जिम पॉलिसी को बढ़ावा दिया और जिससे मेरा एक्सपोर्ट हाउस शुरु हुआ। अगर वह न होते तो मेरी शुरुआत न होती।’
कब-कब मिले मौके
अडानी ने कहा कि उन्हें दूसरा मौका 1991 में मिला जब तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों को लागू किया। बहुत लोगों के साथ उन्हें भी इसका फायदा हुआ। तीसरा मौका 1995 में आया, जब केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उससे पहले गुजरात में औद्योगिक विकास केवल मुंबई से दिल्ली एनएच-8 के इर्दगिर्द ही सीमित था। उन्होंने तटीय इलाकों पर ध्यान दिया और मुझे मुंद्रा पर अपना पहला पोर्ट बनाने का मौका मिला।
भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस ने कहा कि उन्हें चौथा मौका 2001 में मिला जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम बने। उनकी नीतियों से गुजरात के आर्थिक विकास को पंख लगे। आज वही काम मोदी देश में कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे खिलाफ ऐसा बोला जाता है। ये सब निराधार है और हमारी प्रगति के खिलाफ पक्षपात है। मोदी देश के हर नागरिक के जीवन में बदलाव लेकर आए हैं। वह देश के आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास पर भी जोर दे रहे हैं।
भारत की शताब्दी
अडानी ने कहा कि मोदी की नीतियों से देश में औद्योगिक और आर्थिक विकास हुआ है। आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया से उत्पादन और कारोबार के नए मौके बने हैं और लाखों लोगों को रोजगार मिला है। स्वच्छ भारत, जनधन योजना, डीबीटी और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से देश में आमूलचूल बदलाव देखने को मिला है। अडानी ने कहा कि हमें एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने में 58 साल लगे थे। अगले 12 साल में हम दो ट्रिलियन डॉलर और फिर पांच साल में तीन ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गए। अगले दशक में हम हर 12 से 18 महीने में हम जीडीपी में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ने की स्थिति में होंगे।
उन्होंने कहा कि 2050 में भारत 160 करोड़ युवाओं का देश होगा जिनकी औसत उम्र 38 साल होगी। भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ा मिडिल क्लास होगा और हमारी इकॉनमी 30 ट्रिलियन डॉलर की होगी। यह शताब्दी सही मायनों में भारत की होगी। माना जा रहा है कि दुनिया में अगले साल मंदी दस्तक दे सकती है। इस बारे में अडानी ने कहा कि 2008 में भी कुछ लोगों ने ऐसी भविष्यवाणी की थी लेकिन भारत ने इसे गलत साबित किया था। इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को पेश होने वाला बजट इस तरह चिंताओं को दूर करने में मददगार साबित होगा।
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अडानी ने इंडिया टुडे ग्रुप के दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही। जब उनसे पूछा गया कि वह उन आलोचकों के बारे में क्या कहना चाहते हैं जो कहते हैं कि आपकी जबरदस्त कामयाबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से है। इस पर अडानी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैं एक ही प्रदेश से आते हैं, इसलिए मुझ पर ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाना आसान हो जाता है। लेकिन इसमें सच्चाई नहीं है। मेरा सफर तब शुरु हुआ, जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने एग्जिम पॉलिसी को बढ़ावा दिया और जिससे मेरा एक्सपोर्ट हाउस शुरु हुआ। अगर वह न होते तो मेरी शुरुआत न होती।’
कब-कब मिले मौके
अडानी ने कहा कि उन्हें दूसरा मौका 1991 में मिला जब तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों को लागू किया। बहुत लोगों के साथ उन्हें भी इसका फायदा हुआ। तीसरा मौका 1995 में आया, जब केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उससे पहले गुजरात में औद्योगिक विकास केवल मुंबई से दिल्ली एनएच-8 के इर्दगिर्द ही सीमित था। उन्होंने तटीय इलाकों पर ध्यान दिया और मुझे मुंद्रा पर अपना पहला पोर्ट बनाने का मौका मिला।
भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस ने कहा कि उन्हें चौथा मौका 2001 में मिला जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम बने। उनकी नीतियों से गुजरात के आर्थिक विकास को पंख लगे। आज वही काम मोदी देश में कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे खिलाफ ऐसा बोला जाता है। ये सब निराधार है और हमारी प्रगति के खिलाफ पक्षपात है। मोदी देश के हर नागरिक के जीवन में बदलाव लेकर आए हैं। वह देश के आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास पर भी जोर दे रहे हैं।
भारत की शताब्दी
अडानी ने कहा कि मोदी की नीतियों से देश में औद्योगिक और आर्थिक विकास हुआ है। आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया से उत्पादन और कारोबार के नए मौके बने हैं और लाखों लोगों को रोजगार मिला है। स्वच्छ भारत, जनधन योजना, डीबीटी और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से देश में आमूलचूल बदलाव देखने को मिला है। अडानी ने कहा कि हमें एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने में 58 साल लगे थे। अगले 12 साल में हम दो ट्रिलियन डॉलर और फिर पांच साल में तीन ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गए। अगले दशक में हम हर 12 से 18 महीने में हम जीडीपी में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ने की स्थिति में होंगे।
उन्होंने कहा कि 2050 में भारत 160 करोड़ युवाओं का देश होगा जिनकी औसत उम्र 38 साल होगी। भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ा मिडिल क्लास होगा और हमारी इकॉनमी 30 ट्रिलियन डॉलर की होगी। यह शताब्दी सही मायनों में भारत की होगी। माना जा रहा है कि दुनिया में अगले साल मंदी दस्तक दे सकती है। इस बारे में अडानी ने कहा कि 2008 में भी कुछ लोगों ने ऐसी भविष्यवाणी की थी लेकिन भारत ने इसे गलत साबित किया था। इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को पेश होने वाला बजट इस तरह चिंताओं को दूर करने में मददगार साबित होगा।
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